Bank Cheque Bounce : चेक से लेनदेन करने वाले हो जाएं सावधान, अब 1000 रुपये का चेक बाउंस होने पर होगी ये सजा
Bank Cheque Bounce : आज के दौर में लेन-देन के तरीकों में भारी बदलाव आया है. डिजिटल युग होने के बावजूद, चेक आज भी कई जगहों पर भुगतान का एक महत्वपूर्ण तरीका है, खासकर बड़ी पेमेंट्स (Payments) के लिए. लेकिन आपको बता दें कि चेक बाउंस होना एक गंभीर अपराध है... बता दें कि अब एक हजार रुपये का चेक बाउंस होने पर कड़ी सजा मिलेगी-
HR Breaking News, Digital Desk- (Bank Cheque Bounce) आज के दौर में लेन-देन के तरीकों में भारी बदलाव आया है. अधिकतर भुगतान अब ऑनलाइन होते हैं, और कैश ट्रांजैक्शन बहुत कम हो गए हैं. डिजिटल युग होने के बावजूद, चेक आज भी कई जगहों पर भुगतान का एक महत्वपूर्ण तरीका है, खासकर बड़ी पेमेंट्स (Payments) के लिए. आपको जानकर हैरानी होगी कि चेक नौ तरह के होते हैं.
चेक बाउंस होना भारत में अपराध-
अगर आपने कभी भी चेक का इस्तेमाल किया है तो आपने चेक बाउंस के बारे में भी जरूर सुना होगा. चेक बाउंस होना एक गंभीर अपराध है, चाहे चेक की राशि कितनी भी हो. एक हजार रुपये का चेक बाउंस होने पर भी उतनी ही कड़ी सज़ा हो सकती है जितनी कि लाखों या करोड़ों के चेक बाउंस होने पर. चेक बाउंस होने की स्थिति में आपको जेल भी जाना पड़ सकता है. इसलिए, चेक जारी करते समय हमेशा सुनिश्चित करें कि आपके खाते में पर्याप्त धनराशि हो.
चेक बाउंस होने पर मिलती है इतनी सजा-
बता दें, चेक बाउंस होना नेगोसिएबल इंस्ट्रूमेट्स एक्ट (Negotiable Instruments Act) 1881 की धारा 138 के तहत अपराध माना जाता है. कोई व्यक्ति इसमें अगर दोषी पाया जाता है तो उसे दो साल तक की जेल हो सकती है. या फिर चेक की राशि का दोगुना जुर्माना लगाया जा सकता है. कई बार तो दोनों सजाएं एक साथ दी जा सकती हैं. फिर चाहे रकम एक हजार रुपये ही क्यों न हो.
अब आसान हो गई शिकायत दर्ज करवाना-
चेक बाउंस होने के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने की प्रोसेस (process) अब बहुत आसान हो गई है. बता दें, पहले चेक बाउंस की शिकायत एक महीने के अंदर करनी होती थी लेकिन अब तीन महीने के अंदर-अदंर शिकायत की जा सकती है. आप अब ऑनलाइन (online) भी चेक बाउंस होने की शिकायत कर सकते हैं.
बैंकों के लिए ये है नियम-
चेक बाउंस (Cheque Bounce) होने पर बैंक को 24 घंटे के भीतर दोनों पक्षों को सूचित करना ज़रूरी है. जानबूझकर चेक बाउंस करने वालों के ख़िलाफ़ भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 318 (4) के तहत केस दर्ज किया जा सकता है. इससे उन्हें कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है.
