Haryana Mosam Update  मौसम विभाग की किसानों को चेतावनी, हरियाणा, पंजाब सहित इन राज्यों में बदलेगा मौसम

Haryana Weather Update Weather Forecastहिमालय में पहुंच सकता है ताजा पश्चिमी विक्षोभ मैदानी क्षेत्र में असर नहीं। केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक मौसम में अभी चल रही हल्की-फुल्की उठा-पठक ज्यादा बदलाव अभी नहीं होंगे महसूस। इस समय मौसम में हल्की उठा-पटक देखी जा सकती है।
 
 

HR Breaking News, करनाल, मौसम विभाग के मुताबिक एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ शुक्रवार को हिमालय में पहुंच सकता है, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में इसका कोई असर देखने को नहीं मिला। इसमें विशेषकर हरियाणा, पंजाब, दिल्ली व एनसीआर का क्षेत्र शुष्क ही रहेगा। तापमान में लगातार बढ़ोतरी भी दर्ज की जा रही है।

मौसम विभाग ने संभावना जताई है कि होली पर तापमान में और भी वृद्धि देखने को मिल सकती है। इस समय मौसम में हल्की उठा-पटक देखी जा सकती है, कोई व्यापक बदलाव नहीं हो रहा है। यही कारण है कि मौसम में ज्यादा बदलाव अभी महसूस नहीं होंगे।

 

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21 मार्च को आ सकता है चक्रवात

देशभर में मौसम की स्थिति पर गौर किया जाए तो केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान के मुताबिक इस समय दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर निम्न दबाव का क्षेत्र पूर्व उत्तर पूर्व की ओर बढ़ गया है। इसके 19 मार्च को पूर्व उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने और दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर अच्छी तरह से चिह्नित होने की उम्मीद है।

 

इसके बाद, 20 मार्च की सुबह तक एक अवसाद में तेज हो सकता है। और 21 मार्च को एक चक्रवात में बदल सकता है। चक्रवात बनने के बाद यह उत्तर दिशा में बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार तट की ओर बढ़ सकता है। इस समय एक टर्फ रेखा पूर्वी बिहार से उड़ीसा के उत्तरी हिस्से तक फैली हुई है। 18 मार्च को पश्चिमी हिमालय में एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ आ सकता है।

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मौसम विभाग के मुताबिक कम दबाव का क्षेत्र 5-10 डिग्री नोर्थ और 84-89 इस्ट के बीच एक बड़े संवहनी फैलाव के साथ एक संगठित क्लाउड क्लस्टर के रूप में अच्छी तरह से प्रकट हुआ है। कल देर रात तक सिस्टम के डिप्रेशन में बदलने की काफी संभावना है। बंगाल की खाड़ी, पूरे प्री-मानसून सीजन (मार्च-अप्रैल-मई) में औसतन 1-2 चक्रवाती तूफानों की मेजबानी करती है।

वर्ष 2019 एक अपवाद था, जब सीजन के दौरान तीन तूफान आए। 2019 भारतीय समुद्रों पर कुल रिकार्ड 9 चक्रवातों की मेजबानी के मामले में भी असाधारण था। जिसमें मानसून के बाद (24 अक्टूबर -01 नवंबर) अरब सागर के ऊपर 'सुपर साइक्लोन क्यार' शामिल है।