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RBI News : एक ही सीरियल नंबर के 2 नोट हो सकते हैं असली, RBI ने दी इसके बारे में जानकारी

कई बार ऐसा होता है के किसी के पास एक ही सीरियल नंबर के दो नोट आ जाते हैं तो उनमे असली और नकली की पहचान करना मुश्किल हो जाता है, ऐसे में RBI हमे ये निर्देश देता है , आइये जानते हैं 
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HR Breaking News, New Delhi : पर्स और जेबों में पड़े नोटों को लेकर हमारे दिमाग में कई तरह के सवाल घूमते रहते हैं. कई बार किसी नोट लेते वक्त संदेह बना रहता है कि कहीं ये नकली तो नहीं है? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) असली और नकली नोटों में फर्क करने के लिए डिटेल्स शेयर करता रहता है. लेकिन फिर भी कुछ ऐसे सवाल होते हैं, जो हमारे मन में चलते रहते हैं. मान लीजिए कि आपके पास 500 रुपये के दो नोट हैं और दोनों का सीरियल नंबर एक ही हो. ऐसे मे क्या वो नोट नकली माना जाएगा या फिर वैध? रिजर्व बैंक इस बारे में क्या कहता है आइए जान लेते हैं.


देश में करेंसी जारी करने की जिम्मेदारी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया पर है. अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, भारत में नोट जारी करने का अधिकार रिजर्व बैंक के पास है. धारा 25 में उल्‍लेख है कि नोट की रूपरेखा (डिजाइन), स्‍वरूप और सामग्री भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड की अनुसंशा पर विचार करने के बाद केंद्र सरकार के अनुमोदन के अनुरूप होगी.


अब मूल सवाल ये है कि अगर दो नोटों का सीरियल नंबर समान हो तो क्या उन्हें वैध माना जाएगा? इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया कहता है कि हां, यह संभव है कि दो या अधिक बैंक नोट के सरल क्रमांक (सीरियल नंबर) समान हों, लेकिन या तो वे अलग इनसेट लेटर अथवा अलग मुद्रण वर्ष अथवा भारतीय रिजर्व बैंक के अलग गवर्नर के हस्ताक्षर वाले होंगे. इनसेट लेटर एक अक्षर होता है जो बैंक नोट के संख्या पैनल पर प्रिंट होता है. नोट बिना किसी इनसेट लेटर के भी हो सकते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक अगस्त 2006 तक जारी बैंक नोटों में क्रमांक देता था. इसमें से प्रत्येक बैंक नोट में एक संख्या अथवा अक्षर/रों से प्रारंभ होने वाला विशिष्ट सीरियल नंबर दिया जाता था. इन बैंक नोटों को 100 नगों के पैकेट के रूप में जारी किया जाता है.


अगर मान लीजिए कि कोई नोट भुगतान योग्य स्थिति में नहीं है, तो उसे आप किसी भी बैंक की ब्रांच में जाकर बदल सकते हैं. प्राप्तकर्ता बैंक अपने पास ऐसे नोटों को रखते हैं तथा उन्‍हें भारतीय रिजर्व बैंक को भेजा जाता है जहां इन्हें नष्ट कर दिया जाता है.
चलन से वापस लिए गए बैंक नोटों को भारतीय रिजर्व बैंक के निर्गम कार्यालयों में स्‍वीकार किया जाता है. रिजर्व बैंक, अन्य विषयों के साथ, इन बैंक नोटों को वेरिफाई करने और तमाम तरह की जांच के बाद अनफिट नोटों को अलग कर उन्हें नष्ट करने की कैटेगरी में डाल देता है.