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एक शख्स से बदला लेने के लिए बंदर ने तय किया 22 किमी का सफर, जानिए क्या थी वजह

HR BREAKING NEWS. एक अजीबोगरीब घटना में एक बंदर खलनायक बनकर सामने आया है। गुस्से से भरे बंदर ने एक आदमी से बदला लेने के लिए 22 किलोमीटर का सफर तय किया है।

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वहीं बंदर का शिकार व्यक्ति व्यक्ति 8 दिनों से अपने घर से बाहर नहीं निकला है। वैसे तो सभी जानते हैं कि बंदरों का स्वभाव होता है कि वे घूमते-घूमते चीजें छीन लेते हैं या फिर शरारतें करते हैं। लेकिन बोनट मैकाक प्रजाति (Bonnet Macaque species) का यह बंदर कुछ ज्यादा ही अजीब है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना कर्नाटक में चिक्कमगलूर जिले के कोट्टीगेहारा गांव की है। इस जगह बंदर एक स्कूल के पास सामान्य रूप से टहल रहा था और छीना-झपटी कर रहा था। आखिरकार, बंदर ने हंगामा करना शुरू कर दिया, जिसके बाद स्कूल अधिकारियों को बंदर को फंसाने के लिए वन विभाग में शिकायत दर्ज करनी पड़ी।

बंदर को फंसाने के लिए वन विभाग को reinforcements बुलाना पड़ा और उनमें से एक जगदीश नाम का एक ऑटो चालक था। ऑटो चालक जगदीश को बंदर को चिढ़ाने और उसे एक विशेष दिशा में मोड़ने का काम सौंपा गया था। बंदर अचानक उसकी ओर कूद पड़ा और उस पर हमला कर दिया।

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बंदर के काटने के बाद भी यह बात यही खत्म नहीं हुई। दरअसल, ऑटो चालक ने जब भागने की कोशिश की तो बंदर ने उसका पीछा किया। जैसे ही चालक अपने ऑटो-रिक्शा में गया, बदमाश बंदर ने आगे बढ़कर ऑटो की सीट के कवर को खरोंच दिया। 3 घंटे की षडयंत्र और 30 से अधिक लोगों की मेहनत के बाद बंदर को फंसा पाने में सफलता मिली।

बाद में वन विभाग ने बंदर को शहर से बाहर निकालकर 22 किलोमीटर दूर बालूर जंगल (Balur forest) में छोड़ दिया।

यहीं से शुरू हुई असली कहानी… कुछ दिनों के बाद वही बंदर बालूर के जंगल से गांव में वापस आ गया। जिसका स्पष्ट अर्थ था कि उसने वहां पहुंचने के लिए 22 किलोमीटर का सफर तय किया। इसके बाद से ऑटो चालक घर से बाहर निकलने में भी डरने लगा।

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एक मीडिया को दिए इंटरव्यू में जगदीश ने बताया, 'जब मैंने सुना कि बंदर गांव में वापस आ गया है, तो मुझे लगा अब मैं नहीं बचने वाला हूं। मैंने खुद वन विभाग को फोन किया और उन्हें फौरन आने के लिए कहा। इस दौरान मैं छिपा ही रहा। मुझे पता है कि यह वही बंदर है क्योंकि पिछली बार हम सभी ने उसके कान पर एक निशान देखा था।'

मोहन कुमार बीजी, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, मुदिगेरे ने कहा, 'हम वास्तव में नहीं जानते कि बंदर ने एक आदमी को क्यों निशाना बनाया है। हमें नहीं पता कि उसने पहले जानवर को कोई नुकसान पहुंचाया था या यह सिर्फ एक तत्काल प्रतिक्रिया थी। लेकिन, यह पहली बार है जब हमने किसी बंदर को इस तरह का व्यवहार करते देखा है, हालांकि बंदरों का इंसानों पर हमला करना अनसुना नहीं है' हालांकि वन विभाग ने बंदर को फिर से फंसाकर दूर जंगल में भेज दिया है।