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ITR : आपने नहीं भरी है ITR तो जान लें वो 10 आय, जिन पर नहीं लगता Tax

जैसा कि आप जानते हैं ITR(Income Tax Return) भरने की आखरी तारीख जा चुकी हैं अब जुर्माने के साथ आप December तक कभी भी भर सकते हो। लेकिन क्या आपको पता है कुछ आय(Income) ऐसी भी हैं जिन पर टैक्स नहीं लगता खबर में हम बताने जा रहे हैं उन Incomes के बारे में जरूर पढ़ें। 

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HR Breaking News : नई दिल्ली : tax return file करने वालों के लिए 31 तारीख लास्ट डेट थी, जो अब बीत चुकी है। अब आपके पास 1000 से 5000 रुपये के जुर्माने के साथ 31 दिसंबर तक रिटर्न फाइल करने का आखिरी वक्त बचा है। आम तौर पर हर नागरिक को अनिवार्य रुप से अपनी कमाई पर टैक्स भरना होता है।

लेकिन इसके बाद भी सरकार कुछ खास तरह की आय को इनकम टैक्स के दायरे से बाहर रखती है, यानि इन आय पर आम लोगों को टैक्स नहीं भरना पड़ता है। ऐसे में यदि टैक्स रिटर्न की तारीख बीत भी क्यों न गई हो, यदि आपकी आय का स्रोत टैक्स के दायरे से बाहर है तो आपको कोई रिटर्न फाइल करने की जरूरत ही नहीं है। आइए जानते हैं इन 10 तरह की कमाई के बारे में जो आपके लिए टैक्स फ्री है


  
कृषि से हुई आय(income from agriculture)

कृषि से होने वाली आय पर सरकार टैक्‍स नहीं लेती है। इनकम टैक्‍स की धारा 1961 के तहत कृषि से होने वाली आय पर टैक्‍स छूट दी गई है। कृषि से हुई आय पर टैक्‍स छूट मिलता है। करदाता कृषि से होने वाली आय को अपने रिटर्न में दिखाकर टैक्‍स छूट प्राप्‍त कर सकता है।


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सेविंग अकाउंट से आय(income from savings account)


अगर सेविंग अकाउंट से मिलने वाला ब्याज 10,000 रुपए से कम है तो इस पर टैक्‍स नहीं देना होता है। यह छूट एक से अधिक अकाउंट से मिलने वाले ब्याज पर भी मिलती है। अगर, आपके पास एक से अधिक बैंक अकाउंट है और उन पर क्रमश: 10000 रुपए और 5000 रुपए ब्याज मिलता है तो आपकी टैक्सेबल इनकम 5000 रुपए होगी।


सीनियर सिटिजन सेविंग स्‍कीम(Senior Citizen Saving Scheme)


अगर आप वरिष्ठ नागरिक हैं और आपने सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (SSSS) में निवेश कर रखा है तो आपकी मूल राशि पर कोई टैक्‍स नहीं लगेगा। लेकिन, इसके ब्याज से होने वाली आय पर आपको टैक्‍स देना पड़ सकता है। साथ ही इस बात का भी ख्याल रखें कि इसका उलेल्ख आपको आयकर रिटर्न में भी करना होगा।


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स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति से आय(income from voluntary retirement)


स्‍वैच्छिक सेवानिवृत्ति से होने वाली आमदनी में 5 लाख रुपए तक की आय टैक्‍स फ्री होती है। इनकम टैक्‍स की धारा 2BA के अनुसार अगर कोई व्‍यक्ति किसी कंपनी या लोकल अथॉरिटी से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेता है, तो इससे होने वाली आय पर 5 लाख रुपए तक टैक्‍स छूट मिलेगा।

विदेशी सेवाओं के लिए भत्ता(allowance for foreign services)


अगर, आप सरकारी नौकरी में हैं और आपकी नियुक्ति देश के बाहर है और इसके एवज में कोई भत्‍ता मिलता है, तो उस पर इनकम टैक्‍स नहीं लगेगा। इनकम टैक्‍स की धारा 10(7) में यह प्रावधान किया गया है कि सरकारी सेवा में कार्यरत कर्मी जो विदेश में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और उसकी एवज में उनको भत्‍ता मिल रहा है तो वह टैक्‍स फ्री होगा।

ग्रेच्युटी से आय(income from gratuity)


वेतनभोगी कर्मचारियों की वेतन का एक हिस्‍सा ग्रेच्युटी के रूप में काटा जाता है। कंपनी एक निश्‍चित अवधि तक नौकरी करने के बाद कर्मचारी को ग्रेच्‍युटी का भुगतान करती है। ग्रेच्‍युटी से होने वाली आमदनी पूरी तरह टैक्‍स फ्री होती है।


भविष्‍य निधि से आय(share of partnership firm)


इनकम टैक्‍स की धारा 10 (11,12,13) के अनुसार ऐसी आय जो पीपीएफ, पीएफ या सेवानिवृत्ति निधि से होता है तो उस पर इनकम टैक्‍स नहीं चुकाना होता है।

लांग टर्म कैपिटल गेन(long term capital gain)


इक्विटी या म्युचुअल फंड में किए हुए निवेश पर होने वाले लांग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्‍स छूट मिलती है। इनकम टैक्‍स की धारा 10(36) के तहत अगर एक साल से उससे अधिक समयावधि में शेयर या म्युचुअल फंड बेचने से कैपिटल गेन होता है, तो उस पर इनकम टैक्‍स छूट मिलती है। हालांकि,डेट म्युचुअल फंड पर यह लागू नहीं होता है और इससे होने वाली आय पर टैक्‍स देना होता है।

छात्रवृत्ति या पुरस्कार(scholarship or award)


किसी भी प्रकार की छात्रवृत्ति या पुरस्कार पर इनकम टैक्‍स नहीं लगता है। इनकम टैक्‍स एक्ट 1961 के तहत छात्रवृत्ति या पुरस्कार के अंतर्गत मिलने वाली रकम पर Income Tax नहीं लिया जाता है। छात्रवृत्ति या पुरस्कार की राशि तय नहीं की गई है।

पार्टनरशिप फर्म का शेयर(share of partnership firm)


अगर, आप किसी पार्टनरशिप फर्म में पार्टनर हैं और उसके शेयर आपके पास हैं तो इनकम टैक्‍स की धारा10(2) के अनुसार फर्म में हुई आय के लिए पार्टनर Income Tax भरने के लिए उत्तरदायी नहीं है। शेयर के अलावा अगर आप पारिश्रमिक या दूसरे लाभ लेते हैं तो यह आय टैक्सेबल इनकम के दायरे में आएगी।