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चीनी की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार उठा सकती है ये कदम

Modi government  big step to keep sugar prices under control दिन प्रतिदिन बढ़ती महंगाई का सीधा असर (direct effect of inflation) घरेलू बजट पर पड़ रहा है। आपको बता दे कि चीनी की कीमतो पर लगाम (curb sugar prices) लगाने को लेकर केंद्र सरकार (Central government) बढ़ा कदम उठाने जा रही है। जिसके बाद चीनी के दामों में रुकावट (Sugar prices hit) हो सकती है। आइए नीचे खबर में जानते है मोदी सरकार का नया प्लान (Modi government's new plan)
 
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sugar prices चीनी की कीमतों पर लगाम लगाने के लिए मोदी सरकार उठा सकती है ये कदम

HR Breaking News, डिजिटल डेस्क नई दिल्ली, केंद्र सरकार 6 साल में पहली बार चीनी के एक्सपोर्ट (export of sugar) को सीमित करना चाहती है। इसका मकसद घरेलू बाजार में चीनी कीमतों को बढ़ने से रोकना है। सरकार इस सीजन के शुगर एक्सपोर्ट (sugar export) को 80 लाख टन तक सीमित कर सकती है। सरकार और इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों ने यह बात रॉयटर्स को बताई है। उनका कहना है कि इसको लेकर अगले महीने की शुरुआत में घोषणा हो सकती है। 

 

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शुगर कंपनियों के शेयरों में आई गिरावट
इस खबर से शुगर कंपनियों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली है। मवाना शुगर्स लिमिटेड के शेयर शुक्रवार को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में 5.29 फीसदी की गिरावट के साथ 142.25 रुपये पर बंद हुए। वहीं, द्वारिकेश शुगर के शेयर 4.13 फीसदी की गिरावट के साथ 123.15 रुपये पर बंद हुए। धामपुर शुगर मिल्स के शेयरों में 3.66 फीसदी की गिरावट आई। बलरामपुर चीनी मिल्स के शेयर 2.25 फीसदी की कमजोरी के साथ 478.70 रुपये पर बंद हुए।

 


लेवी लगाने के लिए विकल्प पर भी हो रहा विचार
मामले की जानकारी रखने वाले एक सीनियर गवर्नमेंट ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया, 'शुगर आउटपुट, रिकॉर्ड हाई रहने वाला है। लेकिन, एक्सपोर्ट के कारण स्टॉक्स तेजी से घट रहा है। अनियंत्रित निर्यात से चीनी की कमी हो सकती है और फेस्टिव सीजन के दौरान चीनी के लोकल प्राइसेज में तेज उछाल आ सकता है।' तीन में से दो सूत्रों का कहना है कि शुगर एक्सपोर्ट 80 लाख टन तक सीमित रखने की योजना है। एक ऑफिसर ने बताया है कि सरकार चीनी के ओवरसीज सेल्स को हतोत्साहित करने के लिए लेवी लगाने के विकल्प पर भी विचार कर रही है।    

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इंडस्ट्री से जुड़े एक ऑफिसर ने बताया है कि सरकार 60-70 लाख टन के ओपनिंग स्टॉक के साथ नए सीजन की शुरुआत करना चाहती है, जो कि दिसंबर तिमाही की डिमांड को पूरा करने के लिए पर्याप्त होगा। शादियों के सीजन और दीवाली, दशहरा जैसे त्योहारों के कारण दिसंबर तिमाही में आमतौर पर डिमांड में तेज उछाल आता है।