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आंदोलन से लौटे किसानों का फूलों से स्वागत, हर तरफ खिले चेहरे और जीत का जश्न

अंबाला। दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन खत्म होने के बाद लगभग किसान अपने-अपने शहरों में पहुंच चुके हैं। आंदोलन की जीत का जश्न अब गांवों में पंचायतें मना रही है। शंभू टोल से लेकर सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन की कमान संभालने वाले किसानों का अलग-अलग गांव में भव्य स्वागत हो रहा है। सोमवार को अंबाला शहर
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आंदोलन से लौटे किसानों का फूलों से स्वागत, हर तरफ खिले चेहरे और जीत का जश्न

अंबाला। दिल्ली बॉर्डर पर आंदोलन खत्म होने के बाद लगभग किसान अपने-अपने शहरों में पहुंच चुके हैं। आंदोलन की जीत का जश्न अब गांवों में पंचायतें मना रही है। शंभू टोल से लेकर सिंघु बॉर्डर पर आंदोलन की कमान संभालने वाले किसानों का अलग-अलग गांव में भव्य स्वागत हो रहा है। सोमवार को अंबाला शहर के गांव जलबेड़ा सहित कौलां गांव में स्वागत समारोह हुए। ढोल पर भंगड़ा डालते हुए किसान नेताओं पर फूल बरसाए गए। इसके साथ उन्हें तरह-तरह से पकवान भी खिलाए गए।

अलग-अलग गांव से दिया जा रहा न्यौता

किसानों ने नेताओं का आभार जताया कि उनके हिस्से की लड़ाई को बखूबी निभाया। परिवार की मजबूरियों में फंसने के कारण वह तो लगातार हिस्सेदार नहीं बन सके, लेकिन उन्होंने अंबाला के किसानों का नाम रोशन कर दिया। किसान नेताओं की गाड़ियों का काफिला एक गांव से दूसरे गांव तक गुजरता रहा। भाकियू ब्लॉक वन प्रधान सुखविंद्र सिंह का कहना था कि अलग-अलग गांव में स्वागत के लिए बुलाया जा रहा है।

अमृतसर माथा टेकने के लिए रवाना हुए किसान

भारतीय किसान यूनियन के जिला प्रधान मलकीयत सिंह दर्जनों किसानों के संग अमृतसर दरबार सिंह के लिए रवाना हुए। किसान आंदोलन की जीत का शुकराना करके वापस लौटेंगे। मलकीयत सिंह ने बताया कि समस्त किसानों के मेहनत, लगन, जुनून का ही नतीजा है कि आज सरकार को झुकाने के बाद अपनी मांगों को पूरा करवाकर लौटे हैं।