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income tax return 6 तरीकों से बचा सकते हैं अपना टैक्स, अपनी सैलरी में जोड़ें ये खर्च

income tax Saving Options : सैलरी इंपलाइड या फिर कारोबारी हर कोई टैक्स भरता है। सरकार के नियमानुसार हर कर्मचारी को अलग अलग श्रेणी के हिसाब से टैक्स (income tax return) देना पड़ता है। कई बार जानकारी के अभाव में हम गलत टैक्स भी कटवा देते हैं। इसीलिए आपको हम इस खबर में बातएंगे कि आप अपना टैक्स कैसे कम कर सकते हैं। 
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HR BREAKING NEWS (ब्यूरो)। हम हमारी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में देते हैं। परंतु ये टैक्स देना किसी को अच्छा नहीं लगता। आपके भी सोचते होंगे कि एक ही चीज के लिए आपको बार-बार टैक्स (income tax return) देना पड़ता है और हम सब ये सोचते हैं कि काश हम इस टैक्स से बच जाएं। वहीं कई बार जानकारी नहीं होने के चलते कई तरह के टैक्स कट जाते हैं।  जैसे कि जब हम रेस्टोरेंट में खाना खाने के लिए जाते हैं वहां फूड चार्ज के अलावा हमारा GST और सर्विस चार्ज भी लिया जाता है। 

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यहां हम सर्विस चार्ज (सर्विस चार्ज ) के लिए साफ तौर पर मना कर सकते हैं। टैक्स बचाने के लिए आप कई तरह के अलाउंस (Allowance) को शामिल कर अपना टैक्स बचा सकते हैं। कई ऐसी कंपनियां हैं जो जुलाई के दौरान भी सैलरी कंपोनेंट में बदलाव की सुविधा देती हैं । इसी तरीके से अन्य गलत टैक्स हम कटवाते हैं तो आईये जानते हैं टैक्स बचाने के 6 तरीके...

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हाउस रेंट जोड़कर बचा सकते हैं टैक्स

कर्मचारियों को कई कंपनियां हाउस रेंट अलाउंस (house rent allowance) देती है। ये आपकी basic salary का 40-50 प्रतिशत तक होता है। जब आप टैक्स रिटर्न (tax return) फाइल करते हैं तो उसमें आपको हाउस रेंट अलाउंस (house rent allowance) की रकम पर टैक्स में छूट रहती है। इसमें कुल HRA पर छूट मिलती है। मेट्रो शहरों में सैलरी का 50 प्रतिशत हिस्सा, नॉन-मेट्रो शहरों में सैलरी का 40 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस पर छूट मिलती है। 
HRA पर छूट केवल सभी किराए की रसीदों या मकान मालिक द्वारा दिए गए रेंट अग्रीमेंट पर मान्य होती है। अगर किराया 1 लाख रुपये वार्षिक से ज्यादा है तो ये जरूरी है कि एंप्लॉयी को मकान मालिक का पैन कार्ड रिपोर्ट करना पड़ेगा।

ट्रांसपोर्ट भत्ता के जरिए भी बचा सकते हैं टैक्स

टैक्स बचाने का एक कारगर उपाय है Travel Allowance या फिर ट्रांसपोर्ट भत्ता  (Conveyance Allowance) ।  कंपनी अपने कर्मचारी को ट्रांसपोर्ट भत्ता (Travel Allowance और Conveyance Allowance) कई नामों से आपका ट्रैवलिंग में होने वाला खर्च देती है। कंपनी ये अलाउंस आपको घर से ऑफिस आने-जाने के लिए उपलब्ध कराती है। वैसे तो ये अलाउंस भी आपकी सैलरी का हिस्सा ही है। परंतु अगर आप इसे अलाउंस की तरह लेते हैं तो उस पर आप Tax छूट पा सकते हैं। कुछ कंपनियों आपके कन्वेंस अलाउंस को रीइम्बर्समेंट (Reimbursement of Conveyance Allowance) करती है। ऐसे में इन रुपयों पर टैक्स लगना तो दूर, इसे आपकी सैलरी में टैक्स डिडक्शन के लिए शामिल नहीं किया जाता। 

 लीव ट्रैवल अलाउंस  (Travel Leave)

कर्मचारियों को कई कंपनियां लीव ट्रैवल अलाउंस (leave travel allowance) देती हैं। आप ITR फाइल करते समय इसका फायदा उठा सकते हैँ। आपको कहीं घूमने जाने के लिए अलाउंस (allowance) मिलता है। आप चार साल में 2 बार लंबे टूर पर घूमने जा सकते हैं। इस टूर का जो खर्च रहता है उस पर एक तय सीमा तक आपको टैक्स छूट (tax exemption) दी जाती है। ये सीमा आपके लीव ट्रैवल अलाउंस के बराबर हो सकती है। इसके लिए आपको अपनी सैलरी में लीव ट्रैवल अलाउंस (leave travel allowance) जोड़ना होगा।

वाहन Maintenance


कई कंपनियां अपने वरिष्ठ कर्मचारियों को कार मेंटेनेंस अलाउंस (car maintenance allowance) देती हैं। जिससे कर्मचारी को कार के मेंटेनेंस, उसके डीजल या पेट्रोल का खर्च और ड्राइवर की सैलरी (driver's salary) मिलती है। कर्मचारियों को 2700 रुपये से लेकर 3300 रुपये तक प्रति महीने छूट रहती है। 

Food Coupons, Meal Vouchers अलाउंस

कई कंपनी अपने एम्पलॉयी को फूड कूपन या मील वाउचर कूपन (Food Coupons or Meal Voucher Coupons) देती हैं। जिनके तहत रोजाना 100 रुपये तक का कूपन आपको मिलता है। ये कूपन आपको रीइम्बर्समेंट के रूप में दिया जाता है ।