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Post Office Scheme : बेटियों के लिए सरकर ने शुरू करदी ये धांसू योजना, सिर्फ 250 रूपए में मिलेगा लाखों का फायदा

बेटियों के विकास के लिए सरकार अक्सर योजनाएं शुरू करती रहती है पर इस बार सरकार ने बेटियों के लिए सबसे धाकड़ योजना शुरू की जिसमे केवल 250 रूपए इन्वेस्ट करके लाखों का फायदा ले सकते हैं।  आइये जानते हैं।  
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HR Breaking News, New Delhi : सरकार की ओर से लोगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. इन योजनाओं में सरकार लोगों को आर्थिक मदद देती है तो वहीं लोगों के लिए कई बचत योजनाएं भी चलाई जा रही है. इन बचत योजनाओं में निवेश कर अच्छा रिटर्न भी हासिल किया जा सकता है. वहीं सरकार की ओर से बेटियों के लिए भी बढ़िया निवेश की स्कीम चलाई जा रही है. इस स्कीम का लॉन्ग टर्म में फायदा मिल सकता है.

सुकन्या समृद्धि योजना

दरअसल, हम बात कर रहे हैं पोस्ट ऑफिस के जरिए चलाई जा रही सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) की. यह योजना विशेष तौर पर बेटियों के लिए चलाई जाती है. सुकन्या समृद्धि योजना, पोस्ट ऑफिस के जरिए संचालित की जाती है. कोई भी अपनी बेटी के नाम पर पोस्ट ऑफिस में सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोल सकता है. इस निवेश योजना पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. वहीं इस योजना के जरिए छोटी बचत से भी लाखों रुपये बनाए जा सकते हैं.

Sukanya Samriddhi Yojana Benefits
- अभिभावक के जरिए 10 वर्ष से कम आयु की बालिका के नाम पर खाता खोला जा सकता है.
- भारत में एक बालिका के नाम पर डाकघर या किसी भी बैंक में केवल एक ही खाता खोला जा सकता है.
- यह खाता एक परिवार में अधिकतम दो लड़कियों के लिए खोला जा सकता है. बशर्ते जुड़वां/ट्रिपल बच्चियों के जन्म के मामले में दो से अधिक खाते खोले जा सकते हैं.
- किसी वित्त वर्ष में न्यूनतम 250 रुपये प्रारंभिक जमा के साथ खाता खोला जा सकता है. 
- एक वित्त वर्ष में 250 रुपये से लेकर 1.50 लाख रुपये तक की एकमुश्त या किस्तें खाते में जमा की जा सकती है. जमा की जाने वाली राशि 50 रुपये के गुणकों में होनी चाहिए.
- खाता खोलने की तारीख से अधिकतम 15 वर्ष पूरे होने तक इसमें राशि जमा की जा सकती है.
- अगर न्यूनतम 250 रुपये एक वित्तीय वर्ष में एक खाते में जमा नहीं किया जाता है, खाते को डिफॉल्ट खाते में माना जाएगा.
- इस खाते में जमा राशि आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत कटौती के लिए योग्य है.
- ब्याज प्रत्येक वित्तीय वर्ष के अंत में खाते में जमा किया जाएगा.


- अर्जित ब्याज आयकर अधिनियम के तहत कर मुक्त है.
- बालिका के वयस्क होने (यानी 18 वर्ष) तक खाते का संचालन अभिभावक के जरिए किया जाएगा.
- बालिका के 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने या 10वीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद खाते से निकासी की जा सकती है.
- पिछले वित्त वर्ष के अंत में उपलब्ध शेष राशि का 50% तक निकासी की जा सकती है.
- निकासी एकमुश्त या किश्तों में की जा सकती है.
- इसके अलावा खाता खोलने की तारीख से 21 साल बाद या 18 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद बालिका के विवाह के समय खाता मैच्योर होता है.
- हालांकि कुछ परिस्थितियों में खाता खोलने के 5 साल बाद समय से पहले बंद भी किया जा सकता है.