dearness allowance hike इन राज्यों ने कर्मचारियों को बढ़ा दिया महंगाई भत्ता, जानें मोदी सरकार कब देगी सौगात
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, DA Hike Latest News: देश के कई राज्यों ने हाल के दिनों में सरकारी कर्मचारियों के महंगाई बढ़ोतरी का फैसला किया है. जिसमें मध्य प्रदेश, गुजरात , छत्तीसगढ़ और त्रिपुरा सरकार शामिल है. वैसे इन सभी राज्यों एक से डेढ़ सालों में विधानसभा चुनाव होने हैं. ये भी बड़ी वजह है कि सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के सदस्यों का वोट हासिल करने के लिए इन सरकारों ने ये फैसला किया है. पर अब सबकी नजर केंद्र सरकार पर है कि वो कब अपने कंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता बढ़ाने का एलान करती है.
8वें वेतन आयोग के गठन पर फिलहाल कुछ भी कहना कठिन है.क्योंकि केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन बढ़ोतरी के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन का सरकार के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है. लेकिन मोदी सरकार डैमेज कंट्रोल करने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों को बड़ी सौगात दे सकती है. माना जा रहा है सरकार त्योहारों के सीजन के दौरान केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी पर मुहर लगा सकती है.
बता दें केंद्र सरकार साल में दो बार जनवरी और जुलाई माह के दौरान खुदरा महंगाई आंकड़ों के आधार पर डीए (DA) और डीआर (DR) में संशोधन करती है. देश में महंगाई आरबीआई के अनुमान से ऊपर जा पहुंचा है. खुदरा महंगाई दर आरबीआई के टोलरेंस लेवल 6 फीसदी से ऊपर चला गया है. जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी रहा है. साल 2022 के पहले छमाही जनवरी से जून के लिए सरकार महंगाई भत्ता बढ़ा चुकी है. अब जुलाई से दिसंबर महीने के लिए महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी का इंतजार है.
कितना बढ़ेगा डीए!
ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स फॉर इंडस्ट्रियल वर्कर्स का जो डाटा आया है उसके बाद ये उम्मीद जताई जा रही महंगाई भत्ता 5 फीसदी तक बढ़ाया जा सकता है.ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (All-India Consumer Price Index) के डाटा के मद्देनजर ये अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 39 फीसदी बढ़ाकर किया जा सकता है. महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी से केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन (Salary) में जबरदस्त इजाफा संभव है. केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते को 34 फीसदी से बढ़ाकर 39 फीसदी किया जा सकता है. केंद्र सरकार के इस फैसले का असर 47 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनभोगियों को होगा.