home page

IAS सृष्टि जयंत देशमुख की मार्कशीट हुई वायरल, 12वीं में इतने नंबर किए थे हासिल

 IAS Marksheet: इन दिनों सोशल मीडिया पर आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख की मार्कशीट जमकर वायरल हो रही है। आईएएस सृष्टि जयंत देशमुख ने यूपीएससी परीक्षा पास कर एक अलग ही इतिहास रचा है। आइए जानते है 12वीं में आईएएस ने कितने नंबर किए थे प्राप्त
 
 | 


HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, IAS Success Story: आईएएस बनना कोई आसान काम नहीं हैं. इस परीक्षा की तैयारी के दौरान कई बार आपको ऐसे लोग मिलेंगे जो आपको प्रेरित करने के बजाय नीचे खींचने की कोशिश करते हैं. वहीं आज हम आपको IAS सृष्टि जयंत देशमुख के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मार्कशीट वायरल हो रही है. सृष्टि सोशल मीडिया के माध्यम से भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को टिप्स शेयर करती रहती हैं. उन्होंने बताया, " सिविल सेवा परीक्षा को क्रैक करने के लिए सही और रणनीतिक तकनीकों को अपनाना जरूरी है."

सृष्टि का मानना है कि अगर सही दिशा में तैयारी की जाए तो इस IAS की परीक्षा पास करना इतना मुश्किल नहीं है. सृष्टि बताती हैं कि बचपन से ही उनका पढ़ाई के प्रति विशेष रुझान रहा था. उन्होंने दसवीं की परीक्षा 10 सीजीपीए और सीबीएसई से 12वीं में 93.2 फीसदी नंबर हासिल किए.

IAS सृष्टि देशमुख ने पहले अटेंप्ट में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली थी. उन्होंने साल 2018 में यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) पास कर एक अलग इतिहास रच दिया था. वे सोशल मीडिया पर भी काफी पॉपुलर हैं. इंस्टाग्राम पर उनके 10 लाख से ज्यादा फॉलोअर्स हैं (IAS Srushti Deshmukh Instagram). वे वहां काफी एक्टिव रहते हुए अपनी निजी और सार्वजनिक ज़िंदगी की झलकियां शेयर करती रहती हैं.

सृष्टि देशमुख ने यूपीएससी परीक्षा 2018 में 5वीं रैंक हासिल की थी. उन्होंने महिला उम्मीदवारों में टॉप किया था (UPSC Exam Topper). सबसे खास बात है कि आईएएस सृष्टि देशमुख ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान शुरू की थी. सृष्टि देशमुख का जन्म 28 मार्च 1996 को भोपाल में हुआ था.


सृष्टि देशमुख ने भोपाल के कार्मेल कॉन्वेंट स्कूल से स्कूली शिक्षा पूरी की है. इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू कर दी थी. वे अपनी सफलता का क्रेडिट अपने परिवार को देती हैं. यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान अपना फोकस बनाए रखना जरूरी है. उन्होंने निर्णय कर लिया था कि उनका पहला प्रयास ही उनका अंतिम प्रयास भी होगा.