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Bank Loan : इन दो और बैंकों ने बढ़ा दी कर्ज देने की ब्याज दरें, अब लोन लेना होगा पड़ेगा और महंगा

दो दिन पहले रेपो रेट बढ़ने के बाद लगभग सभी बैंकों ने लोन पर ब्याज बढ़ा दिया है। आज दो और बैंकों ने ब्याज की बढ़ोतरी का ऐलान किया। अब लोन लेना और भी मुश्किल हो जाएगा। जानिए कितनी बढ़े Rates।
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HR Breaking News : नई दिल्ली : आईसीआईसीआई बैंक की नई दर 5 अगस्त से लागू है और पंजाब नेशनल बैंक की दर 8 अगस्त से लागू हो जाएंगी. इससे लोगों को महंगा लोन लेना पड़ेगा और पुराने कस्टमर की ईएमआई भी बढ़ जाएगी।
Interest Rates Hike: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की तरफ से मानक ब्याज दर में 0.50 फीसदी बढ़ोतरी के बाद आईसीआईसीआई बैंक और पंजाब नेशनल बैंक ने भी कर्ज देने की दर बढ़ा दी है*

आरबीआई ने शुक्रवार को ब्याज दर 0.5 फीसदी बढ़ा दी, जिससे रेपो दर तीन वर्ष के उच्चतम स्तर 5.40 फीसदी पर पहुंच गई. पीटीआई की खबर के मुताबिक, आईसीआईसीआई बैंक ने एक सूचना में कहा कि आईसीआईसीआई बैंक बाह्य मानक कर्ज दर (EBLR) को आरबीआई की नीतिगत दर से संदर्भित किया जाता है।


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ये हैं नई दरें

 

खबर के मुताबिक, बैंक (ICICI Bank EBLR rate hike) ने कहा कि आई-ईबीएलआर 9.10 फीसदी सालाना और प्रतिमाह देय है. यह 5 अगस्त, 2022 से प्रभावी हो गई है. सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक ने भी दर में वृद्धि की जानकारी देते हुए कहा कि आरबीआई द्वारा रेपो दर बढ़ाने के बाद रेपो से संबंधित कर्ज दर (आरएलएलआर) को भी 7.40 फीसदी से बढ़ाकर 7.90 फीसदी किया गया है जो 8 अगस्त, 2022 से प्रभावी होगी. इस महीने, आईसीआईसीआई बैंक ने सभी अवधि के लिए फंड-आधारित उधार दर (एमसीएलआर) की सीमांत लागत को 0.15% बढ़ा दिया था।

 

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महंगाई के चलते बढ़ाया रेपो रेट 

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने मौद्रिक नीति समीक्षा (MPC) की घोषणा के मौके पर शुक्रवार को कहा था कि मुद्रास्फीति 7% के आसपास चल रही है जो अस्वीकार्य रूप से ज्यादा है। इसको ध्यान में रखते हुए, RBI ने दरों में 0.50% की आक्रामक बढ़ोतरी की है। अर्थशास्त्रियों और विश्लेषकों का अनुमान है कि रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) उस समय तक दरों में बढ़ोतरी करती रहेगी जब तक कि नीतिगत दर चालू वित्त वर्ष के आखिर तक 6-6.5 फीसदी की ‘तटस्थ दर’ तक नहीं पहुंच जाती।

ये बैंक भी बढ़ा सकते हैं दरें

ICICI बैंक और PNB बैंक के बाद बाकी बैंक भी जल्द अपनी-अपनी दरों में संशोधन कर सकते हैं. यह माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में  कस्टमर्स को महंगी ईएमआई और महंगे लोन के लिए तैयार रहना होगी. एक्सपर्ट का मानना है कि वित्त वर्ष 2023-24 की शुरुआत तक मुद्रास्फीति निर्धारित लक्ष्य के ऊपर बनी रह सकती है. लिहाजा मार्च तक दर में 0.75 फीसदी की और वृद्धि देखी जा सकती है।