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Indian Note printing Cost : कितने में छपता है आपकी जेब में पड़ा नोट, जानिए 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 के नोट छपने में कितना आता है खर्च


जब भी हम कोई नोट देखते हैं तो हमारे दिमाग में उसकी वैल्यू होती है यानि 100 रु के नोट की वैल्यू 100 रूपए है पर क्या अपने कभी सोचा है के इन नोटों को छपने में कितना खर्च आता है।? अगर नहीं तो आज हम अपनों बताने जा रहे है के आपकी जेब में पड़े नोटों को बनाने में सरकार कितने रूपए खर्च करती है।  
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HR Breaking News, New Delhi : क्या आप जानते हैं कि 10, 20, 50, 100, 500 और 2000 रुपए के जो नोट आप इस्तेमाल करते हैं. सरकार जिन्हें देश की अर्थव्यवस्था चलाने के लिए बाजार में उतारती है. जिसे हम अपनी करेंसी या बैंक नोट के नाम से जानते हैं, ये नोट कितने में छपते हैं? मतलब उन्हें प्रिंट करने में सरकार का कितना खर्चा आता है? हम आपको बताएंगे कि इन नोटों को छापने के लिए सरकार को कितने रुपए खर्च करने पड़ते हैं. हाल ही में इस बात का खुलासा एक RTI के जरिए हुआ है. तो चलिए जानते हैं नोटों की छपाई से जुड़ी अहम बातें.

कौन सा नोट कितने में छपता है?


- 2000 रुपए के नोट को छापने में सरकार को साल 2017-18 में 4.18 रुपए खर्च पड़ते थे, 2018-19 में इसकी कॉस्ट घटकर 3.53 रुपए रह गई. साल 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में 2000 रुपए का एक भी नोट नहीं छपा है. 
- 500 रुपए के एक नोट को छापने का खर्चा 2.90 रुपए आता है.
- 200 रुपए के एक नोट को छापने पर 2.37 रुपए खर्च होते हैं.
- वहीं, 100 रुपए के एक नोट को प्रिंट करने का खर्चा 1.77 रुपए आता है.
- 50 रुपए के एक नोट को छापने में सरकार 1.13 रुपए खर्च करती है.
- 20 रुपए के एक नोट की छपाई में 95 पैसे का खर्च आता है.
- 10 रुपए के एक नोट को छापने में 96 पैसे खर्च होते हैं.
- खास बात ये है कि 20 रुपए के नोट को छापने का खर्च 10 रुपए के नोट से कम पड़ता है. इसके लिए सरकार को 1 पैसा कम खर्च करना पड़ता है.

1000 नोट छापने में कितना खर्च करती है सरकार?

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नया नोट, पुराने के मुकाबले सस्ता
- एक आरटीआई में यह भी खुलासा हुआ है कि पुराने नोट के बजाए नए नोट को छापने का खर्चा कम है.
- पुराने 500 रुपए के नोट को छापने का खर्चा 3.09 रुपए आता था. नए नोट को छापने का खर्चा 19 पैसे कम है. नया 500 रुपए का नोट 2.90 रुपए में छपता है.
- वहीं, पुराना 1000 रुपए के नोट की छपाई में 3.54 रुपए खर्च होते थे. साल 2016 में जब इन्हें बंद किया गया तो 2000 रुपए की छपाई की गई तो उस साल में छपाई काफी महंगी थी. लेकिन, आखिरी बार जब 2000 रुपए का नोट छापा गया तो ये 1000 रुपए के नोट की छपाई के बराबर ही रही. 2000 रुपए का आखिरी नोट साल 2018-19 में छापा गया था और इसके लिए सरकार को प्रति नोट 3.53 रुपए खर्च करने पड़े थे.

कहां होती है नोटों की छपाई?
आपके मन में ये सवाल कभी न कभी जरूर आया होगा. हम जो नोट इस्तेमाल करते हैं आखिर ये नोट छापता कौन है और कहां छपते हैं? इंडियन करेंसी (Indian Currency) के नोट भारत सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निर्देश पर ही छापे जाते हैं. इनकी छपाई सिर्फ सरकारी प्रिंटिंग प्रेस में होती है. देशभर में चार सरकारी प्रिंटिंग प्रेस हैं. नासिक, देवास, मैसूर व सालबोनी (प.बंगाल) में नोटों की छपाई के लिए प्रिटिंग प्रेस है. यहीं नोटों की छपाई का काम किया जाता है. नोट छापने के लिए खास तरीके की इंक का इस्तेमाल होता है. ये इंक स्विजरलैंड की एक कंपनी बनाती है. अलग-अलग इंक अलग-अलग काम करती है. इसका पेपर भी खास तरीके से तैयार किया जाता है.

कॉटन (पेपर) से बनाए जाते हैं नोट
बैंक नोट या फिर करेंसी नोट, इनकी छपाई के लिए खास कागज चाहिए. ये कोई आम कागज नहीं होता. बल्कि 100 फीसदी रूई (कॉटन) का बना होता है. इसका इस्तेमाल करते ही नोट तैयार किए जाते हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (Reserve Bank of India- RBI) की वेबसाइट के मुताबिक, अगर इन नोटों को सामान्‍य कागजों से बनाया जाए, तो इनकी उम्र लंबी नहीं होगी. यही वजह है कि नोटों को बनाने के लिए रुई का इस्‍तेमाल किया जाता है, ताकि नोटों का इस्तेमाल लंबे समय तक हो सके.