Liquor : रम, वोदका, व्हिस्की और वाइन जानिये किसमें होता है ज्यादा नशा, पीने वाले जरूर जान लें ये बात
दुनियाभर में बहुत से ऐसे लोग हैं जो ज्यादा नशे वाली शराब पीना पसंद करते हैं। अगर आप भी उनमें से ही एक हैं। तो आज हम आपको इस खबर के माध्यम से ये बताने जा रहे हैं कि सबसे ज्यादा नशा किस शराब में होता है। ड्रिंक करने वालों को शराब को लेकर कुछ अहम जानकारियां होनी चाहिए। क्योंकि कुछ शराब ऐसी होती हैं जो एक दो पेग पीते हैं चढ़ जाती हैं। चलिए नीचे खबर में जानते हैं-
HR Breaking News (ब्यूरो)। भारत समेत पूरी दुनिया में ऐसे करोड़ों लोग हैं, जो नए साल का स्वागत जाम छलकाकर करते हैं. अगर आप भी ऐसे ही लोगों की सूची में शामिल हैं तो जाम टकराने से पहले जान लें कि रम, वोदका, व्हिस्की, वाइन और बीयर में से किसमें सबसे ज्यादा नशा होता है. कहीं ऐसा ना हो कि जानकारी ना होने के कारण आप अपनी क्षमता से ज्यादा शराब पीकर लड़खड़ाने लगें. बता दें कि सभी तरह हार्ड ड्रिंक्स में अल्कोहल की मात्रा अलग होने के कारण इनमें नशा भी अलग-अलग स्तर का होता है.
रम, वोदका, व्हिस्की, वाइन, शैंपेन, बीयर को बनाने की अलग-अलग प्रक्रिया के कारण सभी के स्वाद और रंग में अंतर होता है. शौकीन लोग अपनी पसंद के मुताबिक इनमें से किसी एक को या कॉकटेल के लिए दो-तीन तरह की शराब मिलाकर पीते हैं. शराब के शौकीन लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि इन सभी में क्या अंतर होता है? वहीं, कुल लोग कभी-कभार शौकिया तौर पर शराब पीते हैं. ऐसे लोग ज्यादातर बार किसी भी ब्रांड का इस्तेमाल कर लेते हैं. बावजूद इसके उन्हें शराब के अलग-अलग प्रकारों की जानकारी कम ही होती है. वहीं, जो लोग शराब कभी नहीं पीते, उन्हें इनके बारे में जानकारी होना थोड़ा मुश्किल ही होता है. हम आपको बताने की कोशिश करेंगे कि इनमें क्या अंतर होता है और किसमें सबसे ज्यादा नशा होता है.
जले हुए ओक या लकड़ी के बैरल में रखी जाती है रम
रम में अल्कोहल की मात्रा काफी ज्यादा रहती है. रम में 40 फीसदी से ज्यादा अल्कोहल होता है. इसकी कीमत भी काफी कम रहती है. ज्यादातर लोग रम को सर्दियों में पीना सबसे ज्यादा पसंद करते हैं. रम बनाने के लिए गन्ने के रस का फर्मंटेशन किया जाता है. इसके बाद इसका डिस्टिलेशन किया जाता है. जले हुए ओक या लकड़ी के बैरल में रम को कुछ समय के लिए रखने से रंग गहरा और स्वाद ज्यादा तीखा हो जाता है. कई बार रम में रंग और स्वाद के लिए गुड़, जली हुई चीनी या कारमेल भी मिलाया जाता है.
वोदका में होता है सबसे ज्यादा नशा, 60% अल्कोहल
पानी की तरह पारदर्शी और महिलाओं की पसंदीदा वोदका में 60 फीसदी तक अल्कोहल रहता है. इसलिए इसका असर तेजी से होता है और काफी देर तक रहता है. अल्कोहल की मात्रज्ञ ज्यादा होने के कारण इसमें सबसे ज्यादा नशा होता है. रूस और पूर्वी यूरोप में इसका प्रोडक्शन सबसे ज्यादा होता है. वोदका को अनाज और शीरे से बनाया जाता है. बता दें कि वोदका को किसी भी स्टार्च या शुगर प्लांट में बनाया जा सकता है. आजकल वोदका अनाज, चारा, मकई या गेहूं से बनाई जाती है. अनाज के मामले में गेहूं से बनी वोदका को सबसे अच्छा माना जाता है.
रेड ही नहीं व्हाइट कलर में भी आती है वाइन
वाइन रेड और व्हाइट दोनों रंग में आती है. इसमें 9 से 18 फीसदी तक अल्कोहल होता है. लिहाजा, इसका स्वाद काफी हल्का रहता है. इसे बनाने के लिए सबसे ज्यादा अंगूर का इस्तेमाल होता है. रेड वाइन लाल या काले अंगूर के पल्प से बनती है. इसे बनाने के लिए अंगूर के छिलके के साथ फर्मेंटेशन किया जाता है. व्हाइट वाइन को फर्मेंटिंग जूस से तैयार बनाया जाता है. इसके लिए अंगूर का रस निकाल लियया जाता है. व्हाइट वाइन बनाने की प्रक्रिया में छिलकों का कोई इस्तेमाल नहीं होता है.
यूरोप में होता है व्हिस्की का ज्यादा उत्पादन
व्हिस्की गेहूं और जौ से तैयार की जाती हैं. इसमें 30 से 60 फीसदी तक अल्कोहल होता है. सामान्य तौर पर व्हिस्की में 40 फीसदी अल्कोहल ही रखा जाता है. व्हिस्की का सबसे ज्यादा उत्पादन यूरोप में होता है. व्हिस्की जौ या गेहूं के अंकुरण से मिलने वाले माल्ट के फर्मंटेशन से मिले घोल के डिस्टिलेशन से बनाई जाती है. कुछ व्हिस्की को बनाने के लिए जौ, गेहूं या राई को पीसकर पानी तथा खमीर में मिलाया जाता है.
अनाजों के मिश्रण से बनाई जाती है बीयर
बीयर जौ, चावल और मक्का से बनाई जाती है. बीयर बनाने के लिए तीनों को मिलाकर गर्म पानी में भिगोया जाता है. मैश करने के दौरान इसमें से लिक्विड निकाला जाता है. इसे हॉप्स के साथ मिलाकर उबाल लिया जाता है. इसके बसद इसे ठंडा किया जाता है. फिर इसमें शीरा मिलाकर इसका फर्मंटेशन और फिर डिस्टिलेशन किया जाता है. इसमें ज्यादा से ज्यादा 10 फीसदी अल्कोहल होता है. इसलिए इसका असर और स्वाद हल्का ही रहता है. हालांकि, ज्यादा मात्रा में लेने पर इससे भी बहुत नशा हो सकता है.
