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हरियाणा में शुरू होगी व‌र्ल्ड क्लास ट्रैकिंग और जंगल सफारी, गांवों में बनाए जाएंगे रेस्ट हाउस

लोगों को अब ट्रैकिंग और जंगल सफारी का मजा लेने के लिए राजस्‍थान और उत्‍तराखंड नहीं जाना पड़ेगा। राज्‍य सरकार  ट्रैकिंग तथा जंगल सफारी बनाने जा रही है। मुख्‍यमंत्री ने अधिकारियों को जल्‍द से जल्‍द पूरा प्रोजेक्‍ट तैयार करने को कहा है।
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World class trekking and jungle safari will start in Haryana

HR BREAKING NEWS (Gurugram): साइबर सिटी गुरुग्राम (Gurugram) के लोगों को अब ट्रैकिंग और जंगल सफारी का मजा लेने के लिए राजस्‍थान और उत्‍तराखंड नहीं जाना पड़ेगा। अब लोग अपने ही शहर में इसका मजा ले सकेंगे। 

 

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हरियाणा सरकार (Haryana Government) जिले के अंदर अरावली पर्वत श्रृंखला (Aravalli mountain range) में ट्रैकिंग तथा जंगल सफारी बनाने जा रहा है। इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वन और पर्यटन विभाग के अधिकारियों को प्रोजेक्‍ट तैयार करने का निर्देश दे दिया है।

 

उन्‍होंने अधिकारियों के साथ जंगल सफारी (Jungle Safari) बनाने के प्रोजेक्ट पर चर्चा की। इस दौरान उन्‍होंने पर्यटन तथा वन विभाग (Tourism and Forest Department) के अधिकारियों को निर्देश दिए कि, वे योजनाबद्ध तरीके से इस प्रोजेक्ट पर काम करें। हर चरण के लिए टाइम लाइन तय किया जाए और उसी के अनुसार जल्‍द से जल्‍द पूरे प्रोजेक्ट का खाका तैयार हो।

 

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विशेषज्ञों से लिया जाएगा परामर्श


राज्‍य सरकार इस जंगल सफारी को विश्व स्तरीय (world class) बनाना चाहती है। इसके लिए प्रोजेक्‍ट का प्रारूप तैयार करने के लिए विशेषज्ञों से भी परामर्श लिया जाएगा। प्रोजेक्ट (project) की रूपरेखा तैयार होने के बाद उसके ग्लोबल टेंडर आमंत्रित किए जाएंगे।

बैठक में वन विभाग के अधिकारियों ने प्रजेंटेशन के माध्‍यम से मुख्‍यमंत्री और केंद्रीय मंत्री को प्रोजेक्‍ट की पूरी जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि, जंगल सफारी के लिए गुरुग्राम तथा नूंह जिले की अरावली पर्वत श्रृंखला में पड़ने वाली लगभग 3800 हेक्टेयर भूमि को संरक्षित किया जा सकता है।  साथ ही आसपास के गांवों में ग्रामीण खुद रेस्ट हाउस तैयार कर सकते हैं। इससे गांवों के लोगों को खासा फादया होगा।


बैटरी चालित वाहनों से होगी जंगल सफारी


अधिकारियों द्वारा प्रोजेक्‍ट प्रजेंटेशन के दौरान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने सुझाव दिया कि, जंगल सफारी प्रोजेक्ट तैयार करते समय पर्यटकों के वाहनों की पार्किंग के लिए भी जगह चिन्हित की जाए। उन्होंने कहा कि, इस सफारी में आने वाले लोग केवल बैटरी चालित वाहनों से ही आएं ताकि अरावली पर्वत श्रृंखला की हरियाली और पर्यावरण को नुकसान न हो। साथ ही उन्‍होंने भरोसा दिलाया कि, जंगल सफारी बनाने के लिए उनके मंत्रालय से जो भी स्वीकृति या मंजूरी की आवश्यकता होगी वह जल्द दिला दी जाएगी।


यहां पाई जाती है पशु पक्षियों के सैंकड़़ो प्रजातियां


कुछ वर्षो पहले करवाए गए सर्वे के अनुसार अरावली पर्वत श्रृंखला (Aravalli mountain range) में पक्षियों की 180 प्रजातियां, मैमल्स (स्तनधारी) वन्य जीवों की 15 प्रजातियां, रेप्टाइल्स और पानी में रहने वाले प्राणियों की 29 प्रजातियां तथा तितलियों की 57 प्रजातिया हैं।

इस प्रेजेंटेशन में जंगल सफारी के लिए गुड़गांव और नूंह की अरावली पर्वत श्रृंखला में पड़ने वाले लगभग 3800 हेक्टेयर (10 हजार एकड़) भूमि का प्रस्ताव किया गया है।