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FM On GST Row: अब अस्पताल में इलाज कराना हुआ सस्ता, वित्त मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

Nirmala Sitharaman on GST: 28 से 29 जून को GST काउंसिल बैठक में ( Non-ICU Rooms) जिसका किराया 5,000 रुपये प्रति दिन से ज्यादा है उसपर 5 फीसदी जीएसटी ( GST) लगाने का निर्णय लिया गया था, अब वित्त मंत्री Nirmala Sitharaman ने इस पर सफाई पेश की है. आइये जानते इसकी पूरी जानकारी।
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FM On GST Row: अब अस्पताल में इलाज कराना हुआ सस्ता, वित्त मंत्री ने किया बड़ा ऐलान

HR Breaking News (नई दिल्ली) :  GST बैठक के बाद वित्त मंत्री (Finance Minister) ने जानकारी दी थी कि 18 जुलाई से कई चीजों के दाम बढ़ जाएंगे. 18 जुलाई से तय की गई वस्तुओं के दाम में बदलाव भी हो गया है.

लेकिन इस बीच आटा,चावल, डाल जैसी चीजों के अलावा अस्पताल के बिस्तर या आईसीयू पर GST को लेकर लोगों में हुए कंफ्यूजन को दूर करते हुए वित्त मंत्री  (Finance Minister) ने बड़ी जानकारी दी है.


वित्त मंत्री ने दी जानकारी(Finance Minister gave information)


दरअसल, अस्पतालों के बेड पर GST लगाने के फैसले पर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण(Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने राज्य सभा में सफाई दी है.

GST Impact जीएसटी ने बिगाड़ा घर का बजट, 5% जीएसटी बढ़ने से ये होगा असर

वित्त मंत्री  (Finance Minister) ने कहा है कि सरकार की तरफ से अस्पताल के बिस्तर या ICU पर कोई टैक्स नहीं लगाया गया है. बल्कि केवल ऐसे अस्पताल के कमरे जिनका का किराया 5,000 रुपये प्रति दिन है केवल उस पर जीएसटी लगाया गया है. राज्यसभा में महंगाई पर हो रहे विरोध का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने ये बातें कही है.


दरअसल, अस्पतालों (Hospitals) में पहले ही इलाज अब महंगा हो गया है.इसके बाद 28 से 29 जून को जीएसटी काउंसिल (GST Council) की 47वीं बैठक में नॉन ICU ( Non-ICU Rooms) जिसका किराया 5,000 रुपये प्रति दिन से ज्यादा है उसपर 5 फीसदी जीएसटी ( GST) लगाने का निर्णय लिया गया था.

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इसके बाद 18 जुलाई, 2022 से ये नया नियम लागू हो चूका है. लेकिन इसके बाद लगातार इस निर्णय की आलोचना भी हो रही है. इसके बाद इससे पहले वित्त मंत्री ने कई ट्वीट कर लोगों के कंफ्यूजन को दूर किया. फिर एक बार वित्त मंत्री ने इस पर अपनी सफाई पेश की है.


फैसले को वापस लेने की मांग(demand to withdraw the decision) 


गौरतलब है कि हेल्थकेयर इंडस्ट्री (healthcare industry) से लेकर हॉस्पिटल एसोसिएशन (Hospital Association) और दूसरे स्टेकहोल्डर्स (Stakeholders) लगातार सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. दरअसल, इनका तर्क है कि अस्पतालों के बेड पर जीएसटी लगाने के फैसले के चलते लोगों के लिए इलाज कराना महंगा हो जाएगा.

साथ ही इससे हेल्थकेयर इंडस्ट्री के सामने कम्पलायंस ( Compliance) से जुड़े कई मुद्दे खड़े हो जायेंगे क्योंकि हेल्थकेयर इंडस्ट्री ( Healthcare Industry) को अब तक जीएसटी से छूट मिली हुई थी. इसके बाद हेल्थकेयर इंडस्ट्री  (healthcare industry) के सामने कई विकट परिस्थिति पैदा हो सकती है.

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जानिए क्या होगा जीएसटी का असर(Know what will be the effect of GST)


अगर उदाहरण से समझें तो मान लिजिए एक दिन के अस्पताल के बेड का किराया 5,000 रुपये है तो उसपर 250 रुपये जीएसटी देना होगा. अब अगर किसी मरीज को अस्पताल में 4 दिन रुकना पड़ा कमरे का किराया  5000 प्लस जीएसटी 250 यानी 20,000 की जगह 21,000 रुपये चुकाने होंगे इस हिसाब से जितने दिन अधिक मरीज अस्पताल में रुकेंगे उन्हें हर दिन के हिसाब से ज्यादा पैसे चुकाने होंगे.