home page

Banking Fraud: फ्रॉड से बचाने के लिए ये नंबर नहीं है किसी संजीवनी से कम, फोन में कर लें सेव

डिजिटल ट्रांजेक्शन के चलन से पैसे की लेन देन काफी सुविधाजनक हो गई है. लेकिन इस सुविधा के साथ-साथ कुछ दिक्कतें भी आईं हैं. ये समस्याएं बैंकिंग फ्रॉड या साइबर क्राइम के रूप में हैं. ऐसे में हम आपको आज एक ऐसे नंबर के बारे में बताने जा रहे है जो आपको फ्रॉड से बचाने के लिए संजीवनी का काम करेगा। 
 
 | 

HR Breaking News, Digital Desk- डिजिटल ट्रांजेक्शन के चलन से पैसे की लेन देन काफी सुविधाजनक हो गई है. पलक झपकते ही रकम एक बैंक अकाउंट से दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता है. लेकिन इस सुविधा के साथ-साथ कुछ दिक्कतें भी आईं हैं. ये समस्याएं बैंकिंग फ्रॉड या साइबर क्राइम के रूप में हैं. जहां यूजर्स की छोटी सी गलती भारी नुकसान में बदल जाती है. केवल FY22 में ही बैंकिंग फ्रॉड के आंकड़ों को देखें तो हैरान कर देने वाली हैं. RBI के मुताबिक वित्त वर्ष 2022 में बैंकिंग फ्रॉड के 9 हजार से ज्यादा मामले आएं. जबकि पिछले साल बैंकिंग फ्रॉड के 7300 मामले देखने को मिले.

बढ़ रहे हैं ट्रांजेक्शन फ्रॉड के मामले-


आए दिन बढ़ते बैंकिंग फ्रॉड को देखते हुए रिजर्व बैंक (RBI) ने एक नंबर जारी किया है, जिसके जरिए फ्रॉड ट्रांजेक्शन के शिकार हुए लोगों को मदद मिलेगी. RBI के मुताबिक अगर आपके बैंक खाते से फ्रॉड ट्रांजेक्शन हुआ है, तो सबसे पहले संबंधित बैंक को सूचित करें और अधिक जानकारी के लिए 14440 मिस्ड कॉल दें. बता दें कि बीते कुछ सालों में बैंक फ्रॉड के मामलों की संख्या में इजाफा देखने को मिला है.

10 साल में दोगुना बढ़े मामले-


RBI आंकड़ों के मुताबिक FY12 में बैंकिंग फ्रॉड के कुल आंकड़े 4000 के पास थे, जबकि FY20 में आंकड़े दोगुना होकर 8700 के पार पहुंच गए हैं. FY21 में इन आंकड़ों में गिरावट देखने को मिली थी, जो कि 7359 रहीं, लेकिन FY22 में फ्रॉड के आंकड़ों में फिर से इजाफा देखने को मिला. ऐसे में हमें सतर्क रहने की ज्यादा जरूरत है. 

ट्रांजेक्शन फ्रॉड होने पर क्या करें?


RBI के मुताबिक अगर आपको बैंक खाते से ट्रांजेक्शन फ्रॉड हो तो सबसे पहले अपने बैंक को सूचित करें. कंप्लेन करने के 90 दिनों के अंदर बैंक इस मामले का समाधान कर देगा. अगर फ्रॉड की घटना ग्राहक की गलती से हुई है, जैसे PIN, OTP या पासवर्ड शेयर कर दिया है, तो आपको अपने बैंक को इसकी रिपोर्ट करने तक नुकसान उठाना पड़ेगा. 

फ्रॉड की रिपोर्टिंग में देरी से क्या होगा?


लेकिन यदि आपके द्वारा बैंक को सूचित करने के बाद भी फ्रॉड लेन-देन जारी रहता है, तो आपके बैंक को उन रकम की भरपाई करनी होगी. हां, अगर आप रिपोर्टिंग में देरी करते हैं, तो आपका नुकसान बढ़ जाएगा.  यह RBI के गाइडलाइंस और आपके बैंक के बोर्ड द्वारा अप्रूव पॉलिसी के आधार पर तय किया जाएगा.