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employees news: कर्मचारियों के लिए बड़ी अपडेट, इन लोगों की रिटायरमेंट आयु में बढ़ोतरी

शासकीय कर्मचारी (Employees)-शिक्षकों (Teachers) के लिए अच्छी खबर है। दरअसल जल्द उनकी सेवानिवृत्ति आयु (Retirement age) 65 वर्ष होगी। इसके लिए प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
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HR Breaking News : नई दिल्ली : उच्च शिक्षा में सुधार आयोग (Higher Education Reform Commission) ने केंद्रीय विद्यालय (Central School) के समान विश्वविद्यालय कॉलेज (university college) के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) 65 वर्ष तक बढ़ाने पर जोर दिया है। इसके लिए कमेटी द्वारा सेवानिवृत्ति आयु (retirement age)  को बढ़ाकर 65 वर्ष करने की सिफारिश की गई है। जल्द ही शासकीय कर्मचारियों शिक्षकों को इसका लाभ देखने को बताया मिलेगा।


बता दे कि श्याम बी मेनन की अध्यक्षता वाले आयोग ने राज्य के बाहर के विश्वविद्यालय की कुशल विद्वानों को आकर्षित करने की दृष्टि से यह प्रस्ताव रखा है। पहले सरकारी सहायता प्राप्त कॉलेज और विश्वविद्यालय (university college)  के शिक्षकों के वेतनमान, सेवा नियम और सेवानिवृत्ति की आयु (retirement age) में समानता का जिक्र करते हुए इसमें संशोधन का प्रस्ताव तैयार किया है।

आयोग ने कहा कि एक संस्थान दूसरे संस्थान में शिक्षक की आसानी से आवाजाही हो सके। इसके अलावा शिक्षकों के कार्यशैली में लचीलापन लाने के लिए नवाचार समूह के गठन को बढ़ावा मिलेगा और शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ने का लाभ कॉलेज सहित छात्रों को होगा।

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ज्ञात हो कि केरल में विश्वविद्यालय शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) 60 वर्ष थी जबकि कॉलेज के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) 56 वर्ष है। वहीं पश्चिम बंगाल और अन्य पांच राज्यों में उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षक 65 वर्ष की उम्र में रिटायर होते हैं। इन राज्यों की कार्यशैली के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है।

वही पिछले कुछ सालों में तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति बढ़ाने पर बड़ा फैसला लिया गया है। बीते दिनों उड़ीसा सरकार विधानसभा कमेटी द्वारा भी शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु बढ़ाने के प्रस्ताव तैयार किए गए।


आयोग द्वारा रिपोर्ट तैयार करने के कुछ दिन पहले ही केरल सरकार द्वारा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) बढ़ाने की मांग को अस्वीकार कर दिया गया था।

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वहीं राज्य सरकार ने तर्क दिया था कि पीएचडी धारक सहित बड़ी संख्या में योग्य शिक्षक, जो रोजगार की प्रतीक्षा कर रहे हैं।। ऐसे में सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) बढ़ाकर इनके संभावनाओं और अवसरों से इन्हें वंचित नहीं रखा जा सकता।


उच्च शिक्षा सुधार आयोग का कहना है कि सेवानिवृत्ति आयु (retirement age) को 5 वर्ष बढ़ाने के साथ ही पीएचडी धारकों के लिए संकाय पदों के अतिरिक्त अन्य पदों पर भर्ती सृजन की जा सकती है।

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जिसमें कैडर में अलग 5 वर्षों में एक नियमित प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के वेतन के बराबर एक निश्चित मुआवजे के साथ 50 फीसद का सृजन किया जा सकता है। जबकि 50% पदों को मौजूदा शिक्षक की सेवानिवृत्ति आयु को बढ़ाकर पूरा किया जाना चाहिए।