Railway News: रेलवे का सीनियर सिटीजन को तोहफा, नए नियमों के तहत मिलने जा रही छूट
HR Breaking News (ब्यूरो) : रेल किराए में सीनियर सिटीजन को फिर से छूट मिल सकती है। इस तरह का संकेत संसद (Parliament) से मिला है। दरअसल, संसद की एक स्थाई समिति (Standing Committee) ने कहा है कि रेल मंत्रालय तत्काल प्रभाव (Urgently) से सीनियर सिटीजन को किराये में छूट देना शुरू करे। यह छूट स्लीपर और 3एसी (Sleeper & 3A) क्लास में मिले। उल्लेखनीय है कि रेलवे ने कोरोना काल में सभी तरह के कंशेसन को वापस ले लिया था।
रेल मंत्री ने कहा था, नहीं मिलेगी छूट
रेल सेवाएं सामान्य होने के बाद रेल टिकट में छूट की पुरानी व्यवस्था बहाल होने की उम्मीद कर रहे लोगों को बीते जुलाई में झटका लगा था। उस महीने संसद में एक दिन रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने कहा था कि पहले से ही यात्रियों का किराया कम है। ऐसे में टिकट पर और रियायत नहीं दी जा सकती है।
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कमाई कम हो गई है
लोकसभा में रेल मंत्री ने एक सवाल के जवाब में बताया था कि कोविड-19 महामारी के चलते दो वर्षों से पैसेंजर सर्विस से होने वाली कमाई कम हो गई है। ऐसे में टिकट में छूट फिर से बहाल करने से रेलवे के वित्तीय सेहत पर और बुरा असर पड़ेगा। इसलिए सीनियर सिटीजन समेत सभी कैटगरी के लोगों के लिए रियायती रेल टिकट सेवा बहाल करना संभव नहीं है। इसके बावजूद फिलहाल रेलवे चार तरह के विकलांग कैटगरी और 11 तरह के मरीजों और छात्रों को रियायती रेल टिकट उपलब्ध करा रही है।
अब क्या हुआ है
भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह की अध्यक्षता वाली संसद की एक स्थायी समिति ने फिर से छूट शुरू करने की सिफारिश की है। समिति ने कहा है कि सीनियर सिटीजन को 3एसी और स्लीपर के किराए में छूट तुरंत (Urgently) मिले। इसके साथ ही कहा है कि जब रेलवे का ऑपरेशन सामान्य हो गया है तो अन्य कंशेसन भी बहाल किया जाना चाहिए। इस रिपोर्ट को पिछले सप्ताह ही संसद में पेश किया गया है।
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पहले ऐसे मिलती थी छूट
मार्च 2020 से पहले सीनियर सिटिजन कैटेगरी में महिलाओं को किराये पर 50 फीसदी और पुरुषों को सभी क्लास में रेल सफर करने के लिये 40 फीसदी छूट मिलती थी। इसके लिए महिलाओं की न्यूनतम आयु सीमा 58 और पुरुषों के लिये 60 वर्ष तय थी।
लेकिन कोरोना काल के बाद यह छूट खत्म कर दी गई। रेल मंत्री के अनुसार, सीनियर सिटीजन को टिकट पर छूट देने से 2017-18 से 2019-20 के बीच रेलवे को 4794 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है।