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Success Story - एक दिन का अफसर बनते ही एक्सन मुड में दिखा चपरासी, नशा करने वालों की लगा दी क्लास

भिण्ड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुदामा सिंह भदौरिया ने अपने दफ्तर में ही कार्यरत भृत्य रमेश श्रीवास को एक दिन के लिए बीईओ के रूप में पदस्थ करने का आदेश जारी किया था. आदेश निकालने वाले बीईओ भदौरिया ने बताया कि मैंने एक प्रयोग किया है जिसका उद्देश्य किसी भी कर्मचारी के मन में यह भाव ना रहे कि हम छोटे  कर्मचारी हैं.
 
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Success Story - एक दिन का अफसर बनते ही एक्सन मुड में दिखा चपरासी, नशा करने वालों की लगा दी क्लास 

HR Breaking Neews, Digital Desk- मध्यप्रदेश के भिंड में ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर ने एक सराहनीय पहल करते हुए अपने दफ्तर में काम करने वाले एक चपरासी को एक दिन के लिए अपना कार्यभार सौंपकर मिसाल पेश की है. कर्मचारी ने भी एक दिन का अफसर बन आदेश निकाला कि दफ्तर में जो कोई भी गंदगी करता हुआ पाया जाएगा या फिर नशे में दफ्तर आएगा उस पर ₹200 का जुर्माना लगाया जाएगा. 

चपरासी बना दिन का ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर-


भिण्ड के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुदामा सिंह भदौरिया ने अपने दफ्तर में ही कार्यरत भृत्य रमेश श्रीवास को एक दिन के लिए बीईओ के रूप में पदस्थ करने का आदेश जारी किया था हालांकि उनके पास प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार नही थे क्योंकि इसकी लंबी प्रक्रिया होती है. एक दिन का ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर बनने वाले रमेश श्रीवास ने बताया कि उन्हें नौकरी करते हुए 37 साल हो गए लेकिन उन्होंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि उन्हें अफसर की कुर्सी पर बैठने का मौका मिलेगा. 

गंदगी करने वालों पर जुर्माना-


रमेश श्रीवास ने कहा कि मैं हर रोज दफ्तर में काम करने वाले स्टाफ की सेवा में ही लगा रहता हूं लेकिन 1 दिन का ब्लॉक एजुकेशन  ऑफिसर बनने के बाद मैंने उत्कृष्ट स्कूल का दौरा किया वहां रजिस्टर चेक किया और साथ ही में आदेश निकाला है कि सभी लोग समय से दफ्तर आएं. इसके अलावा मैंने दफ्तर में गंदगी करने वालों, यहां वहां थूकने वालों, सिगरेट पीने वालों और नशा करने वालों पर ₹200 जुर्माने का आदेश भी निकाला है.  


बराबरी का दिया संदेश-


वहीं आदेश निकालने वाले बीईओ भदौरिया ने बताया कि मैंने एक प्रयोग किया है जिसका उद्देश्य किसी भी कर्मचारी के मन में यह भाव ना रहे कि हम छोटे कर्मचारी है. मेरा मानना है कि शासन-प्रशासन के द्वारा हम सभी पदस्थ कर्मचारियों को जो शक्तियां प्रदत की गई हैं वह सभी के लिए अपने-अपने स्तर पर महत्वपूर्ण होती हैं. कर्मचारी और अधिकारियों के भेद को खत्म करने के मकसद से यह फैसला किया था.