Monsoon alert : दिल्ली यूपी में मौसम का दिखेगा विकराल रूप, आंधी तुफान के साथ होगी बारिश
Monsoon alert : वैसे तो देश के कई राज्यों में इस सावन के महीने में अच्छी खासी बारिश देखने को मिल रही है, लेकिन अब राजधानी दिल्ली यूपी में भारी बारिश वहां के लोगों को अपना विकराल रूप दिखाने वाली है। आईएमडी का कहना है कि आने वाले दिनों में दिल्ली-यूपी (Delhi ka Mausam) में आंधी तुफान के साथ भारी बारिश पड़ने के आसार है। आइए जानते हैं दिल्ली यूपी सहित अन्य राज्यों का मौसम का हाल।
HR Breaking News (Monsoon alert) सावन की शुरुआत के साथ ही कई राज्यों में मानसून जमकर बरस रहा है। इसी दौरान मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों के लिए कई राज्यों में भारी से भारी बारिश को लेकर पूर्वानुमान जताया है। मौसम विभाग के अनुसार कई राज्यों (Monsoon alert) में आंधी तुफान के साथ भारी बारिश के आसार है। इस दौरान दिल्ली यूपी में मौसम का विकराल रूप देखने को मिलेगा।
किन राज्यों के लिए किया अलर्ट जारी
मौसम विभाग (IMD Weather Alert)का कहना है कि अगले कुछ घंटों के दौरान कई राज्यों में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है कि आज 19 जुलाई को राजस्थान दिल्ली-एनसीआर यूपी बिहार हरियाणा-पंजाब समेत हिमाचल प्रदेश उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में आंधी-तूफान के साथ मूसलाधार बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक राजधानी दिल्ली में अगले एक सप्ताह तक बादलों की आवाजाही के साथ ही भारी की भी संभावना है।
इन राज्यों में मानूसरी बारिश ढा रही कहर
इस मानसूनी बारिश के चलते कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थितनी बन गई है और बाढ़ की स्थिति का सामना करने वाले राज्यों में असम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, त्रिपुरा, उत्तराखंड, कर्नाटक ,बंगाल, गुजरात और हिमाचल प्रदेश का नाम शामिल हैं।
इन राज्यों में हिमाचल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। अब तक हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Weather Forecast) में बाढ़ और भारी बारिश के चलते 105 लोगों की जान जा चुकी है।
इन राज्यों में रहेगा बिजली गिरने का खतरा
इस भारी बरसात के दौरान यूपी-बिहार (UP Bihar Weather)में आकाशीय बिजली गिरने का खतरा और पहाड़ों पर बादल फटने और भूस्खलन के खतरे की स्थिती बनी रहेगी। इसके साथ ही महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में मानसूनी बारिश के चलते नदियां उफान पर रह सकती है। इसके अलावा अगले 24 घंटे के भीतर पश्चिम बंगाल, असम, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय में मूसलाधार बारिश हो सकती है।
किन राज्यों में सामान्य से कम रही बरसात
आईएमडी (IMD Weather Alert)के आंकड़ों के मुताबिक कुछ राज्यों में सामान्य से अधिक वर्षा हुई है। इन राज्यों में झारखंड, राजस्थान और लद्दाख शामिल है। इसके अलावा कई अन्य विशेष रूप से पूर्वोत्तर और दक्षिणी भागों में लोग बारिश की कमी का सामना कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक 1 जून से 16 जुलाई के बीच देश ने 331.9 मिमी बारिश हुई है, जो इस अवधि के लिए सामान्य 304.2 मिमी बारिश से तकरीबन 9 प्रतिशत ज्यादा रही है।
कहां हुई सबसे अधिक वर्ष
इसके अलावा झारखंड में कुल 595.8 मिमी बारिश के साथ सामान्य से 71 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। जबकि यहां होने वाली सामान्य बारिश 348.9 मिमी ही होती है।
अब तक राजस्थान (Rajastha Wather Forecast) में सबसे अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो 271.9 मिमी देखी गई है। यहां सामान्य वर्षा 125.6 मिमी होती है जो मौजूदा बारिश से 116 प्रतिशत ज्यादा रही है।
2025 के मानसून में हुई खूब बारिश
वैसे तो बहुत कम बारिश वाले लद्दाख ने 8 मिमी की सामान्य बारिश के मुकाबले इस बार 15.8 मिमी वर्षा प्राप्त की, जो देखा जाए तो सामान्य से 97 प्रतिशत ज्यादा है। इसके अलावा पांच अन्य राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों ने भी बहुत ज्यादा बारिश (Weather Rain Alert)दर्ज की, जो सामान्य से 20 से 59 प्रतिशत ज्यादा रही है।
इनमें हरियाणा, ओडिशा, मध्य प्रदेश, गुजरात और दादरा एवं नगर हवेली और दमन एवं दीव राज्य का नाम शामिल हैं। इसके अलाा मध्य प्रदेश ने सामान्य 281.3 मिमी के मुकाबले 470.6 मिमी बारिश दर्ज की, जो सामान्य से 67 प्रतिशत ज्यादा रही है।
गुजरात में भी हुई भारी बारिश
गुजरात के मौसम (Gujrat Ka Mausam)की बात करें तो यहां मानसून में 388 मिमी बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से 64 प्रतिशत ज्यादा है। कई राज्यों और संघ शासित क्षेत्रों में सामान्य बारिश देखी गई,जो सामान्य सीमा के 19 प्रतिशत के भीतर या उससे नीचे रही थी।
इन राज्यों में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड, गोवा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, सिक्किम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का नाम शामिल हैं।
कृषकों के लिए कैसे जरूरी है मानसून
मौसम विभाग(IMD Weather Forecast) ने मई में पूर्वानुमान जारी किया था देशभर में जून-सितंबर मानसून सीजन के दौरान 87 सेमी के दीर्घकालिक औसत बरसात का 106 प्रतिशत प्राप्त हो सकता है। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ जगहों में सामान्य से कम वर्षा होने की संभावना है।
मानसून भारत के कृषि क्षेत्र के लिए बेहद जरूरी है, जो लगभग 42 प्रतिशत जनसंख्या की आजीविका के लिए जरूरी है और जीडीपी में 18.2 प्रतिशत का योगदान देता है।
