DA वृद्धि को लेकर हड़ताल पर कर्मचारी, सरकार ने दिया वेतन कटौती का आदेश, हो सकती है कारवाई
HR Breaking News : नई दिल्ली : 5 दिन की हड़ताल अवधि का वेतन कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। राज्य शासन ने इस हड़ताल को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए साफ कर दिया है कि इस तरह हड़ताल करने वालों का सामूहिक अवकाश स्वीकृत नहीं किया जाएगा।
जितने दिन कर्मचारी हड़ताल पर रहे हैं, उस अवधि को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा। राज्य सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) ने प्रदेश के 5 लाख हड़ताली अधिकारी-कर्मचारियों को 2006 का एक आदेश याद दिलाया है।
इधर कर्मचारी संघों का कहना है कि यह आदेश उचित नहीं है। सरकार को एक्शन लेने के बजाय कर्मचारी-अधिकारी संघों से बात करके कोई रास्ता निकालना चाहिए।
महानदी भवन मंत्रालय (Mahanadi Building Ministry) के सामान्य प्रशासन विभाग (Department of General Adminstration) के उप सचिव मेरी खेस्स (Deputy Secretary Mary Khess) ने एक ताजा आदेश जारी कर कहा है कि 10 अप्रैल 2006 को परिपत्र जारी किया गया था, उसके तहत दिए गए निर्देशों के अनुसार हड़ताली कर्मचारियों पर कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, राज्य सरकार ने अप्रैल-2006 में एक परिपत्र जारी किया था, इसमें कहा गया था कि शासकीय सेवकों द्वारा हड़ताल, धरना, तथा सामूहिक अवकाश आदि प्रकार के कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (Act Chhattisgarh Civil Service) नियम 1965 के अनुसार कदाचरण (मिस कंडक्ट) की श्रेणी में आते है।
ऐसा करने वाले शासकीय सेवक अनुशासनात्मक कार्रवाई के भागी होंगे। अनुपस्थित अवधि का कोई वेतन इत्यादि देय नहीं होगा और इस अवधि को ब्रेक-इन-सर्विस (break-in-service) माना जाएगा। बता दें कि 70 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी संगठन 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद काम बंद हड़ताल पर हैं। शनिवार व रविवार को अवकाश है। 1 अगस्त को सरकारी दफ्तरों में लौटेंगे।
सरकारी कर्मचारी संघों की यह है मांग(This is the demand of government employees unions)
कर्मचारी संघों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में जनवरी 2020 से लंबित 4% महंगाई भत्ता(dearness allowance), जुलाई 2020 से लंबित 3%, जनवरी 2021 से लंबित 4%, जुलाई 2021 से 3% एवं जनवरी 2022 से 3% को मिलाकर कुल लंबित 17% महंगाई भत्ता (dearness allowance) की मांग कर्मचारी कर रहे थे।
सीएम भूपेश बघेल ने 2 मई को 5% महंगाई भत्ता (dearness allowance) बढ़ाने का आदेश जारी किया था। कर्मचारी संघों का कहना है कि महंगाई से राहत पाने का एक ही साधन महंगाई भत्ता होता है।
वर्तमान में महंगाई चरम पर है, लेकिन कर्मियों का महंगाई भत्ता (dearness allowance) केंद्र के सामान नहीं है। वहीं राज्य में 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया था, लेकिन कर्मचारी-अधिकारियों को आज भी छटवें वेतनमान के मूल वेतन पर 10% एवं 7% के दर से एचआरए दिया जा रहा है, जबकि केंद्र में 18% और 9% है।