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Union Budget 2023 : साल 2023 में हर एक के पास होगी अपनी छत, सरकार ने बनाया ये ज़बरदस्त प्लान, अब कोई नहीं रहेगा बेघर

सरकार ने इस साल के बजट में हर एक इंसान को खुद का घर देने का एलान किया है, सरकार ने बनाया है ऐसा लान जिससे हर एक नागरिक के सर पर होगी छत। आइये जानते हैं विस्तार से 

 
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HR Breaking News, New Delhi : केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी 2023 को आम बजट (Union Budget 2023) पेश करने जा रही हैं. यह बजट में अगले वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए देश के प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना (Pradhan Mantri Gramin Awaas Yojana) को बड़ा निवेश मिल सकता है. निर्मला सीतारमण के पिटारे से आवास योजना में खुलकर खर्च किया जा सकता है. वहीं इस योजना का सीधा लाभ गरीबों को मिल जाता है. जानिए इस योजना से क्या है नया अपडेट..

क्या है पीएम आवास योजना 
देश में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) की शुरुआत 25 जून, 2015 को की थी. यह पीएम मोदी की बड़ी महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. इसका लक्ष्य हर गरीब को कम कीमत पर घर उपलब्ध कराना है. केंद्र सरकार का साल 2024 तक देश के सभी गरीबों को पक्का मकान देने का लक्ष्य है.

मिल सकता है भारी निवेश 
केंद्रीय बजट (Budget 2023) पेश होने में अब 2-3 दिन बाकी हैं. वहीं दूसरी ओर, बजट में सरकार आवास योजना के बारे में कुछ बड़ा ऐलान कर सकती है. प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) शहरी और ग्रामीण को इस सभी भारी भरकम बजट आवंटन हो सकता है.

84 लाख घरों का बनाया टारगेट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार दोनों आवास (शहरी और ग्रामीण) योजना में भारी भरकम आवंटन कर सकती है. केंद्र की मोदी सरकार 2024 तक ग्रामीण इलाकों में करीब 84 लाख घरों को बनाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए 40 हजार करोड़ से ज्यादा का बजट रखने की उम्मीद जताई जा रही है. इससे पिछले साल बजट में मोदी सरकार ने 48 हजार करोड़ का आवंटन किया था.

मकानों के दाम हो जाएंगे कम 
केंद्र सरकार ने निर्माणाधीन संपत्तियों की लागत काफी कम हो गई है. सरकार से बार-बार अनुरोध के बावजूद ज्यादातर डेवलपर्स घर खरीदारों को इनपुट क्रेडिट टैक्स के लाभों को पारित करने में असफल रहे हैं. आगामी बजट सत्र संभावित किरायेदारों को राहत प्रदान करने के लिए काफी उत्सुकता से देखा सकता है. देश में ज्यादातर आवास बनने से मकानों की कीमत भी कम रहने की उम्मीद जताई जा रही है.