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प्याज के दामों में गिरावट के बाद किसान हुए परेशान, बोले- अब नहीं करेंगे खेती

किसानों को एक तरफ जहां गेहूं (wheat) और कपास (cotton) ने मुनाफा दिया है वहीं दूसरी ओर प्याज (onion) के दाम में जारी गिरावट ने किसानों को समस्या में डाल दिया है। प्याज के दामों में गिरावट को देखकर किसान परेशान हो गए है अब तो किसानों ने यह तक भी कह दिया है कि अब नहीं करेंगें खेती आइए नीचे खबर में जानते है अनाज मंडी में चल रहे प्याज के ताजा भाव के बारे में (anaj mandi ke taza bhav)
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HR Breaking News, डिजिटल डेस्क चंडीगढ़, प्याज के दाम में गिरावट जारी है। जिससे  किसानों की समस्या बढ़ती जा रही है। किसान अब अपने प्याज को मुफ्त में बांटना ज्यादा बेहतर समझ रहे हैं। राज्य में इस समय प्याज 100 रुपये से 200 रुपये क्विंटल में बिक रहा है। इसके चलते किसान अब प्याज (Onion) का भंडारण कर रहे हैं, लेकिन भंडारण करने की सुविधाएं सभी किसानों के पास नहीं होती हैं, इसिलए बहुत से किसान कम दाम में प्याज बेचने के लिए मजबूर हैं।

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वही कुछ किसान अभी भी लाल प्याज बाजारों में बेचने के लिए ला रहे हैं, जिसका रेट उन्हें 1 रुपये मिल रहा है। किसानों का कहना है कि लाल प्याज हमने कुछ महीनों से स्टोरज करके रखा था, क्योंकि पहले बहुत कम मिल रहा था। अब लगातार भाव गिरते ही जा रहे हैं, जिसके चलते अब लाल प्याज हमें कम दामों में बेचना पड़ रहा है,

क्योंकि लाल प्याज ज्यादा समय तक नहीं स्टोर कर सकते हैं। वही मंडी भाव की बात करे तो 17 तारीख को औरंगाबाद महज 160 रुपये प्रति क्विंटल का भाव था,इसके अलावा पंढरपुर में 200 रुपये क्विंटल मिला भाव किसानों मिल रहा था तो वही सोलापुर में लाल प्याज़ 1 रुपये किलो बिका रहा हैं

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इतना कम भाव मिलने से किसान (Farmer)परेशान हैं किसानों का कहना हैं कि अगर ऐसा ही रहा तो प्याज़ की खेती हमें छोड़ना पड़ सकता हैं। क्या बोले प्याज किसान? नासिक जिले के रहने वाले किसान सावंत सुरेश मंडल ने बताया कि इस उन्हें प्याज की खेती से अच्छा उत्पादन मिला, लेकिन कीमतों में गिरावट आने से सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया। किसान ने बताया कि वो 300 रुपये प्रति क्विंटल पर प्याज बेचने को मजबूर हुए, क्योंकि उनके पास स्टोरेज करने की सुविधा नहीं थी।

ऐसे में 80 से 90 क्विंटल प्याज उन्हें कम रेट पर बेचना पड़ा। वहीं अब किसानों का कहना है कि वे प्याज की खेती नहीं करेंगे। ज्यादातर कपास की खेती पर जोर देंगे। आने वाले खरीफ के मौसम में किसान सबसे ज्यादा कपास की खेती की ओर रुख कर रहे हैं। प्याज को भी करें न्यूनतम समर्थन मूल्य के दायरे में महाराष्ट्र प्याज उत्पादक संघ के अध्यक्ष भारत दिगोले का कहना है कि महाराष्ट्र में सारा मुनाफा व्यपारियों को ही होता है। वे अपने हिसाब से ही बाजार को चलाते हैं। प्रशासन का इस पर कोई कंट्रोल नहीं है।

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दिगोले का कहना है कि इस साल प्याज का अच्छा उत्पादन हुआ है, लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि किसानों को 1 रुपये और 3 रुपये प्रति किलो का भाव मिले। प्याज की खेती में किसानों को 18 रुपए तक खर्च आता है। ऐसे में किसान अपनी लगात तक नहीं निकाल पा रहे हैं। इसिलए अगर सरकार प्याज पर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करे तब जा कर किसानों को फायदा होगा। अध्यक्ष भारत दिगोले का कहना है कि इस साल नेफेड ने भी बहुत कम दाम में प्याज खरीदा है।