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Insurance Plan: डाक विभाग 299 रुपये में दे रहा 10 लाख का पूरा फायदा, जल्द चेक करें पूरी डिटेल

कोई भी कर्मचारी अगर अपने भविष्य के लिए पैसे जमा करना चाहता है तो लाइफ इंश्‍योरेंस पाल‍िसी को कैसे नजरअंदाज क‍िया जा सकता है। डाक विभाग 299 रुपये में दे रहा है10 लाख का पूरा फायदा। पालिसी की पूरी डिटेल्स जानने के लिए खबर को पूरा पढ़े। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- बात जब भव‍िष्‍य की योजनाओं की हो तो लाइफ इंश्‍योरेंस पाल‍िसी को कैसे नजरअंदाज क‍िया जा सकता है। बाजार में कई कंपन‍ियों की बीमा योजनाएं उपलब्‍ध हैं, लेक‍िन उनमें अपने आवश्‍यकतानुसार चयन करना काफी मुश्‍क‍िल भरा काम होता है। लाइफ कवर इंश्‍योरेंस में न‍िवेश करने से पहले प्रत्‍येक पहलू का ध्‍यान रखना जरूरी है।

आज हम यहां आपको India Post Payments Bank डाक विभाग की एक्सिडेंटल इंश्‍योरेंस पॉलिसी के बारे में बताने जा रहे हैं। इसमें सालाना 299 रुपये और 399 रुपये के प्रीमियम पर 10 लाख रुपये के बीमा के साथ अन्‍य लाभ भी मिलते हैं। पोस्‍ट आफ‍िस की इस योजना का लाभ लेने के ल‍िए जरूरी है क‍ि आपका खाता इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक में हो। इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक यह ग्रुप एक्सिडेंटल पॉलिसी टाटा एआईजी के साथ मिलकर चला रहा है। 


इसका मिलता है लाभ-

India Post Payments Bank डाक विभाग की एक्सिडेंटल इंश्‍योरेंस पॉलिसी लेने पर दुर्घटना में घायल होने पर 60 हजार और 30 हजार रुपये दिया जाता है। आईपीडी के खर्च के लिए 60 हजार और ओपीडी के लिए 30 हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके साथ ही हादसे में मृत्‍यु होने पर आश्रितों को मुआवजे के तौर पर 10 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। इसके साथ ही आश्रित के दो बच्‍चों को पढ़ाई के लिए 1 लाख के साथ ट्रांसपोर्ट का भी खर्च दिया जाएगा।


399 रुपये की दुर्घटना पाल‍िसी का लाभ-

399 रुपये की पाल‍िसी लेने पर दुर्घटना के दौरान खाताधारक के दिव्यांग होने की दशा में भी 10 लाख की मुआवजा राशि खाताधारक को दी जाएगी। वहीं दुर्घटना में मौत होने पर अंतिम संस्कार के ल‍िए पांच हजार रुपये की सहायता राशि और बच्चों की पढ़ाई के लिए एक लाख रुपये की मुआवजा राशि का प्रावधान है।

299 रुपये की पॉलिसी के लाभ-

299 रुपये की पालिसी लेने पर भी वह सभी सुविधाएं म‍िलती हैं जो 399 रुपये के दुर्घटना सुरक्षा योजना में दी जा रही हैं। इनमें अंतर सिर्फ इतना है की 299 रुपये की दुर्घटना सुरक्षा योजना में मृतक आश्रितों के बच्चों की पढ़ाई के लिए सहायता राशि नहीं दी जाएगी।