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बिजली चोरी करने के लिए स्मार्ट मीटर में लगाया ऐसा जुगााड़ हो जाओगे दंग

बिजली चोरी के लिए सगे भाइयों ने स्मार्ट मीटर में इस प्रकार में चोरी का काम किया है। जानें कैसे इसका खुलासा...
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HR Breaking News, UP:  बिजली चोरी करने के लिए लोग ऐसे-ऐसे तरीके इजाद कर दिए हैं, जिसे आप देखकर हर कोई चौक जाएं। ऐसा ही एक मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के गोरखपुर बक्शीपुर खंड क्षेत्र में।

दरअसल, खंड के भरपुरवा में बिजली चोरी के लिए सगे भाइयों ने स्मार्ट मीटर के पीछे सुराख किया था। इसी सुराख के रास्ते उन्होंने रीडिंग दर्ज करने वाले सेंसर व चिप को खराब कर दिया था। इस कारण दिन-रात बिजली का उपभोग होने के बाद भी मीटर में रीडिंग नहीं दर्ज हो रही थी। लखनऊ से आयी बिजली निगम और मीटर एजेंसी की टीम की जांच में इसका पर्दाफाश हुआ।
 पिछले दिनों बिजली निगम की टीम ने भरपुरवा में विशेष अभियान चलाया था। टीम सगे भाई इमरान खान और अहमद खान की आइसक्रीम फैक्ट्री पर पहुंची तो चार-चार किलोवाट क्षमता के कनेक्शन पर चार स्मार्ट मीटर लगे मिले। जांच में स्मार्ट मीटर तो चल रहे थे लेकिन रीडिंग नहीं दर्ज हो रही थी। इस पर टीम को चोरी का शक हुआ।

चूंकि मामला स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी का था इसलिए बक्शीपुर के अधिशासी अभियंता अतुल रघुवंशी ने उच्चाधिकारियों से बात कर विशेषज्ञों की टीम से जांच कराने का अनुरोध किया। दो दिन बाद वाराणसी से टीम पहुंची तो बिजली चोरी की पुष्टि हुई। इसके बाद सगे भाइयों पर एफआइआर दर्ज कराई गई।
 बिजली निगम के चेयरमैन एम देवराज ने स्मार्ट मीटर से बिजली चोरी के मामले में उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दिए। इसके बाद लखनऊ से बिजली निगम के दो अधीक्षण अभियंता, मीटर लगाने की एजेंसी एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) कार्यदायी संस्था लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी), मीटर एजेंसी जीनस के अफसरों को जांच के लिए भेजा गया। बक्शीपुर में टीम ने जांच की तो मीटर के पिछले हिस्से में सुराख मिला।

बिजली निगम के अफसरों का कहना है कि मीटर के पिछले हिस्से में सुराख बनाकर सिस्टम खराब करना सामान्य व्यक्ति के वश की बात नहीं है। मीटर सील होने के पहले ही चोरी की व्यवस्था बना दी गई होगी। इसके बाद सुराख को बंद कर दिया गया। इसमें बिजली निगम और एलएंडटी से जुड़े कर्मचारी शामिल हो सकते हैं।

बक्शीपुर के अधिशासी अभियंता ने सगे भाइयों पर 38 लाख रुपये जुर्माना लगाया था। रुपये नहीं जमा होने पर अब दोनों भाइयों को नोटिस जारी किया गया है।

बिजली निगम ने अस्वस्थ चल रहे अधीक्षण अभियंता ग्रामीण द्वितीय रमेश चंद्रा को पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम कार्यालय से संबद्ध कर दिया है। उनकी जगह रमेश कुमार श्रीवास्तव को अधीक्षण अभियंता द्वितीय बनाया गया है।