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Indian railway : रेलवे लाया नया सिस्टम, नप जाएंगे हजारों अधिकारी

रेलवे में काम नहीं करने वाले अधिकारियों की अब खैर नहीं है। रेलवे ने IAS और IPS अधिकारियों के मूल्यांकन सिस्टम की तरह एक प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस प्रक्रिया के तहत रिपोर्टिंग अधिकारियों का मूल्यांकन उनके साथी और जूनियर अधिकारी कर सकेंगे। इससे न केवल भारतीय रेलवे  (Indian railway) की कार्य संस्कृति में बदलाव आएगा बल्कि कुछ अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) का रास्ता भी तैयार होगा।
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HR Breaking News, New Delhi:  एक अधिकारी ने कहा कि इसके तहत करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे। पिछले साल जुलाई में रेल मंत्री बनने के बाद अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnaw) ने अधिकारियों से साफ कहा था कि काम करो या घर बैठो। पिछले एक साल में रेलवे के कई अधिकारियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है।


 IAS और IPS अधिकारियों के लिए लागू 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली से प्रेरित होकर भारतीय रेलवे  (Indian railway) ने अब एक ऐसी प्रक्रिया शुरू की है जिसमें समकक्षों और अधीनस्थों को भी अपने रिपोर्टिंग अधिकारियों का मूल्यांकन करने की छूट होगी।

रेलवे बोर्ड (Railway Board) ने गत 18 अगस्त को जारी एक आदेश में कहा है कि उसने अपनी वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट (एपीएआर) तैयार करते समय अधिकारियों के बारे में ‘मल्टी सोर्स-स्रोत’ फीडबैक लेने का निर्णय लिया है।

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इसका डेटाबेस तैयार करने के लिए स्पेरो प्रणाली में एक ऑनलाइन लिंक सक्रिय किया गया है जो एपीएआर 2022-2023 से प्रभावी होगा। अभी तक वरिष्ठ आईएएस, आईपीएस और भारतीय वन सेवा के अधिकारियों के लिए केंद्र सरकार 360 डिग्री मूल्यांकन प्रणाली अपनाती है। इसके तहत ही इन अधिकारियों का प्रमोशन किया जाता है।


क्या होगा फायदा


रेलवे बोर्ड  (Railway Board) के इस आदेश के मुताबिक, ‘हरेक अधिकारी के लिए हर साल उसके रिपोर्टिंग प्राधिकारी और उसके सभी अधीनस्थों को एक लिंक भेजा जाएगा। उनसे मिले फीडबैक को अधिकारी के डेटा बेस में गुमनाम रूप से दर्ज किया जाएगा।

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इसमें यह नहीं पता लगाया जा सकेगा कि किस वरिष्ठ या अधीनस्थ ने क्या फीडबैक दिया है।’ इसके अलावा आदेश में सभी अधिकारियों से बिना किसी पूर्वाग्रह के निष्पक्ष टिप्पणी एवं ग्रेडिंग देने का अनुरोध किया गया है। यह पूरी प्रक्रिया पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।


इस नयी मूल्यांकन प्रणाली को लेकर अधिकारियों के एक वर्ग का कहना है कि एपीएआर प्रणाली से न केवल भारतीय रेलवे (Indian railway) में कार्य संस्कृति में बदलाव आएगा बल्कि कुछ अधिकारियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का रास्ता भी तैयार होगा।

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एक अधिकारी ने कहा कि इस एपीएआर के तहत करीब 20,000 अधिकारी जांच के दायरे में आएंगे। रेलवे से जुड़े सूत्रों का मानना है कि आगे चलकर फीडबैक लेने का दायरा बढ़ाया जा सकता है। रेल अधिकारियों के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और विक्रेताओं जैसे गैर-रेलवे व्यक्तियों से प्रतिक्रिया लेने के लिए इस प्रणाली का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, फीडबैक दर्ज होने के बाद तीन या चार सदस्यीय समिति किसी अधिकारी की पदोन्नति के बारे में फैसला करेगी। अधिकारियों के लिए सिस्टम पहले से मौजूद है लेकिन यह साफ नहीं है कि इस समिति के सदस्यों का मूल्यांकन कौन करेगा।