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Plastic Business - सरकार के प्लास्टिक बैन के फैसेल से आप बन सकते है करोड़पति

Business Idea: अगर आप छोटा सा निवेश करके अचछी कमाई करना चाहते हैं, तो सरकार के प्लास्टिक बैन के फैसले से आप बन सकते है करोड़पति। आइए निचे खबर में जानते है प्लास्टिक के बिजनेस से जुड़ी पूरी जानकारी। 
 
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HR Breaking News, Digital Desk- देश में एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) को बैन कर दिया गया है. एक ओर जहां इससे कई कंपनियों को झटका लगा है, तो दूसरी ओर सरकार (Govt) का यह फैसला आपके लिए कमाई का जरिया भी बन सकता है. जी हां, प्लास्टिक बैन होने से Non Woven बैग की मांग बढ़ गई है. इसमें छोटा सा निवेश (Invest) कर आप हर महीने लाखों रुपये कमा सकते हैं. आइए जानते हैं कैसे अपना इसका बिजनेस शुरू कर सकते हैं. 

सरकार के फैसले के बाद बढ़ी मांग-


आज के समय में हर कोई सोचता है कि वह कम लागत में कोई ऐसा बिजनेस शुरू करे जो अच्छी कमाई करा सके. अगर आप ऐसा लंबे समय से से कुछ ऐसा ही प्लान बना रहे हैं, तो आपके लिए यह अच्छा मौका है. दरअसल, सरकार ने जैसे ही सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Plastic) पर बैन लगाया, तभी सी इसके विकल्प के तौर पर मॉल समेत अन्य स्थानों पर सामान पैक करने और डिलिवरी लिए Non Woven बैग का इस्तेमाल शुरू कर दिया है. ऐसे में इसकी मांग में तेजी से  इजाफा होना लाजिमी है.  

 

कम इन्वेस्टमेंट और ज्यादा प्रॉफिट-


Non Woven बैग का बिजनेस कम इन्वेस्टमेंट में ज्यादा प्रॉफिट देने वाला साबित हो सकता है. अभी तक इस बैग की  मैन्यूफैक्चरिंग काफी कम थी, प्लास्टिक बैन होने के बाद इसकी डिमांड तेज हो गई है और इसके साथ ही इसकी मैन्युफैक्चरिंग भी बढ़ना तय है. इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कुछ मशीनों और थोड़ी सी जगह की जरूरत होती है और निवेश भी बहुत कम करना होता है.  

तीन मशीनों की मदद से शुरू करें काम-


इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको तीन तरह की मशीनों की आवश्यकता पड़ती है. इनमें फेब्रिक कटिंग मशीन, सीलिंग मशीन और हाईड्रोलिक पंचिंग मशीन शामिल है. इन्हें आप किसी दुकान या फिर ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं. इन मशीनों पर होने वाले अनुमानित खर्च की बात करें तो तीनों मशीनों को खरीदने के लिए करीब एक लाख रुपये का निवेश करना पड़ सकता है.  

ऐसे तैयार होते हैं Non Woven बैग-


सबसे पहले फेब्रिक कटाई मशीन की मदद से फेब्रिक को बैग की शेप में काटा जाता है. उसके बाद सीलिंग मशीन की मदद से काटे गए बैग की तीन ओर से सिलाई की जाती है. इतना काम होने के बाद अंत में हाइड्रोलिक पंचिंग मशीन से बैग का हैंडल काटा जाता है. अगर आपको अपने बनाए गए बैग को कुछ अलग लुक देना है तो फिर आप प्रिंटिंग मशीन का इस्तेमाल कर कंपनी के ऑर्डर के मुताबिक, लोगो और अन्य डिजाइन लगा सकते हैं या फिर इसे अपने हिसाब से भी डिजाइन कर सकते हैं. 

रोजाना 10000 रुपये तक की कमाई- 


खास बात ये है कि इसके रॉ मटीरीयल यानी फेब्रिक भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है और इसके लिए खर्च भी कम करना पड़ सकता है. फेब्रिक मिलते ही इन मशीनों के जरिए एक दिन में 5000 से ज्यादा बैग तैयार कर सकते हैं. Non Woven से बने बैग कम से कम 100 रुपये किलो मिलते हैं. अगर क्वालिटी थोड़ी अच्छी है तो 150 रुपये किलो तक बिक जाते हैं. इस तरह से रोजाना के हिसाब से करीब 10 हजार रुपये की कमाई कर सकते हैं. इसके साथ ही मांग बढ़ने और अधिक ऑर्डर मिलने पर कमाई  और भी बढ़ सकती है. 

कोरोना काल में बढ़ा Non Woven का उपयोग- 


Non Woven फेब्रिक का उपयोग कोरोना महामारी शुरू होने के बाद से ज्यादा बढ़ गया है. पीपीई किट से लेकर मास्क बनाने तक में इसका उपयोग हो रहा है. इसके साथ ही इसे सिंगल यूज प्लास्टिक का बेहतर विकल्प माना गया है. देश में पहले से ही इसका उपयोग किया जा रहा था, लेकिन अब जबकि सरकार की ओर से सिंगल  यूज प्लास्टिक का बेहतर विकल्प माना गया है. देश में पहले से ही इसका उपयोग किया जा रहा था, लेकिन अब जबकि सरकार की ओर से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह से बैन कर दिया गया है, तो इसकी बढ़ने वाली मांग कई लोगों के लिए एक अवसर बन सकती है.