IPS safin hasan story सबसे कम उम्र में बनकर दिखाया IPS ऑफिसर, यूपीएससी क्रैक करने का बताया तरीका
HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली,सफीन हसन ने वर्ष 2018 की यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा ( UPSC CSE Exam ) में 570वीं रैंक हासिल की थी। यह उनका पहला प्रयास था। तब वह सिर्फ 22 साल के थे। आज वह गुजरात में असिस्टेंट सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस हैं। वह सबसे कम उम्र के आईपीएस ऑफिसर बने।
सबसे कम उम्र (22) में आईपीएस ऑफिसर बनने वाले सफीन हसन ने प्राइमरी स्कूल में तय कर लिया था कि उन्हें आईएस आईपीएस बनना है। सफीन के पिता इलेक्ट्रिशियन थे। मां पहले डायमंड के कारखाने में काम करती थी, फिर उन्होंने शादी में रोटियां बनाने का काम किया। आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के चलते उनके लिए अपने सपने पूरे करना आसान नहीं था।
सफीन जब कॉलेज में गए तो उनके इंग्लिश बोलने के लहजे का मजाक उड़ता था। लेकिन उन्होंने इंग्लिश बोलना जारी रखा। उन्होंने अपना यूपीएससी का इंटरव्यू इंग्लिश में दिया। पूरे देश में उनके सेकेंड हाईएस्ट मार्क्स आए थे। उनका कहना है कि यूपीएससी आपकी सिर्फ नॉलेज चेक नहीं करता।
एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने बताया, 'यूपीएससी मेन्स के दिन सुबह 8 बजे मेरा एक्सीडेंट हो गया था। जीएसटी का पेपर था। एक हाथ घायल था। लेकिन राइड हैंड सेफ था। लेकिन मैंने परीक्षा लिखने का फैसला किया। 23 मार्च को मेरा इंटरव्यू था। 20 फरवरी को बॉडी में इंफेक्शन होने की वजह से अस्पताल में भर्ती होना पड़ा। काफी तेज फीवर था। 1 मार्च को ठीक हो गया। 2 मार्च को दिल्ली आया। 3 मार्च को फिर से टांसिलएटाइस का अटैक हुआ। फिर अहमदाबाद में अस्पताल में भर्ती हुआ।
15 मार्च को अस्पताल से छुट्टी मिली। फिर 16 मार्च को दिल्ली वापस आया। मेरे साथी एक माह से इंटरव्यू की तैयारी कर रहे थे। लेकिन मेरे अंदर पूरा कॉन्फिडेंस था। मैंने इसे एक खुद को प्रूव करने के मौके के तौर पर लिया।'
एक अन्य इंटरव्यू में सफीन ने कहा, 'चाणाक्य का कहना है कि जो लोग दूसरों के अनुभव से सीखते हैं, वो लोग जल्दी आगे बढ़ते हैं क्योंकि खुद से अनुभव लेकर सब कुछ सीखने के लिए जिंदगी काफी छोटी है। इसलिए मैंने कॉलेज के दिनों में टॉपरों के काफी इंटरव्यू और ब्लॉग पढ़े। मैंने जाना कि उन्होंने कौन सी गलतियां की थीं और मुझे वो नहीं करनीं।'
करेंट अफेयर्स की तैयारी को लेकर सफीन ने कहा, 'यूपीएससी अभ्यर्थी अखबार से करेंट अफेयर्स के नोट्स बनाते हैं लेकिन मैंने कभी नहीं बनाए। मेरा मानना है कि हम कोचिंग इंस्टीट्यूट की इतनी मोटी फीस देते हैं, वो लोग हमें काफी अच्छी मंथली मैगजीन उपलब्ध कराते हैं, हम वो ही पढ़ लें, काफी होती है। जब वो लोग हमारे लिए इतनी मेहनत से नोट्स बना रहे हैं, तो फिर मैं खुद से नोट्स बनाकर समय बर्बाद क्यों करूं।'
तस्वीर में सफीन अपनी लाइफ पार्टनर के साथ। कुछेक साल पहले टाइम्स ऑफ इंडिया को एक इंटरव्यू के दौरान सफीन ने बताया कि वह IAS ज्वॉइन करना चाहते थे। उन्होंने फिर से सिविल सेवा परीक्षा भी दी। लेकिन वह परीक्षा पास नहीं कर सके। फिर उन्होंने आईपीएस अफसर के तौर पर ही देश सेवा करने का फैसला किया।