home page

कपास की बिजाई से पहले सरकार देगी 3000 की आर्थिक मदद, ऐसे उठाएं लाभ

Farmers will get subsidy for sowing cotton प्रदेश में हर साल की तरह गेहूं की कटाई (wheat harvesting) के बाद कपास की बिजाई (cotton sowing) 15 अप्रैल से शुरू हो जाती है। जिसको देखते हुए हरियाणा सरकार (haryana sarkar) ने किसानों को कपास की बिजाई से पहले उन्हें आर्थिक मदद देते हुए 3000 रुपए की सब्सिडी देने का ऐलान किया है। आइए नीचे खबर में जानते है किसान कैसे उठाएं सब्सिडी का लाभ
 
 | 
subsidy for sowing cotton कपास की बिजाई के लिए किसानों को मिलेगी सब्सिडी

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क न्यू दिल्ली,  सूत्रों के मुताबिक, हरियाणा सरकार कपास की खेती (cotton cultivation) के लिए किसानों को प्रति एकड़ 3,000 रुपये की सब्सिडी (subcidy) देगी। राज्य सरकार के इस फैसले से राज्य में कपास का उत्पादन (cotton production) करने वाले किसानों को फायदा होगा। हरियाणा सरकार ने राज्य के मूल कपास उत्पादन को बढ़ाने का अच्छा फैसला लिया है।

 

हरियाणा सरकार कपास उत्पादन की समस्याओं से बचने के लिए राज्य में देशी कपास (native cotton) का उत्पादन करने वाले किसानों की मदद करेगी। सूत्रों के अनुसार हरियाणा सरकार की ओर से कपास की खेती के लिए किसानों को प्रति एकड़ 3 हजार रुपए का अनुदान दिया जाएगा. राज्य सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के कपास उत्पादक किसानों को लाभ होगा. बता दें कि हरियाणा में मुख्यत: तीन प्रकार के कपास के बीजों का इस्तेमाल किसानों द्वारा किया जाता है-

ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें

 

नरमा बीटी कॉटन देशी कपास सामान्यता प्रदेश में कपास के सभी बीजों की बिजाई 15 अप्रैल से शुरू हो जाती है. इसे देखते हुए हरियाणा सरकार किसानों को बिजाई से पहले उन्हें आर्थिक मदद उपलब्ध करा दी है ताकि प्रदेश में कपास का उत्पादन बढ़ाया जा सकें. हरियाणा सरकार की योजना: एक दृष्टि सरकार की ओर से अब देसी कपास का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को तीन हजार रुपए प्रति एकड़ व समेकित कीट प्रबंधन एवं एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन के लिए एक हजार रुपए प्रति एकड़ अनुदान देने का प्रावधान किया है. किसानों को उच्च क्वालिटी का बीज उपलब्ध करवाने के लिए कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं.

ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें


19.25 एकड़ क्षेत्र में कपास की बिजाई का है लक्ष्य हरियाणा में कपास खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली एक प्रमुख नकदी फसल है. 2022 में कृषि विभाग की ओर से प्रदेश में 19.25 एकड़ क्षेत्र में कपास की बिजाई का लक्ष्य है जो पिछले वर्ष से अधिक है. पिछले वर्ष प्रदेश में करीब 15.90 एकड़ में कपास की खेती की गई थी. कहाँ होती है प्रदेश में कपास की खेती प्रदेश के सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, जींद, सोनीपत, पलवल, गुरूग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी, चरखी, दादरी, नारनौल, झज्जर, पानीपत, कैथल, रोहतक ओर मेवात जिलों में प्रमुख रूप से कपास की खेती की जाती है. कृषि विभाग ने की 60 लाख पैकेट बीटी कपास के बीजों की व्यवस्था कर दी है.

ताजा समाचारों के लिए यहां क्लिक करें

25 अप्रैल से शुरू हो चुके हैं कपास पर अनुदान के लिए रजिस्ट्रेशन कपास की खेती करने वाले किसान भाई जो अनुदान प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल' पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा. किसान अनुदान प्राप्त करने के लिए 25 अप्रैल से 31 मई तक योग्य हैं. अनुदान की प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेज किसान, पोर्टल के लिंक https://fasal.haryana.gov.in/ पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. -आवेदन करने वाले किसान का आधार कार्ड

आवेदन करने वाले किसान का पहचान-पत्र -आवेदन करने वाले किसान का निवास प्रमाण-पत्र -खेत की जमीन के कागजात -आवेदक का आधार से लिंक पंजीकृत मोबाइल नंबर बैंक खाता विवरण (बैंक पासबुक की कॉपी और आवेदन करने वाले किसान का पासपोर्ट साइज फोटो)