home page

Employee Gratuity कर्मचारियों को 1 साल जॉब करने पर भी मिलेगी ग्रेच्युटी! जानिए नए नियमों का कितना मिलेगा फायदा

New Labour Codes जुलाई के शुरू होने में मात्र 2 दिन बचे है। जुलाई माह के शुरू होते ही कर्मचारियों के लिए नया वेज कोड (New Wage Code) लागू हो जाएगा। जिसका असर कर्मचारियों की सैलरी (Salary), पीएफ (PF), डीए (DA) के साथ साथ ग्रेच्युटी (Gratuity) पर पड़ेगा। आइए नीचे खबर में जानते है कि जुलाई महीने से कर्मचारियों के लिए शुरू हो रहे नए वेज कोड से कितना मिलेगा फायदा
 
 | 

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,. देश में श्रम सुधार (Labor Reform) के लिए केंद्र सरकार जल्‍द ही चार नए लेबर कोड (New Labour Codes) लागू कर सकती है. इन कोड्स के लागू होने के बाद कर्मचारियों की सैलरी, अवकाश, पीएफ और ग्रेच्‍युटी (Gratuity) सहित कई चीजों में बदलाव हो जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि सरकार ग्रेच्‍युटी के लिए किसी संस्‍थान में 5 साल लगातार नौकरी करने की बाध्‍यता को हटाकर एक साल कर सकती है. हालांकि, अभी सरकार की ओर से इस पर कोई घोषणा नहीं की गई है.

 

बाजार के जानकारों का कहना है कि अगर ऐसा होता है तो कोई भी कर्मचारी किसी जगह एक साल नौकरी करता है तो वह ग्रेच्‍युटी का हकदार हो जाएगा. अगर सरकार ग्रेच्‍युटी के नियमों में बदलाव कर देती है तो इससे करोड़ों कर्मचारियों को फायदा होगा. ग्रेच्‍युटी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाला रिवॉर्ड होता है. अगर कर्मचारी नौकरी की कुछ शर्तों को पूरा करता है तो ग्रेच्‍युटी का भुगतान किया जाता है. ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से कटता है, लेकिन बड़ा हिस्सा कंपनी देती है.

 

जानिए कैसे मिलता है ग्रेच्युटी का लाभ
पेमेंट ऑफ ग्रेच्‍युटी एक्‍ट, 1972 के तहत इसका लाभ उस संस्‍थान के हर कर्मचारी को मिलता है जहां 10 से ज्‍यादा कर्मचारी काम करते हैं. साथ ही यह लाभ उस कर्मचारी को मिलता है जो संस्‍थान में लगातार पांच साल तक काम करता है. अगर कर्मचारी नौकरी बदलता है, रिटायर हो जाता है या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देता है, लेकिन वह ग्रेच्‍यूटी के नियमों को पूरा करता है तो उसे लाभ मिलता है.

आइए समझते है ग्रेच्युटी का पूरा गणित
एक कर्मचारी को कितनी ग्रेच्‍युटी मिलेगी उसका एक फार्मूला है. यहां महीने में 26 दिन ही गिने जाते हैं क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है. वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्युटी का कैलकुलेशन होता है.

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में लगाए गए साल).

अगर किसी कर्मचारी ने 20 साल एक ही कंपनी में काम किया और उस कर्मचारी की अंतिम सैलरी 75000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है. तो इस तरह गणना की जाएगी.

कुल ग्रेच्युटी की रकम = (75000) x (15/26) x (20)= 865385 रुपये. इस तरह कर्मचारी को ग्रेच्युटी के रूप में 8,65,385 रुपये मिलेंगे.
ऐसे गिने जाते हैं साल

नौकरी की 5 साल की अवधि की गणना में इसका ख्याल रखा जाता है कि यदि किसी ने 240 दिनों से अधिक लगातार काम किया हो, तो उसे 1 वर्ष की पूरी सेवा माना जाएगा. इसीलिए यदि कोई कर्मचारी 5 साल की नौकरी पूरी होने से पहले जॉब छोड़ देता है, लेकिन उसने वहां 4 साल और 240 दिन से अधिक लगातार काम किया है, तो वह ग्रेच्युटी का हकदार होगा और उसकी सेवा अवधि को 5 साल माना जाएगा. इसी प्रकार, ऐसे संसथान जहां कर्मचारी सप्ताह में 6 दिन से कम काम करते हैं, वहां 4 साल और 190 से अधिक की सेवा से कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार बन जाता है.