RBI ने फिर बढ़ा दिया रेपो रेट, महंगा हो जाएगा लोन, बढ़ जाएगी EMI
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की ओर से बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (Monetary Policy Committee- MPC) के फैसलों का एलान किया गया है। एमपीसी ने इस बार भी महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने का फैसला किया है। एमपीसी ने समीक्षा बैठक में रेपो रेट में इजाफा किया है।
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने आज अपनी बैठक में liquidity adjustment facility (LAF) के तहत पॉलिसी रेपो दर को 35 आधार अंक या 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। आज हुई बढ़ोतरी को मिला दिया जाए तो पिछले सात महीनों में आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में की गई पांचवीं वृद्धि है। केंद्रीय बैंक ने मई में 0.40 प्रतिशत, जून, अगस्त और सितंबर में 0.50-0.50-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।
आरबीआई गवर्नर ने क्या कहा
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में बढ़ोतरी का एलान करते हुए कहा कि एमपीसी ने ब्याज दर को 0.35 प्रतिशत बढ़ाने का फैसला किया है। अब रेपो रेट बढ़कर 6.25 प्रतिशत हो गया है। एमपीसी के 6 में से 5 सदस्य रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में थे। वहीं, 6 में से 4 सदस्य पॉलिसी के अकोमोडेटिव रूख वापास लेने के पक्ष में थे। वहीं, IFSC में गोल्ड प्राइड रिस्क के एक्सपोजर को हेज किया जा सकेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था मे जारी रहेगी तेजी
आरबीआई की ओर से वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अर्थव्यवस्था के विकास दर के अनुमान को 7.00 प्रतिशत से घटाकर 6.8 प्रतिशत कर दिया है। अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर 7.1 प्रतिशत रह सकती है।
महंगाई को लेकर कहा कि चालू वित्त वर्ष में 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 6.6 प्रतिशत और चौथी तिमाही 5.4 प्रतिशत होने का अनुमान है, जबकि अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई 5 प्रतिशत के आसपास रहने का अनुमान है। केंद्रीय बैंक ने महंगाई को अनुमान को लेकर कोई भी बदलाव नहीं किया है। इसके साथ कहा कि अगले 12 महीने तक महंगाई 4 प्रतिशत के ऊपर रह सकती है।
ईएमआई में होगा इजाफा, एफडी वालों को फायदा
रेपो रेट में इजाफा होने का सीधा असर आपकी होम लोन, ऑटो लोन और दूसरे अन्य सभी प्रकार के लोन महंगे हो जाएंगे। जब भी आरबीआई की ओर से ब्याज दरों में इजाफा किया जाता है, तो इसका सीधा असर लोन की ब्याज दरों में बढ़ोतरी के तौर पर देखने को मिलता है। इसके कई कमर्शियल बैंकों की ओर से भी ब्याज दर में इजाफा किया जा सकता है।