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2 द‍िन की हड़ताल पर टैक्सी-ऑटो यून‍ियन

अगर आप भी द‍िल्‍ली में हैं और अक्‍सर ऑटो-टैक्‍सी से सफर करते हैं तो यह खबर आपके ल‍िए बहुत जरूरी है. देशभर में बढ़ते पेट्रोल-डीजल और CNG के दाम के बाद अब ऑटो-टैक्‍सी यूनियन ने किराया बढ़ाने की मांग की है.
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Delhi Auto Taxi Strike on 18 April : इस कारण ऑटो-टैक्‍सी यूनियन 18 अप्रैल से दो द‍िन की हड़ताल पर हैं. यून‍ियन की तरफ से कुल 16 मांगे रखी गई हैं.


पूरी द‍िल्‍ली में रहेगा असर
ईंधन की लगातार बढ़ती कीमतों के कारण द‍िल्‍ली में (Delhi Auto-Taxi Strike) दो द‍िन के ल‍िए चक्‍का जाम रहेगा। इस हड़ताल का असर पूरी दिल्ली में रहेगा. इसकी वजह से दिल्ली की सड़कों पर टैक्सी या ऑटो दिखाई नहीं देंगे.


मांगे नहीं मानने पर आगे भी हड़ताल की चेतावनी
भारतीय मजदूर संघ ट्रांसपोर्ट यूनियन के प्रेसिडेंट राजेंद्र सोनी का कहना है कि हमारे साथ तमाम ऑटो टैक्सी यूनियन (Delhi Taxi Union Strike) होंगी.

हड़ताल के दिन दिल्ली की जनता को जो दिक्कत होगी उसके लिए हमें खेद हैं. लेकिन जनता परेशान होती हैं तो इसकी जिम्मेदारी केंद्र और दिल्ली सरकार दोनों की होगी. सोनी ने कहा हमने कुछ मांग रखी हैं अगर इन पर कोई सुनवाई नहीं होती है तो आगे भी हड़ताल की जा सकती है.


यूनियन ने ये डिमांड भी रखीं

  •  ऐप बेस्ड टैक्सी का किराया दिल्ली सरकार को तय करना चाहिए.
  •  पैनिक बटन की अनिवार्यता खत्म की जाए.
  • स्पीड गर्वनर की चेक‍िंग के नाम पर 2500 रुपये लेना बंद किया जाए.
  • ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की डीजल बसों और टैंपो ट्रैवलर को 10 साल की वैधता दी जाए.
  •  दिल्ली में CNG की कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों की वैधता 2 साल और बढ़ाई जाए.
  •  दिल्ली में डीजल की यूरो 6 टैक्सी बसों का रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाए.
  • स्पीड गवर्नर और पैनिक बटन घोटाले की जांच CBI से करवाई जाए.
  •  दिल्ली में डीजल पर वैट कम किया जाए.
  •  CNG गैस के लिए दिल्ली सरकार, बस और टैक्सी मालिकों को सब्सिडी दे.
  •  DIMTS द्वारा हर साल GPS के नाम पर लेनी वाली फीस बंद की जाए.
  • दिल्ली में परिवहन विभाग की तरफ से ली जा रही सारी लेट फीस और जुर्माने हटाए जाएं.
  • अभी भी 8 सीटर डीजल टैक्सी के परमिट 5 साल के बाद नवीनीकरण नहीं हो रहे हैं, इनके परमिट जल्दी नवीनीकरण के आदेश दिए जाए.
  •  फिटनेस के समय ड्राइवर जेंडर ट्रेनिंग हटाई जाए.
  •  ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट की टैक्सी बसों से स्पीड गवर्नर की अनिवार्यता हटाई जाए.
  • डीजल-पेट्रोल और CNG को GST के दायरे में लाया जाए.
  • ट्रैफिक पुलिस और एनफोर्समेंट की तरफ से बसों पर वसूले जाने वाले 10 हजार के जुर्माने बंद किए जाएं.