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Gold Rate Hike : सोने ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड, इतने दिन में हो जाएगा 1.50 लाख के पार

Gold Rate Hike : इस साल सोने ने शानदार रिटर्न दिया है और इसकी बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है। एक अमेरिकी फाइनेंशियल फर्म के प्रेसिडेंट का अनुमान है कि सोना अगले साल तक डेढ़ लाख रुपये तक पहुंच सकता है। उन्होंने गिरावट आने पर खरीदारी की सलाह दी है-

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Gold Rate Hike : सोने ने तोड़ दिए सारे रिकॉर्ड, इतने दिन में हो जाएगा 1.50 लाख के पार

HR Breaking News, Digital Desk- (Gold Rate) यदि सोने की कीमत 1 लाख रुपये के ऐतिहासिक स्तर से नीचे गिरती है, तो भी इसकी चमक कम नहीं होगी। गोल्ड में हमेशा स्थिरता और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। यार्डेनी रिसर्च के अध्यक्ष एड यार्डेनी (Yardeni Research President Ed Yardeni) ने भविष्यवाणी की है कि अगले वर्ष सोने की कीमतें आपकी अपेक्षाओं से भी अधिक ऊंचाई पर पहुंच सकती हैं, जिससे निवेशकों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बना रहेगा। गोल्ड की चमक हमेशा बनी रहेगी। (sone ke daam)

अब तक 29 प्रतिशत दिया रिटर्न-

एक रिपोर्ट के मुताबिक, एड यार्डेनी का मानना है कि इस साल के आखिरी तक सोने के दाम 4000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकते है। इस हिसाब से देश में सोने का भाव (gold price) 1,35,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंचने का अनुमान है। उनका यह भी मानना है कि अगले साल यानी 2026 में गोल्ड 5000 डॉलर प्रति औंस के आंकड़े को पार कर सकता है। यानी भारत में इसकी कीमत 1,53,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा सकती है। (gold price hike)

बता दें कि सोने ने इस साल अब तक करीब 29 प्रतिशत रिटर्न दिया है, जबकि पिछले पूरे साल गोल्ड का रिटर्न 25 प्रतिशत के आसपास था। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वैश्विक हालातों से गोल्ड की कीमत को कितना बूस्ट मिला है।

इस वजह से आएगी तेजी-

यार्डेनी ने सोने की कीमतों में संभावित तेजी के कारण वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और कमजोर डॉलर को बताया। इन फैक्टरों ने गोल्ड की कीमतों में इजाफा किया है और आगे भी गोल्ड को सपोर्ट मिलेगा। डॉलर की कमजोरी के कारण अन्य करेंसी में निवेश करने वालों के लिए गोल्ड सस्ता हो गया है, जिससे डिमांड बढ़ी है। (gold demand)

उन्होंने कहा कि ऐसे देश, जिनके अमेरिका से संबंध अच्छे नहीं हैं, वे अब डॉलर को सुरक्षित संपत्ति नहीं मानते और इसकी जगह सोना जमा कर रहे हैं। इसके साथ ही दुनिया के अधिकांश केंद्रीय बैंकों (central bank) ने भी सोने की खरीदारी बढ़ाई है। यार्डेनी को लगता है कि यह ट्रेंड आगे भी जारी रहेगा, इसलिए अगले साल तक सोना डेढ़ लाख के पार निकल सकता है।

पोर्टफोलियो में गोल्ड जरूरी-

यार्डेनी रिसर्च के प्रेसिडेंट ने इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी के बारे में बात करते हुए कहा कि मौजूदा अस्थिर माहौल में पोर्टफोलियो में गोल्ड होना जरूरी है। क्योंकि यह स्टॉक (stock) और बॉन्ड मार्केट (Bond Market) की अनिश्चितता से बचाव में मदद करता है। उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में सोने में थोड़ी गिरावट आ सकती है और यह निवेश का बेहतर मौका होगा। गौरतलब है कि चीन (china) और अमेरिका (america) के बीच गतिरोध खत्म होने के संकेतों के चलते गोल्ड की कीमतों में बीते दो सत्रों में गिरावट आई थी और यह एक लाख की ऐतिहासिक ऊंचाई से नीचे आ गया था।