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Income Tax Raid: इन वजहों से पड़ती है इनकम टैक्स की रेड, छापा पड़ने पर जानिए क्या है आपके अधिकार

Income Tax Raid: अक्सर बहुत से लोगों के मन में ये सवाल  उठता है कि आखिर इनकम टैक्स की रेड होती क्या है कैसे पड़ती है। आइए इन्हीं सवालों के जवाब जानते है नीचे इस खबर में...

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HR Breaking News, Digital Desk- डोलो-650 दवा बनाने वाली कंपनी माइक्रो लैब पर इनकम टैक्स का छापा (Income Tax Raid on Micro Lab) पड़ा है। साथ ही कंपनी की सीएमडी दिलीप सुराना और निदेशक आनंद सुराना के घर पर भी छापा पड़ा है। बताया जा रहा है कि यह छापा कर चोरी के मामले में मारा गया।

कंपनी के बेंगलुरु स्थित मुख्यालय सहित 40 लोकेशन पर बुधवार को छापा मारा। ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल जरूर आ रहा होगा कि आखिर इनकम टैक्स रेड होती क्या है (What is Income Tax Raid), रेड कब, क्यों (why income tax raid happen) और कैसे पड़ती है? (how income tax raid happen) जिस पर पड़ती है वह क्या कर सकता है? (your rights while it raid) आइए आपको बताते हैं सब कुछ।

क्या होती है इनकम टैक्स रेड?


इनकम टैक्स रेड आयकर की धारा 132 के तहत आती है। इसके तहत अधिकारी किसी व्यक्ति के बिजनस या घर कहीं पर भी छापा मार सकता है। रेड किसी भी वक्त हो सकती है और कितनी भी देर तक चल सकती है। इतना ही नहीं, अगर कुछ गड़बड़ पाई जाती है तो जब्ती भी की जा सकती है। पूरे परिसर में मौजूद किसी भी व्यक्ति की तलाशी ली जा सकती है, जिसमें पुलिस की मदद भी ली जाती है। रेड के दौरान अधिकारी जानकारी बाहर निकालने के लिए ताले तक तोड़ सकते हैं।


कब और क्यों पड़ती है इनकम टैक्स रेड?


वित्त मंत्रालय के तहत आने वाली एजेंसियां जैसे आयकर विभाग, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और प्रवर्तन निदेशायल यानी ईडी ऐसे लोगों पर नजर रखती हैं जो टैक्स नहीं भरते। उन लोगों पर भी नजर रखी जाती है जिनकी टैक्स और कमाई में अंतर आता है या जिन पर टैक्स चोरी का शक होता है। वहीं कई बार इन एजेंसियों को कहीं से टिप भी मिलती है कि कोई शख्स टैक्स चोरी कर रहा है या काला धन जमा किए बैठा है। ऐसे में उस पर नजर रखी जाती है और फिर सही मौका पाकर उस पर रेड मार दी जाती है।


कैसे पड़ता है इनकम टैक्स का छापा?


आयकर विभाग की कोशिश होती है कि छापा ऐसे वक्त मारा जाए जब व्यक्ति को उसका अंदाजा ना हो, ताकि उसे संभलने का मौका भी ना मिले। अधिकतर रेड तड़के या देर रात मारी जाती हैं, ताकि तेजी से आरोपी के घर में पहुंचा जा सके और कुछ समझ पाने से पहले उसे दबोच लिया जाए। छापा मारने वाली टीम के साथ घर की तलाशी के लिए वारंट भी होता है। जब छापा मारा जाता है तो आयकर अधिकारियों के साथ पुलिस बल और कभी-कभी तो अर्ध-सैनिक बल भी मौजूद होता है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी ना हो। रेड 2-3 दिनों तक चल सकती है और इस दौरान घर या दफ्तर में मौजूद लोग बिना आयकर अधिकारियों की इजाजत के बाहर नहीं जा सकते। आयकर अधिकारी रेड मारते जाते हैं और से तमाम चीजें अपने कब्जे में लेते जाते हैं।


चाह कर भी क्या जब्त नहीं कर सकते हैं अधिकारी?


अगर यह छापा किसी दुकान या शोरूम में मारा गया है तो वहां बेचने के लिए रखे गए सामान को जब्त नहीं किया जा सकता, सिर्फ उन्हें दस्तावेजों में नोट किया जा सकता है। हां कुछ सूरतों में उस सामान से जुड़े कागजात जब्त किए जा सकते हैं। अगर दुकान या घर से भारी मात्रा में कैश या सोना या और कुछ मिलता है, जिसका लेखा-जोखा व्यक्ति के पास हो यानी उसने आईटीआर में सब दिखाया हो, वह सामान जब्त नहीं किया जा सकता।


छापा पड़ने पर क्या हैं अधिकार?


सबसे पहले तो आप छापा मारने आए अधिकारियों से वारंट दिखाने और साथ ही पहचान पत्र दिखाने को कह सकते हैं। वहीं अगर छापा मारने आई टीम घर की महिलाओं की तलाशी लेना चाहे तो ऐसा सिर्फ महिला कर्मी ही कर सकती है। अगर सभी पुरुष हैं तो वह चाहकर भी घर की महिला की तलाशी नहीं ले सकते, भले ही अधिकारियों को महिला के कपड़ों में कुछ छुपे होने का शक हो। आयकर अधिकारी आपको खाना खाने या बच्चों को उनके स्कूल बैग चेक करने के बाद स्कूल जाने से नहीं रोक सकते हैं।


क्या होता है इनकम टैक्स सर्वे?


इनकम टैक्स सर्वे इनकम टैक्स एक्ट की धारा 133ए के तहत आता है। यह सिर्फ बिजनस की जगह पर ही हो सकता है। इसे किसी के घर में तह तक नहीं किया जा सकता, जब तक कंपनी के दस्तावेज घर में ना रखे गए हों। इतना ही नहीं, इनकम टैक्स सर्वे सिर्फ बिजनस वर्किंग डेज में ही हो सकता है। साथ ही इसके तहत कोई भी अधिकारी किसी भी तरह की जब्ती नहीं कर सकता है। साथ ही इसमें ना तो किसी पुलिस की मदद ली जा सकती है, ना ही इसमें किसी के पर्सनल चीजों की खोजबीन की जा सकती है।