Delhi Weather : दिल्ली में मॉनसून अलविदा, जानिये अक्तूबर महीने में कैसा रहेगा वैदर
Monsoon 2023: दिल्ली, पंजाब-हरियाणा-चंडीगढ़, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी और पश्चिम राजस्थान से मानसून की विदाई हो गई है. आइए जानते है मौसम के बारे में ताजा जानकारी।

HR Breaking News (नई दिल्ली)। दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिल्ली से वापसी हो गई है. शहर में इस मौसम के दौरान सामान्य से अधिक बारिश हुई.राष्ट्रीय राजधानी में आमतौर पर मानसून 27 जून तक आता है और 25 सितंबर तक समाप्त हो जाता है. इस साल दिल्ली में 25 जून को मानसून ने दस्तक दी थी.
मौसम विभाग ने कहा कि दक्षिण पश्चिम मानसून की जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कुछ हिस्सों से वापसी हो गई है; पूरे पंजाब और हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली; पश्चिम उत्तर प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्से और पश्चिम राजस्थान के कुछ और हिस्सों में आज इसकी वापसी हो गई है.
मौसम कार्यालय ने कहा कि जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों; मध्य प्रदेश के कुछ और हिस्से; राजस्थान के शेष हिस्सों और गुजरात के कुछ हिस्सों में अगले दिन से तीन दिन में मानसून की वापसी के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं.
अक्टूबर महीने में कैसा रहेगा मौसम
भारत में अक्टूबर में अधिकतम तापमान सामान्य या सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि पूर्वोत्तर मानसून अक्टूबर से दिसंबर की अवधि में सामान्य रहने का अनुमान है. इसका मतलब है कि इस क्षेत्र में लंबी अवधि के औसत 334.13 मिमी के मुकाबले 88 प्रतिशत से 112 प्रतिशत बारिश हो सकती है. पूर्वोत्तर मानसून के प्रभाव से दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के पांच मौसम संबंधी उपमंडलों – तमिलनाडु, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में बारिश होती है. पूर्वोत्तर के कुछ हिस्सों को छोड़कर, भारत के बड़े हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का अनुमान है.
औसत से छह प्रतिशत कम हुई मानसूनी बारिश
भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को कहा कि इस साल मानसून सीजन (जून से सितंबर) के दौरान देश में बारिश दीर्घावधि औसत से छह प्रतिशत कम रही. इसमें कहा गया है कि उत्तर-पश्चिम, मध्य भारत, दक्षिण प्रायद्वीप और उत्तर-पूर्व भारत में मौसमी वर्षा क्रमशः औसत का 101 प्रतिशत, 100 प्रतिशत, 92 प्रतिशत और 82 प्रतिशत रही. नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा (एनएमएमटी) क्षेत्र, पश्चिम बंगाल का गंगा का मैदान, झारखंड, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और केरल में कम बारिश हुई.