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Sahara : सुब्रत रॉय के साथ ही दफन हो गया बड़ा राज, जानिए कहां गए 25000 करोड़ रुपए

Sahara : आपको बता दें कि सुब्रत रॉय की मौत के बाद अब सेबी के पास पड़े सहारा के 25000 करोड़ का राज भी दफन हो गया है। दरअसल, अभी तक इस 25000 का हिसाब नहीं मिल पाया है। बता दें, सेबी के पास पड़े इन 25000 करोड़ को क्लेम करने अभी तक कोई नहीं आया है...
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HR Breaking News, Digital Desk- सुब्रत रॉय की मौत के बाद अब सेबी के पास पड़े सहारा के 25000 करोड़ का राज भी दफन हो गया है. दरअसल, अभी तक इस 25000 का हिसाब नहीं मिल पाया है. बता दें, सेबी के पास पड़े इन 25000 करोड़ को क्लेम करने अभी तक कोई नहीं आया है.

इसमें से सिर्फ 10 साल में 138 करोड़ रुपए ही सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए क्लेम हुए हैं. ऐसे में अब तक ये रहस्य बरकरार है कि इतना पैसा कहां से आया? अब ये पैसे सरकारी कंसोलिडेटेड फंड में जमा किए जा सकते हैं. हालांकि निवेशक चाहें तो अब भी इसे क्लेम कर सकते हैं.

कहां से आए 25000 करोड़ रुपए?

1978 में शुरू हुई सहारा का धंधा 2010 से पहले तक ठीक-ठाक चल रहा था. 2010 में सहारा ग्रुप की एक कंपनी सहारा प्राइम सिटी लिमिटेड ने बाजार नियामक SEBI के पास आईपीओ लाने के लिए DRHP जमा किया. अब सेबी ड्राफ्ट जमा होने के बाद उसे पूरी तरह से एनालाइज़ करता है. इस बीच सेबी ने पाया कि सहारा ने अपनी 2 अन्य कंपनियों के जरिए पहले ही 19,000 करोड़ रुपये जुटाए हैं.

सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड से सहारा मालिक ने पहले ही 19000 करोड़ का फंड जुटा लिया था.सेबी की फाइडिंग के बाद से सहारा और सुब्रत रॉय की जिंदगी वहीं से बदलनी लगी.

सेबी ने पूछा सवाल-

SEBI ने सहारा से पूछा कि 19,000 करोड़ रुपये कोई छोटी-मोटी राशि नहीं है. ऐसे में इतना बड़ा फंड जुटाने के बारे में आपने पहले जानकारी क्यों नहीं दी? तब सहारा की तरफ से जवाब आया कि फंड जुटाने का ये प्रोसेस आम लोगों के लिए नहीं था, इसमें केवल दोस्तों, कर्मचारियों, और सहारा ग्रुप के ही कुछ लोगों हिस्सा लिया था. कुल मिलाकर, यह एक प्राइवेट फंड रेज था. चूंकि बॉन्ड्स को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट नहीं किया जाना था, इसी वजह से SEBI को जानकारी नहीं दी गई.

दरअसल, सहारा की इन दोनों कंपनियों ने लोगों से पैसा जुटाए और इसके बदले में उन्हें OFCDs (ऑप्शनली फुली कन्वर्टिबल अन-सिक्योर्ड डिबेंचर्स) दिए. पैसों के बदले में यह एक तरह की सिक्योरिटी थी कि जब कंपनी लिस्ट होगी तो निवेशकों को इसके बदले में शेयर मिल जाएंगे, जिन्हें बाजार में ट्रेड किया जा सकेगा.

इसके बाद सहारा कई स्कीम लाई जिनसे निवेशकों को पैसा लगाने पर दोगुना-तिगुना रिटर्न दिया जाने लगा. इसके बाद सेबी और सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचा. सहारा ने जिसपर कहा कि कंपनी उन लोगों का पैसा वापस कर चुकी है, जिनसे लिया था, लेकिन कोर्ट को इस बात पर भरोसा नहीं हुआ. भरोसा इसलिए नहीं हुआ कि इस तरह के किसी इवेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली.

जब सुप्रीम कोर्ट सहारा के किसी जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ तो, सेबी ने सहारा ग्रुप से कुछ हजार करोड़ रुपये लेकर सरकारी बैंकों में जमा करवा दिए. सरकारी बैंकों के माध्यम से यह पैसा निवेशकों को लौटाने का प्रोसेस शुरू हुआ. सेबी की ताजा स्टेटमेंट के हिसाब से यह अमाउंट 25,000 करोड़ रुपये था.

क्या अभी भी ले सकते हैं रिफंड-

अगर आप या आपके पास-पड़ोस में कोई ऐसा व्यक्ति है, जिसने सहारा में कभी निवेश किया था और अभी तक पैसा वापस नहीं लिया है तो वह अब भी पैसे पर क्लेम कर सकता है. इसके लिए सरकार ने सहारा रिफंड पोर्टल शुरू किया है. इस पोर्टल पर जाकर आपको जरूरी जानकारी देनी होगी और उसके पास पैसा आपको लौटा दिया जाएगा.