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Senior Citizens को income tax में मिलते हैं ये फायदे

Income Tax : जिनकी उम्र 60 से ज्यादा हो जाती है उन्हें Senior Citizen का दर्ज़ा प्राप्त हो जाता है और ऐसे लोगों को सरकार इनकम टैक्स में कुछ ख़ास तरह के फायदे देती है जो दूसरे टैक्स पेयर्स को नहीं मिलते।  आइये जानते हैं 

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Senior Citizens को income tax में मिलते हैं ये फायदे 

HR Breaking News, New Delhi :  इंडिया में इनकम टैक्स सिस्टम (Income Tax System) की कुछ विशेषताएं हैं। इसमें कम कमाई वाले लोगों पर कम टैक्स और ज्यादा कमाई वाले लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाया जाता है। साथ ही, उम्र के मामले में भी राहत देने की कोशिश की गई है। सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को कई ऐसी छूट मिलती हैं, जो आम टैक्सपेयर्स को नहीं मिलती हैं। इनकम टैक्स एक्ट में सीनियर सिटीजन ऐसे व्यक्ति को माना गया है जिसकी उम्र 60 साल या इससे ज्यादा है। लेकिन, 80 साल से कम है। 80 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को सुपर सीनियर सिटीजंस कहा जाता है। आइए जानते हैं कि इनकम टैक्स एक्ट में सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को किस तरह के बेनेफिट्स मिलते हैं।

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बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट में फर्क

फाइनेंशियल ईयर 2023-24 के लिए सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को मिलने वाले बेनेफिट्स ज्यादातर एक जैसे हैं। सिर्फ बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट के मामले में थोड़ा अंतर है। सीनियर सिटीजंस के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 3,00,000 रुपये है। इसका मतलब यह है कि अगर 60 साल या इससे ज्यादा उम्र (80 से कम) के व्यक्ति का सालान इनकम 3 लाख रुपये तक है तो उसे किसी तरह का टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है।

ज्यादा उम्र के लोगों के इलाज खर्च का ध्यान

सुपर सीनियर सिटीजंस के लिए बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट 5,00,000 रुपये है। इसका मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति की उम्र 80 साल या इससे ज्यादा है तो उसे सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम पर किसी तरह का टैक्स नहीं देना होगा। ऐसा इस सोच को ध्यान में रख किया गया है कि उम्र बढ़ने पर व्यक्ति का इलाज पर होने वाला खर्च बढ़ जाता है। उसे नियमित रूप से ज्यादा दवाइयों का भी इस्तेमाल करना होता है।

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किस पर कितना लगता है टैक्स?

सीनियर सिटीजंस की सालाना इनकम 3,00,001 रुपये से 5,00,000 रुपये तक होने पर उसके लिए 5 फीसदी टैक्स चुकाना जरूरी है। इनकम 5,00,0001 से 10,00,000 रुपये होने पर उसे 10,000 रुपये प्लस 5 लाख रुपये से ऊपर की इनकम पर 20 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है। सालाना इनकम 10,00,000 रुपये होने पर उसे 1,10,000 प्लस 10 लाख से ऊपर की आय पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना पड़ता है।

सुपर सीनियर सिटीजंस को सालाना 5 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं चुकाना है। 5,00,001 से 10,00,000 रुपये की इनकम पर टैक्स का रे 20 फीसदी होगा। 10,00,000 रुपये से ज्यादा सालाना इनकम होने पर 1,00,000 रुपये प्लस 10 लाख रुपये से ऊपर की रकम पर 30 फीसदी टैक्स चुकाना होगा।

सीनियर सिटीजंस और सुपर सीनियर सिटीजंस को इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर सालाना 50,000 रुपये डिडक्शन की इजाजत है। इसके अलावा उन्हें सेक्शन 80टीटीबी के तहत सेविंग्स अकाउंट्स और डिपॉजिट से इंटरेस्ट इनकम के मामले में 50,000 रुपये डिडक्शन की इजाजत है।

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