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Success Story - आंखे न होने पर भी तय किया IAS बनने तक का सफर, आज सब कर रहे नाज

UPSC में सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी कई सालों तक कड़ी मेहनत करते हैं, उनमें से कई ऐसे होते है जो बिना संसाधनों के भी इस परीक्षा को पास कर लेते है। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी बताने जा रहे है जिसमें आंखों के न होने पर भी तय किया आईएएस बनने का सफर। आज सबको इन पर नाज है। आइए जानते है इनकी पूरी कहानी।  
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 आंखे न होने पर भी तय किया IAS बनने तक का सफर, आज सब कर रहे नाज 

HR Breaking News, Digital Desk- UPSC में सफलता प्राप्त करने के लिए अभ्यर्थी कई सालों तक मेहनत करते हैं, कई तो सभी रिसोर्सेस होने के बाद भी एग्जाम क्लीयर नहीं कर पाते. वहीं कुछ अभ्यर्थी ऐसे भी होते हैं, जो रिसोर्सेस के अभाव में भी एग्जाम क्लीयर कर दिखाते हैं. तमिलनाडु की पूर्णा सुंदरी भी उन्हीं में से एक हैं, जिनकी आंखें पांच साल की उम्र में ही चली गई थीं. इन सब के बावजूद उन्होंने UPSC की प्रिपरेशन की और एग्जाम को क्लीयर कर दिखाया. 

हासिल की AIR-286-


तमिलनाडु के मदुरै में रहने वालीं पूर्णा ने 2019 में UPSC एग्जाम देकर 286वीं रैंक हासिल की. इससे पहले वह तीन अटेम्प्ट में असफल हो चुकी थीं, इस दौरान वे कई बार निराश हुईं, लेकिन उन्होंने हिम्मत बनाए रखी और चौथे अटेम्प्ट में सफल हो कर दिखाया. उन्होंने अपनी इस कामयाबी का श्रेय अपने माता-पिता को दिया. 


पांच साल तक की तैयारी-


पूर्णा ने बताया कि उन्होंने UPSC क्लीयर करने के लिए पांच साल तक तैयारी की, उन्होंने ऑडियो फॉर्मेट में मौजूद स्टडी मटेरियल से पढ़ाई और लैपटॉप से स्पीकिंग सॉफ्टवेयर की मदद लेकर काम किया. तैयारी के दौरान उनके पेरेंट्स ने भी उन्हें किताबों को पढ़कर सुनाया, दोस्तों ने भी काफी हेल्प की. 

11वीं में तय किया था लक्ष्य-


पूर्णा ने बताया कि कक्षा 11वीं में उन्होंने IAS बनने का सपना देखा, वे शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला अधिकारिता जैसे क्षेत्रों में अपनी सर्विस देना चाहती हैं.