Gold Rate: कीमतें बढ़ती गई, मांग गिरती गई, इतने कम बिके सोने के गहने
Gold Rate: एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में सोने की मांग पिछले साल की तुलना में इतने प्रतिशत की गिरी। इसका मुख्य कारण रिकॉर्ड ऊंची कीमतें हैं, जिससे ज्वैलरी की खरीदारी घटी है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि निवेश के तौर पर सोना खरीदने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है-
HR Breaking News, Digital Desk- (Gold Price and Demand Review) वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल (WGC) की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर 2025 तिमाही में भारत में सोने की मांग पिछले साल की तुलना में 16% गिर गई। इसका मुख्य कारण रिकॉर्ड ऊंची कीमतें हैं, जिससे ज्वैलरी की खरीदारी घटी है। हालांकि, अच्छी बात यह है कि निवेश के तौर पर सोना खरीदने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।
इतनी रह गई डिमांड-
सोने की कुल मांग मात्रा में 248.3 टन से घटकर 209.4 टन (लगभग 16% की गिरावट) रह गई। हालांकि, कीमतों में तेज़ वृद्धि के कारण, सोने की मांग का कुल मूल्य 23 प्रतिशत बढ़कर 2,03,240 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 1,65,380 करोड़ रुपये था।
आभूषण की खरीदारी में गिरावट-
भारत में सोने की ज्वैलरी की मांग (कुल खपत का सबसे बड़ा हिस्सा) 31 प्रतिशत घट गई, जो 171.6 टन से घटकर 117.7 टन रह गई।मात्रा में कमी के बावजूद, ग्राहकों के ऊंचे दामों को स्वीकारने के कारण ज्वैलरी की कुल खरीद का मूल्य लगभग ₹1,14,270 करोड़ बना रहा।
निवेश में आया उछाल-
इसके उलट, सोने में निवेश की मांग में "अद्भुत मजबूती" देखी गई। निवेश के रूप में सोने की खरीद मात्रा के हिसाब से 20% बढ़कर 91.6 टन हो गई और कीमत के हिसाब से 74% की जबरदस्त बढ़ोतरी हुई। इसकी कीमत 51,080 करोड़ रुपये से बढ़कर 88,970 करोड़ रुपये हो गई।
सोने के गहनों की मांग में कमी के बावजूद, निवेश के रूप में सोने की मांग में "अद्भुत मजबूती" दिखी। मात्रा के हिसाब से निवेश में 20% की वृद्धि हुई, जो 91.6 टन तक पहुंच गई। मूल्य के हिसाब से इसमें 74% की जबरदस्त वृद्धि दर्ज की गई, जिससे यह 51,080 करोड़ रुपये से बढ़कर 88,970 करोड़ रुपये हो गया।
गोल्ड के बढ़ते दाम-
इस तिमाही में भारत में सोने की औसत कीमत (आयात शुल्क और जीएसटी रहित) पिछले साल के ₹66,614.1 से 46% बढ़कर ₹97,074.9 प्रति 10 ग्राम हो गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार (International Market) में भी सोने का औसत मूल्य 2,474.3 प्रति औंसत से बढ़कर 3,456.5 प्रति औंसत हो गया।
विश्व स्वर्ण परिषद (World Gold Council) के भारत क्षेत्र के सीईओ सचिन जैन ने कहा कि यह प्रवृत्ति इस बात को दर्शाती है कि भारतीय उपभोक्ताओं में सोने को दीर्घकालिक मूल्य-संरक्षण के साधन के रूप में देखने की रणनीतिक प्रतिबद्धता और गहरी हो रही है।
मांग में गिरावट के बावजूद सुधार के संकेत-
कुल मांग में गिरावट के बावजूद, जैन ने बताया कि अक्टूबर में त्योहारों और शादी के सीजन के कारण बिक्री में सुधार के शुरुआती संकेत मिले हैं। उन्होंने कहा कि भले ही मात्रा में 16 प्रतिशत की गिरावट आई है, लेकिन मूल्य में 23 प्रतिशत की ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। यह नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। उनके अनुसार, भारतीय उपभोक्ता (Indian Consumer) अब बढ़ती आय और खर्च करने की क्षमता के अनुरूप सोने में निवेश कर रहे हैं।
शादी के सीजन और आगे की संभावनाएं-
जैन के अनुसार, कीमतों में संभावित वृद्धि के कारण कई उपभोक्ताओं ने अपनी शादी की खरीदारी जल्दी पूरी कर ली है। इस अग्रिम खरीदारी से चौथी तिमाही (Q4) में मांग मजबूत रहने की संभावना है।
आयात और रीसाइक्लिंग में गिरावट-
सोने का आयात 37 प्रतिशत घटकर 194.6 टन हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 308.2 टन था। रीसाइक्लिंग भी 7 प्रतिशत कम होकर 21.8 टन रह गई। जैन के अनुसार, यह गिरावट पिछले साल की असाधारण रूप से ऊंची आधार संख्या के कारण है, जब जुलाई 2024 के बजट में शुल्क कटौती की घोषणा के बाद खरीदारी में अचानक वृद्धि हुई थी।
वर्ष 2025 के लिए अनुमानित मांग-
विश्व स्वर्ण परिषद का अनुमान है कि 2025 में भारत की कुल सोने की मांग 600 से 700 टन के बीच रहेगी और यह संभवतः ऊपरी स्तर के करीब पहुंचेगी। वर्ष के पहले नौ महीनों में 462.4 टन की संचयी मांग दर्ज की जा चुकी है।
वैश्विक परिदृश्य और केंद्रीय बैंकों की भूमिका-
वैश्विक स्तर पर तीसरी तिमाही में सोने की कुल मांग 1,313 टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई। इसकी मुख्य वजह केंद्रीय बैंकों (central bank) की बड़ी खरीद और मजबूत निवेश प्रवाह थी।
भारत में भिन्न रुझान और भविष्य की संभावनाएं-
भारत में मांग का पैटर्न अलग है, जहां मुख्य रूप से आभूषणों की मांग हावी रहती है।
भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं (Geopolitical uncertainties), व्यापार तनाव और डॉलर भंडारों का सोने में विविधीकरण आने वाले महीनों में कीमतों और मांग के रुझानों को मजबूत बनाए रखेगा।
