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Home sales: आने वाले महीने में घरों की बिक्री हो जाएगी बेहद कम, जानें वजह

Repo Rate Hike : रिजर्व बैंक के रेपो दर बढ़ाने का असर रियल स्टेट पर असर पड़ने वाला है। रियल एस्टेट के जानकारों के मुताबिक इसका असर मार्केट पर पड़ सकता है। जानें पूरी जानकारी..
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आने वाले महीने में घरों की बिक्री हो जाएगी बेहद कम
            

HR Breaking News, New Delhi:  रिजर्व बैंक(RBI) के रेपो दर(Repo Rate Hike) बढ़ाने के साथ पूरी अर्थव्यवस्था पर ही प्रभाव पड़ने लग जाता है। सबसे ज्यादा आम आदमी इससे प्रभावित होता है। रियल एस्टेट के जानकारों के मुताबिक इसका असर मार्केट पर पड़ सकता है। लोग अभी फिलहाल घर लेने के फैसले को टाल सकते हैं। 

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रियल एस्टेट कंपनियों का मानना है कि रेपो दर में 0.5 प्रतिशत की और वृद्धि से किफायती और मध्यम आय वर्ग श्रेणी में घरों की बिक्री पर कुछ समय के लिए असर पड़ सकता है। रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार नीतिगत दर बढ़ाई गई है। कुल मिलाकर 2022-23 में अबतक रेपो दर में 1.4 प्रतिशत की वृद्धि की जा चुकी है।  

रेपो दर में वृद्धि को लेकर रियल एस्टेट परामर्श कंपनी एनारॉक के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘‘नीतिगत दर में 0.50 प्रतिशत की वृद्धि निश्चित तौर पर अधिक है। इससे आवास ऋण और महंगा होगा।’’ उन्होंने कहा कि इसी के साथ आवास ऋण पर सबसे कम ब्याज दर का दौर भी खत्म हो गया है, जो कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद आवासीय बिक्री में वृद्धि के सबसे प्रमुख कारणों में से एक था।

कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) रमेश नायर ने कहा कि कई बैंकों ने पहले ही आवास ऋण की दरों में बढ़ोतरी शुरू कर दी है और इस प्रवृत्ति के जारी रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘आवास ऋण की उच्च दरों से घर खरीदारों की भावनाओं पर असर पड़ा है। विशेष कर किफायती और मध्यम आवास श्रेणी में। हालांकि, उच्च और लग्जरी श्रेणी पर इसका ख़ास प्रभाव नहीं पड़ेगा।’’

नाइट फ्रैंक इंडिया के चयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा कि तीसरी बार दरों में वृद्धि का मतलब सामर्थ्य में गिरावट होगी और यह घर खरीदारों की भावनाओं को प्रभावित कर सकती है। जेएलएल इंडिया के मुख्य अर्थशास्त्री समंतक दास ने कहा कि आवास ऋण की दरों में 0.30 से 0.40 फीसदी की और वृद्धि आवासीय क्षेत्र में बिक्री को सुस्त कर सकती है।

इंडिया सोथबीज इंटरनेशनल रियल्टी के CEO अमित गोयल के अनुसार, ‘‘आवास ऋण की दरें अब लगभग आठ प्रतिशत सालाना होने की उम्मीद है, जो मध्य और किफायती आवास खंड की मांग पर अल्पकालिक अवधि के दौरान कुछ हद तक मनोवैज्ञानिक रूप से कमी ला सकती है, लेकिन इसके लंबे समय तक जारी नहीं की संभावना नहीं है।’’

क्रेडाई एनसीआर के अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा, ‘‘आरबीआई द्वारा रेपो दर में 0।50 प्रतिशत की वृद्धि उम्मीद के अनुरूप है। इस वृद्धि के साथ रेपो दर अपना चक्र पूरा करते हुए महामारी के पूर्व स्तर पर वापस आ गई है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें नहीं लगता कि इसका उपभोक्ताओं की भावनाओं पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि वे वर्तमान में उत्साहित है। आवास के साथ-साथ खुदरा क्षेत्र भी फलते-फूलते रहेंगे क्योंकि बैंकों द्वारा आवास ऋण की ब्याज दरों में वास्तविक वृद्धि उपयुक्त होगी।’’

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इसके अलावा रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा, ‘‘यह वृद्धि शुरुआत में संपत्ति क्षेत्र के बाजारों को प्रभावित कर सकती है, लेकिन इसका कोई स्थायी प्रभाव नहीं होगा।’’

क्रेडाई पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अमित मोदी ने कहा, “आरबीआई का रेपो दर में वृद्धि का निर्णय निश्चित रूप से घर खरीदारों की क्षमता को प्रभावित करने वाला है। इसका असर विशेष रूप से मध्यम वर्ग के लोगों पर दिखाई देगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस बढ़ोतरी के बाद, लाखों घर खरीदार संपत्ति बाजार से दूर हो सकते हैं। साथ ही अचल संपत्ति बाजार में परियोजनाओं की बिक्री की गति भी कम हो जाएगी।’’