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LIC of India​​​​​​​ : LIC को लगने वाला हैं तगड़ा झटका, डूबने वाले हैं 3500 करोड़ रूपए

LIC कम्पनी देश की बड़ी कंपनियों में से एक है और इसे अब तगड़ा झटका लगने वाला है क्योंकि अनिल अम्बानी की कम्पनी में LIC के 3500 करोड़ रूपए डूबने वाले हैं।  आइये जानते हैं पूरी डिटेल।  
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HR Breaking News, New Delhi : कर्ज में डूबे उद्योगपति अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी में एलआईसी (LIC) का बड़ा पैसा डूब सकता है. रिलायंस कैपिटल (RCap) पर एलआईसी का 3,400 करोड़ रुपये का कर्ज है, जिसमें से उसे केवल 782 करोड़ रुपये ही मिल सकते हैं. यानी बाकी रकम डूब सकती है. 

डूब जाएगा LIC का पैसा!
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एलआईसी ने आरकैप में अपना कर्ज बेचने के लिए स्विस चैलेंज (Swiss Challenge) का सहारा लिया था. स्ट्रेस्ड एसेट फर्म ACRE SSG का इस लोन को खरीद सकता है लेकिन इसके लिए एलआईसी को भारी कीमत चुकानी पड़ेगी. ACRE SSG ने 73 फीसदी डिस्काउंट के साथ एलआईसी के कर्ज को खरीदने की पेशकश की है, यानी इससे LIC की बड़ी रकम डूब सकती है.

स्विस चैलेंज बिडिंग में कोई भी पार्टी किसी एसेट के लिए बोली लगाती है. इसकी डिटेल पब्लिक की जाती है और दूसरे लोग बोली लगाते हैं. अगर कोई पार्टी बड़ी बोली लगाती है तो ओरिजनल कॉन्ट्रैक्टर को उतनी बोली लगाने का मौका दिया जाता है, इस केस में अलग हुआ. दरअसल, रिलांयस कैप के मामले में किसी ने भी बोली लगाई. इसके बाद सूत्रों का कहना है कि एलआईसी के लोन को बेचने के लिए प्रोसेस एडवाइजर IDBI Trusteeship को कोई बोली नहीं मिली है.

वैल्यूएशन पर सवाल

आपको बता दें कि ACRE SSG के ऑफर के आधार पर रिलायंस कैपिटल की वैल्यू करीब 4,400 करोड़ रुपये है. एलआईसी और ACRE SSG, दोनों रिलांयस कैपिटल की कमेटी ऑफ केडिटर्स की सदस्य हैं. जहां एक तरफ , ACRE का कंपनी पर 1350 करोड़ रुपये का कर्ज है. Duff & Phelps ने रिलायंस कैप का इंडिपेंडेंट वैल्यूएशन किया है. आप जान लें कि अगर इंडिपेंडेंट वैल्यूअर का वैल्यूएशन ACRE-LIC के ट्रांजैक्शन से ज्यादा रहता है तो फिर एलआईसी की डेट सेल के कम वैल्यूएशन पर सवाल उठ सकते हैं. यानी अब अनिल अंबानी की मुसीबतें थमने का नाम नही ले रही.

20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां

गौरतलब है कि रिलायंस कैपिटल में करीब 20 फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनियां हैं, जिनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, इंश्योरेंस और एक एआरसी शामिल है. आरबीआई ने भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (insolvancy proceeding) शुरू की थी. दरअसल, अनिल अंबानी की कंपनी एक के बाद एक पायदान खिसकते हुए भारी कर्ज में डूब गई.