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CBI : रिटायार्ड अफसर के घर मिला कुबेर का खजाना, नोट गिनने वाली मशीनें भी पड़ गई कम

CBI : हाल ही में सीबीआई ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। दरअसल एक रिटायार्ड अफसर के घर कुबेरा का खजाना मिला है। सुत्रों के मुताबिक ऐसा कहा गया है कि इस रिटायार्ड अफसर के घर पर पैसे गिनने वाली मशीने भी कम पड़ गई...

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HR Breaking News, Digital Desk- केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (Central Bureau of Investigation) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए वाटर और पावर कंस्लटेंसी सर्विस (इंडिया) के पूर्व सीएमडी राजेंद्र कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया है. वाटर और पावर कंस्लटेंसी सर्विस (इंडिया) ये PSU जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है.

 

 

 

 

इस मामले में सीबीआई ने राजेंद्र कुमार के बेटे गौरव सिंघल को भी गिरफ्तार किया है. इन दोनों की गिरफ्तारी की मुख्य वजह गलत तरीके से आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, लिहाजा इसी मामले में दो मई मंगलवार को 19 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया था.

इसी सर्च ऑपरेशन के पहले दिन में ही करीब 20 करोड़ रुपये जब्त किया गया. उसके बाद बुधवार को भी सीबीआई द्वारा सर्च ऑपरेशन के तहत जब्त नकदी की जब गिनती की गई तो वो रकम करीब 38 करोड़ 38 लाख रुपए की जानकारी सामने आई. सर्च ऑपरेशन के दौरान जब भारी मात्रा में नकदी को देखा तो जांच एजेंसी के अधिकारियों की भी आंखें खुली रह गईं क्योंकि सर्च ऑपरेशन के दौरान पूर्व सीएमडी के आवास सहित अन्य लोकेशन से करीब 38 करोड़ 38 लाख रुपए रुपये की नकदी ,बैंक लॉकर से संबंधित दस्तावेज सहित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूतों को जब्त किया गया है.

सीबीआई मुख्यालय में कार्यरत अधिकारी के मुताबिक वाटर और पावर कंस्लटेंसी सर्विस (इंडिया ) के पूर्व सीएमडी का नाम राजेन्द्र कुमार गुप्ता है जिनके खिलाफ जांच एजेंसी को कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं. जांच के दौरान ये पाया गया है कि वाटर और पावर कंस्लटेंसी सर्विस (इंडिया) के पूर्व सीएमडी राजेन्द्र कुमार ने अपने सर्विस काल के दौरान एक अप्रैल 2011 से लेकर 31 मार्च 2019 के दौरान अपनी आय से कई गुणा अधिक संपत्तियों को बनाया जो अब जांच एजेंसी के रडार पर है.

वाटर और पावर कंसल्टेंसी सर्विसेज (इंडिया) की अगर बात करें तो यह केन्द्रीय जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत आता है. जांच एजेंसी के अधिकारी के मुताबिक आरोपी राजेन्द्र कुमार गुप्ता अपनी नौकरी से सेवानिवृत्त होने के बाद दिल्ली में एक प्राइवेट कंपनी को ज्वाइन करके कंस्लटेंसी का काम कर रहे थे. उसी दौरान उन्होंने काफी चल-अचल संपत्तियों को गलत तरीके से अर्जित किया. जांच एजेंसी की तफ्तीश कर्ता को दिल्ली, गुरुग्राम, पंचकूला, चंडीगढ़, सोनीपत में आरोपी और उसके परिजनों से संबंधित कई बेनामी संपत्ति से जुड़े दस्तावेज और प्रॉपर्टी के दस्तावेजों को जब्त किया है जिसकी जांच जारी है.

जांच एजेंसी सीबीआई के द्वारा एफआईआर में नामजद मुख्य आरोपी राजेन्द्र कुमार गुप्ता के परिवार से ही चार प्रमुख लोगों को आरोपी बनाते हुए 19 लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. जांच एजेंसी के मुताबिक राजधानी दिल्ली, गुरुग्राम, चंडीगढ़, सोनीपत, उत्तर प्रदेश राज्य के गाजियाबाद, पंचकुला सहित अन्य लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन को अंजाम दिया गया.

सर्च ऑपरेशन के दौरान आरोपी और उसके परिजनों के नाम से कई बैंकों में लॉकर की जानकारी मिली, जिसके आधार पर आगे की तफ्तीश की जा रही है. इस मामले में जल्द ही कई सरकारी अधिकारियों से भी पूछताछ की जा सकती है.