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Income Tax Raid Rule : कब और क्यों पड़ती है इनकम टैक्स रेड, जानिए कौन सा सामान जब कर सकते हैं इनकम टैक्स अधिकार

Income Tax Raid Rule : अखबारों और टीवी पर अक्सर आपने आयकर विभाग के छापों की खबरें देखी होंगी. क्या आप जानते हैं कि ये छापे क्यों पड़ते हैं और इनके पीछे की क्या प्रक्रिया है? ऐसे में अगर आपका जवाब नहीं है तो चलिए आइए जान लेते है नीचे इस खबर में-
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Income Tax Raid Rule : कब और क्यों पड़ती है इनकम टैक्स रेड, जानिए कौन सा सामान जब कर सकते हैं इनकम टैक्स अधिकार

HR Breaking News, Digital Desk- (Income Tax Raid Rule) अखबारों और टीवी पर अक्सर आपने आयकर विभाग के छापों की खबरें देखी होंगी. क्या आप जानते हैं कि ये छापे क्यों पड़ते हैं और इनके पीछे की क्या प्रक्रिया है? इस तरह की छापेमारी तब होती है, जब विभाग को किसी व्यक्ति या संस्था की आय और संपत्ति में गड़बड़ी का शक होता है. रेड के दौरान, विभाग को तलाशी लेने, दस्तावेज और संपत्ति जब्त करने का अधिकार होता है.

वहीं, जिस व्यक्ति के यहां छापा पड़ता है, उसके भी कुछ अधिकार होते हैं, जैसे कि वकील से सलाह लेना और परिवार के सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार न होने देना. आइए नीचे खबर में इस प्रक्रिया को विस्तार से समझते है-

क्यों और किसके आदेश पर होती है ये छापेमारी?

आयकर विभाग (Income tax department), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (central board of direct taxes) और प्रवर्तन निदेशालय (enforcement directorate) वित्त मंत्रालय के तहत आते हैं. ये संस्थाएं आयकर ना भरने वाले, टैक्स चोरी करने और विदेशी लेन-देन के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखते हैं. ये विभाग टैक्स चोरी करने वाले लोगों और संस्थानों की सूची बनाते हैं और लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर रखते हैं.

रेड के दौरान क्या-क्या होता है?

इनकम टैक्स की रेड हमेशा उस वक्त पड़ती है जब किसी को इसकी भनक ना हो. खास बात ये है कि रेड के बारे में विभाग के ही गिने चुने अधिकारियों को जानकारी होती है ताकि रेड की जानकारी को गुप्त रखा जा सके.

इस तरह के छापेमारी ज्यादातर सुबह-सुबह या देर रात को होती है. इससे उन लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिल पाता जहां रेड होनी है.

रेड के लिए आई टीम के पास एक वारंट होता है. जो रेड करने आई टीम को किसी व्यक्ति या संस्था विशेष के परिसर के किसी भी स्थान की तलाशी की ताकत देता है.

घर, दफ्तर या गोदाम जहां भी रेड होनी है वहां विभाग की टीम को घुसने से नहीं रोक सकते.

छापेमारी के दौरान किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस और कभी-कभी अर्ध सैनिक बल भी उपस्थित रहते हैं.

रेड कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक चल सकती है. इस दौरान रेड वाले घर या दफ्तर में मौजूद किसी भी शख्स को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है.

अगर रेड किसी दफ्तर पर पड़ी है तो शिफ्ट खत्म होने पर भी कर्मचारियों को बाहर नहीं जाने दिया जाता.

इस दौरान किसी से फोन पर भी बात नहीं कर सकते, रेड के दौरान सबसे पहले मोबाइल जब्त कर लिए जाते हैं और लैंडलाइन कनेक्शन काट दिए जाते हैं.

फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, स्टोरेज डिस्क, पैन ड्राइव जैसी चीजें जब्त कर ली जाती हैं. घर से बाहर और बाहर से किसी के अंदर आने की भी मनाही होती है.

घर में मौजूद ऐसी नकदी, गहने या ऐसी कीमती वस्तु जिसके कागजात या बिल ना हों उसे जब्त कर लिया जाता है.

छापेमारी के दौरान घर में मौजूद सभी लोगों को अपने रिश्तों के बारे में अधिकारियों को जानकारी देनी होती है.

संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, जानकारी यहां तक कि तिजोरी या लॉकर की चाबी तक अधिकारियों को मुहैया करवानी पड़ती है. चाबी ना होने पर अधिकारी ताला तोड़ सकते हैं.

रेड के दौरान किसी दस्तावेज या सबूत को मिटाने, फाड़ने या नष्ट करने की कोशिश भारी पड़ सकती है.

छापेमारी के दौरान क्या जब्त नहीं किया जाता-

इस तरह की छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम जब्त किए गए माल को भी अपने साथ ले जा सकती है. लेकिन कुछ ऐसी भी चीजे हैं जिन्हें वो जब्त नहीं कर सकते.

- ऐसी नकदी को जब्त नहीं कर सकते जिसका लेखा-जोखा (Statement of account) उस कंपनी या शख्स के पास मौजूद हो, जहां रेड पड़ी है.

- स्टॉक के रूप में रखे गए वो गहने जिनकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (Income tax return file) करते वक्त दी गई है तो इन्हें जब्त नहीं किया जा सकता.

- प्रॉपर्टी टैक्स (property tax) जमा नहीं करने पर घर की शादी शुदा महिलाएं 500 ग्राम सोना अपने पास रख सकती हैं, अविवाहित लड़कियां 250 ग्राम और हर पुरुष 100 ग्राम सोना अपने पास रख सकते हैं. रेड के दौरान इससे अधिक सोना मिलने पर ही उसे जब्त किया जाता है.

जिसके ठिकानों पर रेड हो रही है, छापेमारी के वक्त उसके भी हैं अधिकार-

- छापेमारी के लिए आई टीम से रेड के वारंट या उनके पहचान पत्रों (Identity cards) की जांच का अधिकार उस शख्स के पास है जिसके घर, दफ्तर, गोदान या ठिकानों पर रेड होनी है.

- तलाशी अभियान के दौरान महिलाओं की तलाशी आयकर विभाग की महिला कर्मी ही ले सकती हैं.

- रेड के दौरान किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी लेकिन बच्चों को स्कूल जाने दिया जाएगा. स्कूल बैग की जांच के बाद बच्चे स्कूल जा सकते हैं.

- आयकर टीम (Income Tax Team) ने जो भी बयान दर्ज किए हैं उसकी एक प्रति (copy) मांगने का अधिकार है, क्योंकि ये बयान उसके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है.

- रेड के दौरान घर से बरामद कैश, गहने आदि जिस भी सामान को आयकर टीम अपने साथ ले जा रही है उसकी एक सूची तैयार की जाती है. उस सूची की एक प्रति मांगने का अधिकार है.

- इस पूरी छापेमारी के दौरान एक बीच के पक्ष का भी प्रावधान है. जिसके लिए दो सम्मानित स्थानीय लोगों को गवाह के तौर पर बुलाया जा सकता है.

- आपातकालीन स्थिति में (emergency) डॉक्टर को बुलाने की भी इजाजत होती है.

सिनेमा के पर्दे पर भी हिट है ये छापेमारी-

सीबीआई और इनकम टैक्स की छापेमारी, सिर्फ़ अख़बारों और न्यूज़ चैनलों की हेडलाइंस नहीं बनती, बल्कि फ़िल्मों में भी दर्शकों को काफ़ी पसंद आती हैं. अक्षय कुमार (akshay kumar) की 'स्पेशल 26' और अजय देवगन (ajay devgan) की 'रेड' जैसी फ़िल्में इसका बेहतरीन उदाहरण हैं. इन फ़िल्मों को बनाते समय, असली छापों की छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखा गया, ताकि लोगों की बढ़ती दिलचस्पी का फ़ायदा उठाया जा सके. इन फ़िल्मों की सफलता दिखाती है कि असल ज़िंदगी की घटनाओं पर आधारित कहानियाँ दर्शकों को बहुत लुभाती हैं.