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Success Story : मजदूरी करके महीने के कमाता था 15 रूपये, अब बना 1600 करोड़ रु का मालिक

आज हम आपको ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे है जो मजदूरी करके एक महीने में मात्र 15 रूपये ही कमा पाता था। आज वह 1600 करोड़ रु का मालिक बन गया है। आइए जानते है सुदीप की संघर्ष भरी कहानी।
 
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मजदूरी करके महीने के कमाता था 15 रूपये, अब बना 1600 करोड़ रु का मालिक

HR Breaking News, Digital Desk- आज हम आपको ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे है। जिसके पास कुछ भी पैसे नही थे मगर आज अरबों रुपए का मालिक है। उसका नाम है सुदीप दत्ता। पिता और भाई के गुजर जाने के बाद सुदीप अकेले पड़ गया था। सुदीप पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर के एक परिवार से संबंध रखते है।

पिता और भाई के गुजर जाने से पूरे परिवार की जिम्मेदारी सुदीप पे आ गई थी। घर के हालात बहुत खराब थे। फिर दोस्तो का सुझाव मान कर उन्होंने अपनी पहली नौकरी शुरू की जिसमे उन्हे 15 रुपए महीने मिला करते थे।

जिस कम्पनी में काम थे उसी कंपनी को खरीद लिया सुदीप जिस फैक्ट्री में नौकरी किया करते थे। उस फैक्ट्री के मालिक ने नुकसान होने के वजह से फैक्टरी बंद करने का फैसला लिया। अब हर कोई नई नौकरी की तलाश में था मगर सुदीप कुछ अलग थे उन्होंने फैक्टरी खुद चलाने का फैसला किया और 16 हजार रुपए जमा किए। यह वो खुद का गुजारा नहीं कर सकते थे। वह सुदीप ने 7 मजदूरों के परिवार की जिम्मेदारी ली। फैक्ट्री खरीदने के लिए सुदीप को मालिक को 2 वर्ष का मुनाफा बाटने का वादा करना पड़ा।

बेहतर गुणवत्ता की वजह से ग्राहक बढ़ते चले गए जिस फैक्ट्री को सुदीप ने खरीदा था। उसके हालत ठीक नहीं थे। कुछ कंपनिया थी जो ज्यादा ही फैमस थी उनको ज्यादा ऑर्डर मिला करते थे और वे बेहतर मुनाफा कमा रही थी। मगर सुदीप ने हार नहीं मानी।

उनको पता था यदि उनको इन कंपनी से आगे निकलना है तो कोई नया तरीका आजमाना पड़ेगा। साथ ही गुणवत्ता बनाई रखनी होगी। जिसकी वजह से सुदीप ने ग्राहक बढ़ते चले गए। सुदीप की मेहनत दिखने लगी थी। कुछ समय बाद नेस्ले और सिप्ला जैसे कंपनी से भी छोटे ऑर्डर आना शुरू हो गए थे।

1600 करोड़ रुपए से भी अधिक की कंपनी सुदीप की कंपनी का नाम अब बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की सूची में शामिल हो चुका है।सुदीप को अपने अव्वल दर्जे के काम के वजह से आज उन्हें पैकेजिंग इंडस्ट्री का नारायणमूर्ति कहा जाता है। आज उनकी कंपनी 1600 करोड़ रुपए से भी अधिक की है।