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Income Tax Rule : टैक्स के मामले में रिश्तों के मायने, पत्‍नी की बहन का गिफ्ट टैक्स फ्री, लेकिन दोस्‍त का नहीं

Tax Rules on Gifts : इनकम टैक्स से जुड़े नियमों में अक्सर समय-समय पर बदलाव होते रहते हैं। आपको बता दे की गिफ्ट के मामले में भी इनकम टैक्स से जुड़े कई नियम शामिल है। ऐसे में अगर आप भी किसी को गिफ्ट देने जा रहे हैं या किसी से गिफ्ट ले रहे हैं तो उससे पहले आपको इनकम टैक्स के इन नियमों के बारे में जरूर जान लेना चाहिए।
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Income Tax Rule : टैक्स के मामले में रिश्तों के मायने, पत्‍नी की बहन का गिफ्ट टैक्स फ्री, लेकिन दोस्‍त का नहीं

HR Breaking News- (Tax Rules) त्योहारों का मौसम आते ही गिफ्ट्स का दौर शुरू हो जाता है. दोस्तों, रिश्तेदारों और परिवार के सदस्यों से लोगों को खूब गिफ्ट्स मिलते हैं, जो प्यार और शुभकामनाओं का संदेश देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इन गिफ्ट्स पर भी टैक्स का नियम लागू होता है? जिन गिफ्ट्स पर टैक्सेशन के नियम हैं उनके बारे में जानना आपके लिए बेहद जरूरी है. गिफ्ट्स पर टैक्स किस तरह लगता है और किन परिस्थितियों में ये टैक्स-फ्री होते हैं ये जानकारी भी होना काफी जरूरी है।


बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी होती है कि गिफ्ट अगर एक निश्चित सीमा से ज्‍यादा का हो, तो वो टैक्‍सेबल इनकम (whats is taxable income)में आता है। लेकिन गिफ्ट को लेकर भी इनकम टैक्‍स के कुछ नियम बनाए गए हैं। ये नियम गिफ्ट की कीमत (Income Tax Rules) और देने वाले से आपके रिश्‍ते पर निर्भर करता है। आइए आपको बताते हैं इसके बारे में।

 


इन रिश्‍तेदारों द्धारा दिए गए गिफ्ट पर नहीं लगता टैक्‍स


अगर कभी आपको आपके सगे संबन्‍धी और करीबी रिश्‍तेदार गिफ्ट दें, तो उन पर टैक्‍स नहीं लगता है, लेकिन अगर आपका कोई दोस्‍त आपको गिफ्ट देता है तो वो टैक्‍स के दायरे (tax scope)में आता है। पति-पत्नी, भाई-बहन, पति/पत्नी का भाई या बहन यानी साली, ननद, देवर, साला,  माता/पिता के भाई या बहन यानी मौसी, मामा, बुआ, चाचा,  दादा-दादी या नाना-नानी, पति/पत्नी के दादा-दादी या नाना-नानी, बेटा या बेटी और भाई/बहन का पति या पत्नी को सगे संबन्‍धी की लिस्‍ट में रखा जाता है। अगर ये आपको गिफ्ट दें तो वो टैक्‍स के दायरे में नहीं आता है। 

 


इन लोगों के दिए गए गिफ्ट पर देना होगा टैक्‍स


आपके दोस्‍त और परिचित आपके सगे संबन्धियों में नहीं आते हैं, इनसे आपका खून का रिश्‍ता नहीं होता, इसलिए इनके गिफ्ट टैक्‍स के दायरे में आते हैं। हालांकि हर गिफ्ट पर टैक्‍स नहीं लगता है। अगर आपके मित्र या परिचित आपको गिफ्ट के तौर पर 50 हजार से ज्‍यादा कैश दें, जमीन या मकान, शेयर, ज्वेलरी, पेंटिंग, मूर्ति आदि ऐसी चीज गिफ्ट करें, जिसकी कीमत 50 हजार रुपए से ज्‍यादा हो, तो इसे टैक्‍सेबल इनकम में गिना (taxable income)जाता है।

 

इसकी जानकारी आयकर रिटर्न में देना जरूरी है। टैक्‍स गणना के बाद अगर टैक्‍स देनदारी बनती है, तो आपको वो टैक्‍स (tax new rules)चुकाना पड़ता है। जबकि सगे संबन्धियों का गिफ्ट 50 हजार से ज्‍यादा कीमत का भी हो तो भी वो टैक्‍स फ्री माना जाता है।

 

गिफ्ट के लेन-देन से जुड़ी ये जानकारी भी है जरूरी


पति-पत्नी में गिफ्ट के लेन-देन(Gift transactions between husband and wife) पर टैक्स नहीं होता क्‍योंकि गिफ्ट लेन-देन से होने वाली आय इनकम क्लबिंग के दायरे में आती है।
दोस्‍तों या परिचितों से एक साल में 50 हजार तक की कीमत का गिफ्ट मिले तो उसे टैक्‍स फ्री(tax free) रखा गया है, 50 हजार से ज्‍यादा कीमत होने पर टैक्‍स देना होता है। लेकिन गिफ्ट की कीमत 2 लाख से ज्‍यादा हो तो धारा 269ST के तहत पेनल्टी का प्रावधान है।

 

  • सगे संबन्‍धी रिश्‍तेदारों से मिली संपत्ति पर टैक्‍स (property tax) की देनदारी नहीं होती है, लेकिन उस संपत्ति को बेचने पर टैक्‍स देना होता है।
  • प्रॉपर्टी,शेयर,बॉन्ड,गाड़ी आदि अगर सगे संबन्धियों से मिले तो टैक्‍स फ्री, अगर दोस्‍तों या परिचितों से मिलें तो इन पर टैक्‍स लगता है।
  •  शादी पर मिलने वाला गिफ्ट पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है, ज‍बकि एम्‍प्‍लॉयर से मिलने वाला गिफ्ट टैक्‍स के दायरे में आता है।
  • वसीयत में मिली प्रॉपर्टी पर टैक्‍स नहीं होता, लेकिन इस प्रॉपर्टी को बेचने पर टैक्‍स देना होता है।