किसी एक्ट्रेस से कम नहीं ये IAS-IPS ऑफिसर, खूबसरती देखकर रह जाओगे दंग
HR Breaking News,(डिजिटल डेस्क): देश में हर साल यूपीएससी की परीक्षा में लाखों अभ्यार्थी बैठते है परंतु उनमें चंद ही इनमें कामयाब हो पाते हैं। प्रशासनिक अधिकारी बनने की चाहत और सपना कई लोग देख पाते हैं। इसके हर किसी की अलग-अलग वजह होती है। कोई समाज में सुधार करने के लिए इन पदों पर आना चाहता है तो कोई रुतबे और अच्छी तनख्वाह की वजह से इन पदों को पाना चाहता है। वजह चाहे कोई भी लेकिन देश के सरकारी पदों जैसे आईपीएस, आईएएस, आईएफएस के पद पर तैनात होने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। बड़ी परीक्षाएं देनी पड़ती और फिर साक्षात्कार के दौर से गुजरना पड़ता है।
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आज हम आपको देश की ऐसी आईएएस और आईपीएस महिला अधिकारियों के बारे में बताना चाहते है, वह काफी खूबसूरत है। इसके साथ ही वह अपनी जिम्मेदारी को बखूबी से तो निभा रहे हैं। ये चाहे तो अपना करियर मॉडलिंग या फिल्मी दुनिया में बना सकते थे, लेकिन इन्होने देश सेवा करने का फैसला किया।
1. स्मिता सभरवाल
स्मिता सभरवाल एक आईएएस अधिकारी है। इनका जन्म साल 1977 में पश्चिम बंगाल के दार्जलिंग में हुआ था। स्मिता सभरवाल साल 2001 में आईएएस अधिकारी चुनी गई। स्मिता “पीपुल्स अधिकारी” के रूप में जानी जाती है, महिला होने के नाते इस शीर्षक से सम्मानित किया जाना गौरव की बात है। स्मिता पहली महिला अधिकारी है जिन्हे सीएम ऑफिस में तैनाती मिली है।
2. रिजू बाफना
रिजू बाफना 2014 में आईएएस अधिकारी बनी। रिजू का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ। उन्होंने प्राथमिक शिक्षा भी यही से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने स्नातक की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिलि की। रिजू ने दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में मास्टर की डिग्री पढाई की।
3.मेरिन जोसेफ
मेरिन जोसेफ केरल कैडर की सबसे कम उम्र क आईपीएस अधिकारी है। मेरिन ने 25 वर्ष की उम्र में सिविल सर्विसेज की परीक्षा की थी। साल 2012 में अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास की थी। दिल्ली में जन्मी मेरिन ने दिल्ली पढ़ाई पूरी की है। इनके पिता कृषि मंत्रालय में प्रमुख सलाहकार और माँ एक अर्थशास्त्र शिक्षक है। इनकों वाई-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने के लिए चुना गया था। जो जी-20 देशों के युवा अधिकारियों का एक कार्यक्रम है। 2015 में जोसेफ ने कोट्टयम के मनोचिकित्सक क्रिस इब्राहीम से शादी कर ली।
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4.कंचन चौधरी भट्टाचार्य
कंचन चौधरी भट्टाचार्य साल 1973 से 2007 तक आईपीएस अधिकारी रही। वह पहली महिला आईपीएस अधिकारी है जिन्हे पुलिस महानिदेशक बनाया गया। वह हिमाचल प्रदेश से तालुक रखती है। इन्हें राष्ट्रपति पदक और राजीव गांधी पुरूस्कार से सम्मानित किया गया है। कंचन लोकसभा चुनाव 2014 में आम आदमी पार्टी की ओर से हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र से चुनावों में हाथ आजमाया।
5. मीरा बोरवंकर
मीरा बोरवंकर 1981 बैच की आईपीएस ऑफिसर है। मीरा पंजाबी परिवार से आती है। मीरा ने जालंधर से स्नातक की पढाई पूरी की है। मीरा बोरवंकर ‘लेडी सुपरकॉप’ नाम से भी जानी जाती है। दाउद इब्राहिम और छोटा राजन की गिरोह के सदस्यों को गिरफ्तार करने के बाद मीरा सुर्खियों में आई। इन्होंने जलगांव में 1994 में हुए सेक्स स्कैंडल के शामिल लोगो को भी अरेस्ट किया था। बॉलीवुड फिल्म “मर्दानी” भी इनके कैरियर लाइफ पर आधारित है।
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6. संजूक्ता पाराशर
संजूक्ता पाराशर का जन्म 3 अक्टूबर 1979 को हुआ था। वह 2006 बैच की आईपीएस अधिकारी है। इनका जन्म असम में हुआ है। ये असम राज्य से पहली आईपीएस अधिकारी हैं, और असम के बोडो उग्रवादियों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका के बाद यह सुर्खियों में आई।
7. रोशन जैकब
Roshan Jacob की उम्र 48 वर्ष है यह वर्ष 2004 में IAS Officer बनी थी। इन्होंने ऐसे बहुत से कार्य किए हैं जिसकी वजह से इन्हें कई बार पुरस्कार भी दिए जा चुके हैं। जैकब का जन्म 25 दिसंबर 1978 में हुआ था। वह केरल राज्य से संबंध रखती है। मौजूदा समय में रोशन यूपी के गोंडा जिले की जिलाधिकारी है।
8. वंदना प्रेयसी
वंदना प्रेयसी 2003 बैच की आईपीएस अधिकारी है। इन्होने दिल्ली से ही अपनी पढ़ाई पूरी की है। वर्तमान में वंदना बिहार के सीवान जिले की मजिस्ट्रेट है। इनको बोल्ड और नॉन सेंस होने के लिए जाना जाता है। इनका जन्म 21 फरवरी 1974 को बिहार में हुआ था। वे बिहार की सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा हैं।
9. आईएएस बी.चंद्रकला
आईएएस बी.चंद्रकला आंध्र प्रदेश की रहने वाली है। इसके बाद जब उन्हें यूपी कैडर दिया गया और इलाहाबाद और मथुरा में रहते हुए आईएएस चंद्रकला ने यूपी में ईमानदारी मिशाल पेश की। बुलंदशहर में रहते डीएम चंद्रकला ने एक वीडियो में सड़क की क्वालिटी को लेकर संबंधित लोगों तो डांटती दिखाई दी। उसी वीडियो ने डीएम चंद्रकला को ईमानदारी का सबूत दिया और पूरे भारत में पहचान बन गई।