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Karmchari Pension Gratuity कर्मचारियों को इस दिन मिलेगी पेंशन ग्रेच्युटी की सौगात, जानिए नया अपडेट

Employee Pension Gratuity कर्मचारियों को डीए (DA) महंगाई भत्ते (dearness allowance) और सैलरी बढ़ोतरी (Salary Hike) के बाद सरकार की ओर से जल्द ही पेंशन ग्रेच्युटी (Pension Gratuity) की सौगात मिल सकती है। जिसको लेकर इस समय बड़ा अपडेट सामने आ रहा है। आइए नीचे खबर में जानते है कर्मचारियों को कब मिलेगी पेंशन ग्रेच्युटी की सौगात
 
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Karmchari Pension Gratuity कर्मचारियों को इस दिन मिलेगी पेंशन ग्रेच्युटी की सौगात, जानिए नया अपडेट

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, हाईकोर्ट (High court) ने एक बार फिर से कर्मचारियों (Employees) को बड़ी राहत दी है। दरअसल शिक्षकों के पेंशन (employees-teachers pension) लाभ पर विचार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि पेंशन की तारीख वही होगी। जब सेवा में प्रवेश किया गया है। ना कि वह तिथि जिस पर वास्तव में नियुक्ति की पुष्टि की गई है। इसके साथ ही कर्मचारियों को पेंशन-ग्रेच्युटी लाभ देने के निर्देश दिए गए हैं।

 


हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि पेंशन योजना का दवा सेवा में आने की तिथि से किया जा सकता है नियमित नियुक्ति की स्वीकृति की तिथि से नहीं। ऐसे में सरकार सहित कर्मचारियों को बड़ा लाभ मिलेगा। मामले में न्यायमूर्ति एस वैद्यनाथ और न्यायमूर्ति एन माला ने भी वी. वसंती बनाम तमिलनाडु राज्य के फैसले परबनाम तमिलनाडु राज्य के फैसले पर भी भरोसा किया। जिसमें कहा गया है कि इस तरह के तथ्यों पर शिक्षक की सेवा अवधि नियुक्ति की तारीख से शुरू होती है ना की नियमित नियुक्ति की स्वीकृति से।

 


हाईकोर्ट ने कहा कि अनुमोदन में भले ही कर्मचारियों को मौद्रिक लाभ प्रशिक्षण से पूरा होने की तारीख से ही मिलने शुरू हो जाते हैं लेकिन प्रशिक्षण पूरा होने से पहले प्रदान की गई सेवा को भी पेंशन के लिए विचार किया जाना चाहिए। इतना ही नहीं इस मामले में प्रतिवादी ने तर्क देते हुए कहा कि प्रारंभिक तिथि नियुक्ति के अनुमोदन की तिथि होती है, जिस पर विचार नहीं किया जा सकता और इसलिए पुरानी पेंशन की मांग को अस्वीकार किया गया था।

जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु सरकार ने माध्यमिक ग्रेड रिक्ति में स्नातक शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगाते हुए दिनांक 11.07.1995 को G.O.Ms.No.559 स्कूल शिक्षा विभाग पारित किया। कुछ विद्यालयों ने इस शासनादेश का उल्लंघन करते हुए उत्तरदाताओं को नियुक्त किया। अपीलकर्ताओं द्वारा इन नियुक्तियों की पुष्टि नहीं की गई थी। प्रभावित शिक्षकों ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जहां उच्च न्यायालय ने शासनादेश की वैधता की पुष्टि की और 11.07.1995 से 19.05.1998 तक की गई नियुक्तियों को मंजूरी देने का भी निर्देश दिया।


आदेश के अनुसरण में सरकार ने जीओ सुश्री नं. 155 दिनांक 03.10.2002 को 11.07.1995 से 19.05.1998 की अवधि के दौरान माध्यमिक ग्रेड शिक्षकों के रूप में नियुक्त बीटी शिक्षकों के लिए अनुमोदन की अनुमति देते हुए, उनके एक महीने के बाल मनोविज्ञान प्रशिक्षण के अधीन कर लिया था। इन शिक्षकों को एक माह का प्रशिक्षण पूरा करने के बाद नियुक्ति की स्वीकृति प्रदान की गई। वहीं, तमिलनाडु से मान्यता प्राप्त सहायता प्राप्त स्कूल मैनेजर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने जीओएम के लाभ का विस्तार करने का अनुरोध करते हुए एक अभ्यावेदन दिया।

ऐसे शिक्षक, जिनकी नियुक्ति दिनांक 09.11.2007 में प्रशिक्षण पूर्ण होने पर स्वीकृत हुई थी, उन्होंने भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। अदालत ने 22.12.2010 को एक सामान्य आदेश पारित किया, जिसमें आदेश दिया गया कि वे जो 01.04.2003 से पहले शिक्षकों के लिए लागू पेंशन योजना के हकदार होंगे और वे जीओएम संख्या 430 दिनांक 06.08.2004 द्वारा शासित नहीं होंगे।


मुख्य आधार यह था कि उनकी नियुक्तियों को 09.11.2007 से अनुमोदित किया गया था और इसलिए उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत कवर नहीं किया जाएगा, लेकिन केवल नई पेंशन योजना के तहत कवर किया जाएगा। जिस पर अपीलकर्ता ने इसे चुनौती दी थी। कर्मचारियों को राहत देते हुए कोर्ट ने स्पष्ट आदेश दिया कि पेंशन योजना का दावा सेवा में आने की तिथि से ही किया जाएगा नियमित नियुक्ति की स्वीकृति की तिथि से पेंशन का दावा नहीं किया जा सकता। इसके बाद अब नए नियम के तहत ही कर्मचारियों को पेंशन ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा।