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सैलरी और छुट्टियों से जुड़े नियमों में होगा बड़ा बदलाव, जानिए कब से लागू होने जा रहा नियम

HR BREAKING NEWS सरकार जल्दी ही नया वेज कोड लागू कर सकती है। पहले ये 1 अप्रैल से लागू होने वाला था उसके बाद, अक्टूबर से से इसके लागू होने की संभावना थी।
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लेकिन राज्य सरकारों के अटकलों के कारण इसे नहीं लागू किया गया। अब ये नियम नए वित्तीय साल से लागू किया जा सकता है। इस अवधि तक सभी राज्य भी अपने ड्राफ्ट रूल्स तैयार कर लेंगे। इसके तहत कर्मचारियों की सैलरी, छुट्टियां वगैरह में बदलाव होंगे।

साल की छुट्टियां बढ़कर 300 होंगी

कर्मचारियों की अर्जित अवकाश (Earned Leave) यानी छुट्टियां 240 से बढ़कर 300 हो सकती हैं। लेबर कोड के नियमों में बदलाव को लेकर श्रम मंत्रालय, लेबर यूनियन और उद्योगजगत के प्रतिनिधियों के बीच कई प्रावधानों पर चर्चा हुई थी। जिसमें कर्मचारियों की Earned Leave 240 से बढ़ाकर 300 किये जाने की मांग की गई थी।

बदलेगा सैलरी स्ट्रक्चर

नए वेज कोड के तहत कर्मचारियों के सैलरी स्ट्रक्चर में बदलाव आएगा, उनकी Take Home Salary में कमी की जा सकती है। क्योंकि वेज कोड एक्ट (Wage Code Act), 2019 के मुताबिक, किसी कर्मचारी की बेसिक सैलरी कंपनी की लागत (Cost To Company-CTC) के 50 परसेंट से कम नहीं हो सकती है। अभी कई कंपनियां बेसिक सैलरी को काफी कम करके ऊपर से भत्ते ज्यादा देती हैं ताकि कंपनी पर बोझ कम पड़े।

भत्तों में कटौती करनी होगी

किसी कर्मचारी की Cost-to-company (CTC) में तीन से चार कंपोनेंट होते हैं। बेसिक सैलरी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), रिटायरमेंट बेनेफिट्स जैसे PF, ग्रेच्युटी और पेंशन और टैक्स बचाने वाले भत्ते जैसे- LTA और एंटरटेनमेंट अलाउंस। अब नए वेज कोड में ये तय हुआ है कि भत्ते कुल सैलरी से किसी भी कीमत पर 50 परसेंट से ज्यादा नहीं हो सकते।

ऐसे में अगर किसी कर्मचारी की सैलरी 50,000 रुपये महीना है तो उसकी बेसिक सैलरी 25,000 रुपये होनी चाहिए और बाकी के 25,000 रुपये में उसके भत्ते आने चाहिए।

यानी अभी तक जो कंपनियां बेसिक सैलरी को 25-30 परसेंट रखती थीं, और बाकी का हिस्सा अलाउंस का होता था, वो अब बेसिक सैलरी को 50 परसेंट से कम नहीं रख सकती हैं। ऐसे में कंपनियों को नए वेज कोड के नियमों को लागू करने के लिए कई भत्तों में कटौती भी करनी पड़ेगी।

नए वेज कोड में क्या खास

नए वेज कोड में कई ऐसे प्रावधान दिए गए हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले सैलरीड क्लास, मिलों और फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा। कर्मचारियों की  सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे भी बदल जाएंगे। आइये जानते हैं नए वेज कोड के कुछ प्रावधान जिनके लागू होने के बाद आपकी जिंदगी में काफी बदलाव आएगा।

काम के घंटे बढ़ेंगे और वीकली ऑफ भी बढ़ेगा

नए वेज कोड के तहत काम के घंटे बढ़कर 12 हो जाएंगे। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने बताया कि प्रस्तावित लेबर कोड में कहा गया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा, दरअसल कुछ यूनियन ने 12 घंटे काम और 3 दिन की छुट्टी के नियम पर सवाल उठाए थे।

सरकार ने इस पर अपनी सफाई में कहा कि हफ्ते में 48 घंटे काम का ही नियम रहेगा, अगर कोई दिन में 8 घंटे काम करता है तो उसे हफ्ते में 6 दिन काम करना होगा और एक दिन की छुट्टी मिलेगी।

अगर कोई कंपनी दिन में 12 घंटे काम को अपनाती है तो बाकी 3 दिन उसे कर्मचारी को छुट्टी देनी होगी। अगर काम के घंटे बढ़ते हैं तो काम के दिन भी 6 की बजाय 5 या 4 ही होंगे। लेकिन इसके लिए कर्मचारी और कंपनी दोनों के बीच सहमति होना भी जरूरी है।