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Income Tax Notice : इनकम टैक्स का नोटिस आने पर ना लें टेंशन, इन बातों का रखें ध्यान नहीं होगी मुश्किल

Income Tax Notice : टैक्सपेयर्स के लिए जरूरी खबर। दरअसल कई टैक्सपेयर्स (taxpayers) इनकम टैक्स नोटिस आते ही टेंशन में आ जाते हैं। ऐसे में आपको बता दें कि आयकर विभाग की ओर से नोटिस मिलने पर आपको घबारने की जरूरत नहीं है... बस इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है-

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Income Tax Notice : इनकम टैक्स का नोटिस आने पर ना लें टेंशन,  इन बातों का रखें ध्यान नहीं होगी मुश्किल

HR Breaking News, Digital Desk- आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने का सीज़न शुरू हो गया है, और कई करदाताओं ने पहले ही ऐसा कर लिया है। हालांकि, वेतनभोगी व्यक्ति अक्सर फॉर्म 16 का इंतजार करते हैं, जो नियोक्ता 15 जून तक जारी करते हैं। इस साल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने ITR दाखिल करने की समय सीमा 31 सितंबर तक बढ़ा दी है।

रिटर्न फाइल करने के लिए डेडलाइन का इंतजार नहीं करें-

 टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) फाइल करने के लिए डेडलाइन करीब आने का इंतजार नहीं करना चाहिए। इसकी वजह यह है कि जल्दबाजी में ITR फाइल करने पर गलती होने की संभावना बढ़ जाती है। इसके अलावा टैक्सपेयर्स जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने की वजह से किसी इनकम के बारे में बताना भूल सकता है। इससे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (IT Department) का नोटिस (Income Tax Notice) टैक्सपेयर्स को मिल सकता है।

जल्दबाजी में रिटर्न फाइल करने में गलती की आशंका होती है-

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने में पूरी सावधानी बरतनी चाहिए। छोटी-बड़ी हर इनकम की जानकारी ITR फॉर्म में देनी चाहिए। इसके बावजूद भी अगर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का नोटिस आता है तो घबराना नहीं चाहिए। खासकर अगर आपने इनकम टैक्स के नियमों का प्लान ठीक तरह से किया है तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है। कई टैक्सपेयर्स (taxpayers) इनकम टैक्स नोटिस आते ही टेंशन में आ जाते हैं। वे यह भी पता करने की कोशिश नहीं करते कि नोटिस में क्या लिखा है।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का ज्यादातर कामकाज डिजिटल हो चुका है-

पिछले कुछ सालों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अपने कामकाज को काफी डिजिटल बना दिया है। अब रिटर्न की प्रोसेसिंग और रिफंड का काम सॉफ्टवेयर से होता है, यहां तक कि आईटीआर फॉर्म की स्क्रूटनी भी सॉफ्टवेयर करता है। डिपार्टमेंट अब फॉर्म 26एएस और AIS के जरिए टैक्सपेयर्स के फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन (financial transaction) पर कड़ी नजर रखता है। यदि किसी कमी का पता चलता है, तो संदेह के आधार पर नोटिस जारी किया जा सकता है।

नोटिस आने का मतलब यह नहीं कि टैक्सपेयर ने अपराध किया है-

आपको इनकम टैक्स नोटिस मिलने का मतलब यह नहीं कि आपने कोई बड़ा घोटाला किया है। अक्सर, आयकर विभाग सिर्फ किसी जानकारी को स्पष्ट करने के लिए नोटिस भेजता है। आपको बस उनके सवालों का जवाब देना होता है। एक बार जब विभाग आपके जवाब से संतुष्ट हो जाता है, तो मामला हल हो जाता है।

अलग-अलग सेक्शन में नोटिस भेजता है डिपार्टमेंट-

आयकर विभाग अलग-अलग सेक्शन के तहत टैक्सपेयर्स (taxpayers) नोटिस इश्यू करता है। उदाहरण के लिए सेक्शन 142(1) के तहत इनकम टैक्स डिपारमेंट आईटीआर फाइल (ITR File) नहीं करने पर नोटिस भेज सकता है। अगर उसे टैक्सपेयर्स से किसी अतिरिक्त डॉक्युमेंट (document) की जरूरत है तो भी वह इस सेक्शन के तहत नोटिस (notice) भेज सकता है। सेक्शन 139(9) के तहत नोटिस तब भेजा जाता है जब टैक्सपेयर रिटर्न फाइल (taxpayers return file) करने के लिए गलत ITR फॉर्म का इस्तेमाल करता है।

जरूरत पड़ने पर लें टैक्स एक्सपर्ट्स की सलाह-

आयकर नोटिस मिलने पर, सबसे पहले उसे ध्यान से पढ़ें और समझें कि क्या जानकारी मांगी गई है। यदि दस्तावेज़ या स्पष्टीकरण मांगा गया है, तो निर्धारित समय-सीमा के भीतर जवाब दें क्योंकि हर नोटिस समय-बाध्य होता है। यदि नोटिस समझ नहीं आता, तो किसी टैक्स एक्सपर्ट (tax expert) से मदद लें। त्वरित प्रतिक्रिया आवश्यक है।